نتائج البحث: 6236
|
ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
2099 | 17 | 70 | ولقد كرمنا بني آدم وحملناهم في البر والبحر ورزقناهم من الطيبات وفضلناهم على كثير ممن خلقنا تفضيلا |
| | | हमने आदम की सन्तान को श्रेष्ठता प्रदान की और उन्हें थल औऱ जल में सवारी दी और अच्छी-पाक चीज़ों की उन्हें रोज़ी दी और अपने पैदा किए हुए बहुत-से प्राणियों की अपेक्षा उन्हें श्रेष्ठता प्रदान की |
|
2100 | 17 | 71 | يوم ندعو كل أناس بإمامهم فمن أوتي كتابه بيمينه فأولئك يقرءون كتابهم ولا يظلمون فتيلا |
| | | (उस दिन से डरो) जिस दिन हम मानव के प्रत्येक गिरोह को उसके अपने नायक के साथ बुलाएँगे। फिर जिसे उसका कर्मपत्र उसके दाहिने हाथ में दिया गया, तो ऐसे लोग अपना कर्मपत्र पढ़ेंगे और उनके साथ तनिक भी अन्याय न होगा |
|
2101 | 17 | 72 | ومن كان في هذه أعمى فهو في الآخرة أعمى وأضل سبيلا |
| | | और जो यहाँ अंधा होकर रहा वह आख़िरत में भी अंधा ही रहेगा, बल्कि वह मार्ग से और भी अधिक दूर पड़ा होगा |
|
2102 | 17 | 73 | وإن كادوا ليفتنونك عن الذي أوحينا إليك لتفتري علينا غيره وإذا لاتخذوك خليلا |
| | | और वे लगते थे कि तुम्हें फ़िले में डालकर उस चीज़ से हटा देने को है जिसकी प्रकाशना हमने तुम्हारी ओर की है, ताकि तुम उससे भिन्न चीज़ घड़कर हमपर थोपो, और तब वे तुम्हें अपना घनिष्ठ मित्र बना लेते |
|
2103 | 17 | 74 | ولولا أن ثبتناك لقد كدت تركن إليهم شيئا قليلا |
| | | यदि हम तुम्हें जमाव प्रदान न करते तो तुम उनकी ओर थोड़ा झुकने के निकट जा पहुँचते |
|
2104 | 17 | 75 | إذا لأذقناك ضعف الحياة وضعف الممات ثم لا تجد لك علينا نصيرا |
| | | उस समय हम तुम्हें जीवन में भी दोहरा मज़ा चखाते और मृत्यु के पश्चात भी दोहरा मज़ा चखाते। फिर तुम हमारे मुक़ाबले में अपना कोई सहायक न पाते |
|
2105 | 17 | 76 | وإن كادوا ليستفزونك من الأرض ليخرجوك منها وإذا لا يلبثون خلافك إلا قليلا |
| | | और निश्चय ही उन्होंने चाल चली कि इस भूभाग से तुम्हारे क़दम उखाड़ दें, ताकि तुम्हें यहाँ से निकालकर ही रहे। और ऐसा हुआ तो तुम्हारे पीछे ये भी रह थोड़े ही पाएँगे |
|
2106 | 17 | 77 | سنة من قد أرسلنا قبلك من رسلنا ولا تجد لسنتنا تحويلا |
| | | यही कार्य-प्रणाली हमारे उन रसूलों के विषय में भी रही है, जिन्हें हमने तुमसे पहले भेजा था और तुम हमारी कार्य-प्रणाली में कोई अन्तर न पाओगे |
|
2107 | 17 | 78 | أقم الصلاة لدلوك الشمس إلى غسق الليل وقرآن الفجر إن قرآن الفجر كان مشهودا |
| | | नमाज़ क़ायम करो सूर्य के ढलने से लेकर रात के छा जाने तक और फ़ज्र (प्रभात) के क़ुरआन (अर्थात फ़ज्र की नमाज़ः के पाबन्द रहो। निश्चय ही फ़ज्र का क़ुरआन पढ़ना हुज़ूरी की चीज़ है |
|
2108 | 17 | 79 | ومن الليل فتهجد به نافلة لك عسى أن يبعثك ربك مقاما محمودا |
| | | और रात के कुछ हिस्से में उस (क़ुरआन) के द्वारा जागरण किया करो, यह तुम्हारे लिए तद्अधिक (नफ़्ल) है। आशा है कि तुम्हारा रब तुम्हें उठाए ऐसा उठाना जो प्रशंसित हो |
|