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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
2034 | 17 | 5 | فإذا جاء وعد أولاهما بعثنا عليكم عبادا لنا أولي بأس شديد فجاسوا خلال الديار وكان وعدا مفعولا |
| | | फिर जब उन दोनों में से पहले वादे का मौक़ा आ गया तो हमने तुम्हारे मुक़ाबले में अपने ऐसे बन्दों को उठाया जो युद्ध में बड़े बलशाली थे। तो वे बस्तियों में घुसकर हर ओर फैल गए और यह वादा पूरा होना ही था |
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2035 | 17 | 6 | ثم رددنا لكم الكرة عليهم وأمددناكم بأموال وبنين وجعلناكم أكثر نفيرا |
| | | फिर हमने तुम्हारी बारी उनपर लौटाई कि उनपर प्रभावी हो सको। और धनों और पुत्रों से तुम्हारी सहायता की और तुम्हें बहुसंख्यक लोगों का एक जत्था बनाया |
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2036 | 17 | 7 | إن أحسنتم أحسنتم لأنفسكم وإن أسأتم فلها فإذا جاء وعد الآخرة ليسوءوا وجوهكم وليدخلوا المسجد كما دخلوه أول مرة وليتبروا ما علوا تتبيرا |
| | | "यदि तुमने भलाई की तो अपने ही लिए भलाई की और यदि तुमने बुराई की तो अपने ही लिए की।" फिर जब दूसरे वादे का मौक़ा आ गया (तो हमने तुम्हारे मुक़ाबले में ऐसे प्रबल को उठाया) कि वे तुम्हारे चेहरे बिगाड़ दें और मस्जिद (बैतुलमक़दिस) में घुसे थे और ताकि जिस चीज़ पर भी उनका ज़ोर चले विनष्टि कर डालें |
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2037 | 17 | 8 | عسى ربكم أن يرحمكم وإن عدتم عدنا وجعلنا جهنم للكافرين حصيرا |
| | | हो सकता है तुम्हारा रब तुमपर दया करे, किन्तु यदि तुम फिर उसी पूर्व नीति की ओर पलटे तो हम भी पलटेंगे, और हमने जहन्नम को इनकार करनेवालों के लिए कारागार बना रखा है |
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2038 | 17 | 9 | إن هذا القرآن يهدي للتي هي أقوم ويبشر المؤمنين الذين يعملون الصالحات أن لهم أجرا كبيرا |
| | | वास्तव में यह क़ुरआन वह मार्ग दिखाता है जो सबसे सीधा है और उन मोमिमों को, जो अच्छे कर्म करते है, शूभ सूचना देता है कि उनके लिए बड़ा बदला है |
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2039 | 17 | 10 | وأن الذين لا يؤمنون بالآخرة أعتدنا لهم عذابا أليما |
| | | और यह कि जो आख़िरत को नहीं मानते उनके लिए हमने दुखद यातना तैयार कर रखी है |
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2040 | 17 | 11 | ويدع الإنسان بالشر دعاءه بالخير وكان الإنسان عجولا |
| | | मनुष्य उस प्रकार बुराई माँगता है जिस प्रकार उसकी प्रार्थना भलाई के लिए होनी चाहिए। मनुष्य है ही बड़ा उतावला! |
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2041 | 17 | 12 | وجعلنا الليل والنهار آيتين فمحونا آية الليل وجعلنا آية النهار مبصرة لتبتغوا فضلا من ربكم ولتعلموا عدد السنين والحساب وكل شيء فصلناه تفصيلا |
| | | हमने रात और दिन को दो निशानियाँ बनाई है। फिर रात की निशानी को हमने मिटी हुई (प्रकाशहीन) बनाया और दिन की निशानी को हमने प्रकाशमान बनाया, ताकि तुम अपने रब का अनुग्रह (रोज़ी) ढूँढो और ताकि तुम वर्षो की गणना और हिसाब मालूम कर सको, और हर चीज़ को हमने अलग-अलग स्पष्ट कर रखा है |
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2042 | 17 | 13 | وكل إنسان ألزمناه طائره في عنقه ونخرج له يوم القيامة كتابا يلقاه منشورا |
| | | हमने प्रत्येक मनुष्य का शकुन-अपशकुन उसकी अपनी गरदन से बाँध दिया है और क़ियामत के दिन हम उसके लिए एक किताब निकालेंगे, जिसको वह खुला हुआ पाएगा |
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2043 | 17 | 14 | اقرأ كتابك كفى بنفسك اليوم عليك حسيبا |
| | | "पढ़ ले अपनी किताब (कर्मपत्र)! आज तू स्वयं ही अपना हिसाब लेने के लिए काफ़ी है।" |
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