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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
2067 | 17 | 38 | كل ذلك كان سيئه عند ربك مكروها |
| | | इनमें से प्रत्येक की बुराई तुम्हारे रब की स्पष्ट में अप्रिय ही है |
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2068 | 17 | 39 | ذلك مما أوحى إليك ربك من الحكمة ولا تجعل مع الله إلها آخر فتلقى في جهنم ملوما مدحورا |
| | | ये तत्वदर्शिता की वे बातें है, जिनकी प्रकाशना तुम्हारे रब ने तुम्हारी ओर की है। और देखो, अल्लाह के साथ कोई दूसरा पूज्य-प्रभु न घड़ना, अन्यथा जहन्नम में डाल दिए जाओगे निन्दित, ठुकराए हुए! |
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2069 | 17 | 40 | أفأصفاكم ربكم بالبنين واتخذ من الملائكة إناثا إنكم لتقولون قولا عظيما |
| | | क्या तुम्हारे रब ने तुम्हें तो बेटों के लिए ख़ास किया और स्वयं अपने लिए फ़रिश्तों को बेटियाँ बनाया? बहुत भारी बात है जो तुम कह रहे हो! |
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2070 | 17 | 41 | ولقد صرفنا في هذا القرآن ليذكروا وما يزيدهم إلا نفورا |
| | | हमने इस क़ुरआन में विभिन्न ढंग से बात का स्पष्टीकरण किया कि वे चेतें, किन्तु इसमें उनकी नफ़रत ही बढ़ती है |
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2071 | 17 | 42 | قل لو كان معه آلهة كما يقولون إذا لابتغوا إلى ذي العرش سبيلا |
| | | कह दो, "यदि उसके साथ अन्य भी पूज्य-प्रभु होते, जैसा कि ये कहते हैं, तब तो वे सिंहासनवाले (के पद) तक पहुँचने का कोई मार्ग अवश्य तलाश करते" |
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2072 | 17 | 43 | سبحانه وتعالى عما يقولون علوا كبيرا |
| | | महिमावान है वह! और बहुत उच्च है उन बातों से जो वे कहते है! |
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2073 | 17 | 44 | تسبح له السماوات السبع والأرض ومن فيهن وإن من شيء إلا يسبح بحمده ولكن لا تفقهون تسبيحهم إنه كان حليما غفورا |
| | | सातों आकाश और धरती और जो कोई भी उनमें है सब उसकी तसबीह (महिमागान) करते है और ऐसी कोई चीज़ नहीं जो उसका गुणगान न करती हो। किन्तु तुम उनकी तसबीह को समझते नहीं। निश्चय ही वह अत्यन्त सहनशील, क्षमावान है |
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2074 | 17 | 45 | وإذا قرأت القرآن جعلنا بينك وبين الذين لا يؤمنون بالآخرة حجابا مستورا |
| | | जब तुम क़ुरआन पढ़ते हो तो हम तुम्हारे और उन लोगों के बीच, जो आख़िरत को नहीं मानते एक अदृश्य पर्दे की आड़ कर देते है |
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2075 | 17 | 46 | وجعلنا على قلوبهم أكنة أن يفقهوه وفي آذانهم وقرا وإذا ذكرت ربك في القرآن وحده ولوا على أدبارهم نفورا |
| | | और उनके दिलों पर भी परदे डाल देते है कि वे समझ न सकें। और उनके कानों में बोझ (कि वे सुन न सकें) । और जब तुम क़ुरआन के माध्यम से अपने रब का वर्णन उसे अकेला बताते हुए करते हो तो वे नफ़रत से अपनी पीठ फेरकर चल देते है |
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2076 | 17 | 47 | نحن أعلم بما يستمعون به إذ يستمعون إليك وإذ هم نجوى إذ يقول الظالمون إن تتبعون إلا رجلا مسحورا |
| | | जब वे तुम्हारी ओर कान लगाते हैं तो हम भली-भाँति जानते है कि उनके कान लगाने का प्रयोजन क्या है और उसे भी जब वे आपस में कानाफूसियाँ करते है, जब वे ज़ालिम कहते है, "तुम लोग तो बस उस आदमी के पीछे चलते हो जो पक्का जादूगर है।" |
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