بسم الله الرحمن الرحيم

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ترتيب الآيةرقم السورةرقم الآيةالاية
21181789ولقد صرفنا للناس في هذا القرآن من كل مثل فأبى أكثر الناس إلا كفورا
और हमने तो लोगों (के समझाने) के वास्ते इस क़ुरान में हर क़िस्म की मसलें अदल बदल के बयान कर दीं उस पर भी अक्सर लोग बग़ैर नाशुक्री किए नहीं रहते
21191790وقالوا لن نؤمن لك حتى تفجر لنا من الأرض ينبوعا
(ऐ रसूल कुफ्फार मक्के ने) तुमसे कहा कि जब तक तुम हमारे वास्ते ज़मीन से चश्मा (न) बहा निकालोगे हम तो तुम पर हरगिज़ ईमान न लाएँगें
21201791أو تكون لك جنة من نخيل وعنب فتفجر الأنهار خلالها تفجيرا
या (ये नहीं तो) खजूरों और अंगूरों का तुम्हारा कोई बाग़ हो उसमें तुम बीच बीच में नहरे जारी करके दिखा दो
21211792أو تسقط السماء كما زعمت علينا كسفا أو تأتي بالله والملائكة قبيلا
या जैसा तुम गुमान रखते थे हम पर आसमान ही को टुकड़े (टुकड़े) करके गिराओ या ख़ुदा और फरिश्तों को (अपने क़ौल की तस्दीक़) में हमारे सामने (गवाही में ला खड़ा कर दिया
21221793أو يكون لك بيت من زخرف أو ترقى في السماء ولن نؤمن لرقيك حتى تنزل علينا كتابا نقرؤه قل سبحان ربي هل كنت إلا بشرا رسولا
और जब तक तुम हम पर ख़ुदा के यहाँ से एक किताब न नाज़िल करोगे कि हम उसे खुद पढ़ भी लें उस वक्त तक हम तुम्हारे (आसमान पर चढ़ने के भी) क़ायल न होगें (ऐ रसूल) तुम कह दो कि सुबहान अल्लाह मै एक आदमी (ख़ुदा के) रसूल के सिवा आख़िर और क्या हूँ
21231794وما منع الناس أن يؤمنوا إذ جاءهم الهدى إلا أن قالوا أبعث الله بشرا رسولا
(जो ये बेहूदा बातें करते हो) और जब लोगों के पास हिदायत आ चुकी तो उनको ईमान लाने से इसके सिवा किसी चीज़ ने न रोका कि वह कहने लगे कि क्या ख़ुदा ने आदमी को रसूल बनाकर भेजा है
21241795قل لو كان في الأرض ملائكة يمشون مطمئنين لنزلنا عليهم من السماء ملكا رسولا
(ऐ रसूल) तुम कह दो कि अगर ज़मीन पर फ़रिश्ते (बसे हुये) होते कि इत्मेनान से चलते फिरते तो हम उन लोगों के पास फ़रिश्ते ही को रसूल बनाकर नाज़िल करते
21251796قل كفى بالله شهيدا بيني وبينكم إنه كان بعباده خبيرا بصيرا
(ऐ रसूल) तुम कह दो कि हमारे तुम्हारे दरमियान गवाही के वास्ते बस ख़ुदा काफी है इसमें शक़ नहीं कि वह अपने बन्दों के हाल से खूब वाक़िफ और देखता रहता है
21261797ومن يهد الله فهو المهتد ومن يضلل فلن تجد لهم أولياء من دونه ونحشرهم يوم القيامة على وجوههم عميا وبكما وصما مأواهم جهنم كلما خبت زدناهم سعيرا
और ख़ुदा जिसकी हिदायत करे वही हिदायत याफता है और जिसको गुमराही में छोड़ दे तो (याद रखो कि) फिर उसके सिवा किसी को उसका सरपरस्त न पाआगे और क़यामत के दिन हम उन लोगों का मुँह के बल औंधे और गूँगें और बहरे क़ब्रों से उठाएँगें उनका ठिकाना जहन्नुम है कि जब कभी बुझने को होगी तो हम उन लोगों पर (उसे) और भड़का देंगे
21271798ذلك جزاؤهم بأنهم كفروا بآياتنا وقالوا أإذا كنا عظاما ورفاتا أإنا لمبعوثون خلقا جديدا
ये सज़ा उनकी इस वज़ह से है कि उन लोगों ने हमारी आयतों से इन्कार किया और कहने लगे कि जब हम (मरने के बाद सड़ गल) कर हड्डियाँ और रेज़ा रेज़ा हो जाएँगीं तो क्या फिर हम नये सिरे से पैदा करके उठाए जाएँगें


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