بسم الله الرحمن الرحيم

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ترتيب الآيةرقم السورةرقم الآيةالاية
20991770ولقد كرمنا بني آدم وحملناهم في البر والبحر ورزقناهم من الطيبات وفضلناهم على كثير ممن خلقنا تفضيلا
हमने आदम की सन्तान को श्रेष्ठता प्रदान की और उन्हें थल औऱ जल में सवारी दी और अच्छी-पाक चीज़ों की उन्हें रोज़ी दी और अपने पैदा किए हुए बहुत-से प्राणियों की अपेक्षा उन्हें श्रेष्ठता प्रदान की
21001771يوم ندعو كل أناس بإمامهم فمن أوتي كتابه بيمينه فأولئك يقرءون كتابهم ولا يظلمون فتيلا
(उस दिन से डरो) जिस दिन हम मानव के प्रत्येक गिरोह को उसके अपने नायक के साथ बुलाएँगे। फिर जिसे उसका कर्मपत्र उसके दाहिने हाथ में दिया गया, तो ऐसे लोग अपना कर्मपत्र पढ़ेंगे और उनके साथ तनिक भी अन्याय न होगा
21011772ومن كان في هذه أعمى فهو في الآخرة أعمى وأضل سبيلا
और जो यहाँ अंधा होकर रहा वह आख़िरत में भी अंधा ही रहेगा, बल्कि वह मार्ग से और भी अधिक दूर पड़ा होगा
21021773وإن كادوا ليفتنونك عن الذي أوحينا إليك لتفتري علينا غيره وإذا لاتخذوك خليلا
और वे लगते थे कि तुम्हें फ़िले में डालकर उस चीज़ से हटा देने को है जिसकी प्रकाशना हमने तुम्हारी ओर की है, ताकि तुम उससे भिन्न चीज़ घड़कर हमपर थोपो, और तब वे तुम्हें अपना घनिष्ठ मित्र बना लेते
21031774ولولا أن ثبتناك لقد كدت تركن إليهم شيئا قليلا
यदि हम तुम्हें जमाव प्रदान न करते तो तुम उनकी ओर थोड़ा झुकने के निकट जा पहुँचते
21041775إذا لأذقناك ضعف الحياة وضعف الممات ثم لا تجد لك علينا نصيرا
उस समय हम तुम्हें जीवन में भी दोहरा मज़ा चखाते और मृत्यु के पश्चात भी दोहरा मज़ा चखाते। फिर तुम हमारे मुक़ाबले में अपना कोई सहायक न पाते
21051776وإن كادوا ليستفزونك من الأرض ليخرجوك منها وإذا لا يلبثون خلافك إلا قليلا
और निश्चय ही उन्होंने चाल चली कि इस भूभाग से तुम्हारे क़दम उखाड़ दें, ताकि तुम्हें यहाँ से निकालकर ही रहे। और ऐसा हुआ तो तुम्हारे पीछे ये भी रह थोड़े ही पाएँगे
21061777سنة من قد أرسلنا قبلك من رسلنا ولا تجد لسنتنا تحويلا
यही कार्य-प्रणाली हमारे उन रसूलों के विषय में भी रही है, जिन्हें हमने तुमसे पहले भेजा था और तुम हमारी कार्य-प्रणाली में कोई अन्तर न पाओगे
21071778أقم الصلاة لدلوك الشمس إلى غسق الليل وقرآن الفجر إن قرآن الفجر كان مشهودا
नमाज़ क़ायम करो सूर्य के ढलने से लेकर रात के छा जाने तक और फ़ज्र (प्रभात) के क़ुरआन (अर्थात फ़ज्र की नमाज़ः के पाबन्द रहो। निश्चय ही फ़ज्र का क़ुरआन पढ़ना हुज़ूरी की चीज़ है
21081779ومن الليل فتهجد به نافلة لك عسى أن يبعثك ربك مقاما محمودا
और रात के कुछ हिस्से में उस (क़ुरआन) के द्वारा जागरण किया करो, यह तुम्हारे लिए तद्अधिक (नफ़्ल) है। आशा है कि तुम्हारा रब तुम्हें उठाए ऐसा उठाना जो प्रशंसित हो


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