بسم الله الرحمن الرحيم

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ترتيب الآيةرقم السورةرقم الآيةالاية
2037178عسى ربكم أن يرحمكم وإن عدتم عدنا وجعلنا جهنم للكافرين حصيرا
हो सकता है तुम्हारा रब तुमपर दया करे, किन्तु यदि तुम फिर उसी पूर्व नीति की ओर पलटे तो हम भी पलटेंगे, और हमने जहन्नम को इनकार करनेवालों के लिए कारागार बना रखा है
2038179إن هذا القرآن يهدي للتي هي أقوم ويبشر المؤمنين الذين يعملون الصالحات أن لهم أجرا كبيرا
वास्तव में यह क़ुरआन वह मार्ग दिखाता है जो सबसे सीधा है और उन मोमिमों को, जो अच्छे कर्म करते है, शूभ सूचना देता है कि उनके लिए बड़ा बदला है
20391710وأن الذين لا يؤمنون بالآخرة أعتدنا لهم عذابا أليما
और यह कि जो आख़िरत को नहीं मानते उनके लिए हमने दुखद यातना तैयार कर रखी है
20401711ويدع الإنسان بالشر دعاءه بالخير وكان الإنسان عجولا
मनुष्य उस प्रकार बुराई माँगता है जिस प्रकार उसकी प्रार्थना भलाई के लिए होनी चाहिए। मनुष्य है ही बड़ा उतावला!
20411712وجعلنا الليل والنهار آيتين فمحونا آية الليل وجعلنا آية النهار مبصرة لتبتغوا فضلا من ربكم ولتعلموا عدد السنين والحساب وكل شيء فصلناه تفصيلا
हमने रात और दिन को दो निशानियाँ बनाई है। फिर रात की निशानी को हमने मिटी हुई (प्रकाशहीन) बनाया और दिन की निशानी को हमने प्रकाशमान बनाया, ताकि तुम अपने रब का अनुग्रह (रोज़ी) ढूँढो और ताकि तुम वर्षो की गणना और हिसाब मालूम कर सको, और हर चीज़ को हमने अलग-अलग स्पष्ट कर रखा है
20421713وكل إنسان ألزمناه طائره في عنقه ونخرج له يوم القيامة كتابا يلقاه منشورا
हमने प्रत्येक मनुष्य का शकुन-अपशकुन उसकी अपनी गरदन से बाँध दिया है और क़ियामत के दिन हम उसके लिए एक किताब निकालेंगे, जिसको वह खुला हुआ पाएगा
20431714اقرأ كتابك كفى بنفسك اليوم عليك حسيبا
"पढ़ ले अपनी किताब (कर्मपत्र)! आज तू स्वयं ही अपना हिसाब लेने के लिए काफ़ी है।"
20441715من اهتدى فإنما يهتدي لنفسه ومن ضل فإنما يضل عليها ولا تزر وازرة وزر أخرى وما كنا معذبين حتى نبعث رسولا
जो कोई सीधा मार्ग अपनाए तो उसने अपने ही लिए सीधा मार्ग अपनाया और जो पथभ्रष्टो हुआ, तो वह अपने ही बुरे के लिए भटका। और कोई भी बोझ उठानेवाला किसी दूसरे का बोझ नहीं उठाएगा। और हम लोगों को यातना नहीं देते जब तक कोई रसूल न भेज दें
20451716وإذا أردنا أن نهلك قرية أمرنا مترفيها ففسقوا فيها فحق عليها القول فدمرناها تدميرا
और जब हम किसी बस्ती को विनष्ट करने का इरादा कर लेते है तो उसके सुखभोगी लोगों को आदेश देते है तो (आदेश मानने के बजाए) वे वहाँ अवज्ञा करने लग जाते है, तब उनपर बात पूरी हो जाती है, फिर हम उन्हें बिलकुल उखाड़ फेकते है
20461717وكم أهلكنا من القرون من بعد نوح وكفى بربك بذنوب عباده خبيرا بصيرا
हमने नूह के पश्चात कितनी ही नस्लों को विनष्ट कर दिया। तुम्हारा रब अपने बन्दों के गुनाहों की ख़बर रखने, देखने के लिए काफ़ी है


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