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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
2074 | 17 | 45 | وإذا قرأت القرآن جعلنا بينك وبين الذين لا يؤمنون بالآخرة حجابا مستورا |
| | | जब तुम क़ुरआन पढ़ते हो तो हम तुम्हारे और उन लोगों के बीच, जो आख़िरत को नहीं मानते एक अदृश्य पर्दे की आड़ कर देते है |
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2075 | 17 | 46 | وجعلنا على قلوبهم أكنة أن يفقهوه وفي آذانهم وقرا وإذا ذكرت ربك في القرآن وحده ولوا على أدبارهم نفورا |
| | | और उनके दिलों पर भी परदे डाल देते है कि वे समझ न सकें। और उनके कानों में बोझ (कि वे सुन न सकें) । और जब तुम क़ुरआन के माध्यम से अपने रब का वर्णन उसे अकेला बताते हुए करते हो तो वे नफ़रत से अपनी पीठ फेरकर चल देते है |
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2076 | 17 | 47 | نحن أعلم بما يستمعون به إذ يستمعون إليك وإذ هم نجوى إذ يقول الظالمون إن تتبعون إلا رجلا مسحورا |
| | | जब वे तुम्हारी ओर कान लगाते हैं तो हम भली-भाँति जानते है कि उनके कान लगाने का प्रयोजन क्या है और उसे भी जब वे आपस में कानाफूसियाँ करते है, जब वे ज़ालिम कहते है, "तुम लोग तो बस उस आदमी के पीछे चलते हो जो पक्का जादूगर है।" |
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2077 | 17 | 48 | انظر كيف ضربوا لك الأمثال فضلوا فلا يستطيعون سبيلا |
| | | देखो, वे कैसी मिसालें तुमपर चस्पाँ करते है! वे तो भटक गए है, अब कोई मार्ग नहीं पा सकते! |
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2078 | 17 | 49 | وقالوا أإذا كنا عظاما ورفاتا أإنا لمبعوثون خلقا جديدا |
| | | वे कहते है, "क्या जब हम हड्डियाँ और चूर्ण-विचूर्ण होकर रह जाएँगे, तो क्या हम फिर नए बनकर उठेंगे?" |
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2079 | 17 | 50 | قل كونوا حجارة أو حديدا |
| | | कह दो, "तुम पत्थर या लोहो हो जाओ, |
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2080 | 17 | 51 | أو خلقا مما يكبر في صدوركم فسيقولون من يعيدنا قل الذي فطركم أول مرة فسينغضون إليك رءوسهم ويقولون متى هو قل عسى أن يكون قريبا |
| | | या कोई और चीज़ जो तुम्हारे जी में अत्यन्त विकट हो।" तब वे कहेंगे, "कौन हमें पलटाकर लाएगा?" कह दो, "वहीं जिसने तुम्हें पहली बार पैदा किया।" तब वे तुम्हारे आगे अपने सिरों को हिला-हिलाकर कहेंगे, "अच्छा तो वह कह होगा?" कह दो, "कदाचित कि वह निकट ही हो।" |
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2081 | 17 | 52 | يوم يدعوكم فتستجيبون بحمده وتظنون إن لبثتم إلا قليلا |
| | | जिस दिन वह तुम्हें पुकारेगा, तो तुम उसकी प्रशंसा करते हुए उसकी आज्ञा को स्वीकार करोगे और समझोगे कि तुम बस थोड़ी ही देर ठहरे रहे हो |
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2082 | 17 | 53 | وقل لعبادي يقولوا التي هي أحسن إن الشيطان ينزغ بينهم إن الشيطان كان للإنسان عدوا مبينا |
| | | मेरे बन्दों से कह दो कि "बात वहीं कहें जो उत्तम हो। शैतान तो उनके बीच उकसाकर फ़साद डालता रहता है। निस्संदेह शैतान मनुष्य का प्रत्यक्ष शत्रु है।" |
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2083 | 17 | 54 | ربكم أعلم بكم إن يشأ يرحمكم أو إن يشأ يعذبكم وما أرسلناك عليهم وكيلا |
| | | तुम्हारा रब तुमसे भली-भाँति परिचित है। वह चाहे तो तुमपर दया करे या चाहे तो तुम्हें यातना दे। हमने तुम्हें उनकी ज़िम्मेदारी लेनेवाला कोई क्यक्ति बनाकर नहीं भेजा है (कि उन्हें अनिवार्यतः संमार्ग पर ला ही दो) |
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