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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
2030 | 17 | 1 | بسم الله الرحمن الرحيم سبحان الذي أسرى بعبده ليلا من المسجد الحرام إلى المسجد الأقصى الذي باركنا حوله لنريه من آياتنا إنه هو السميع البصير |
| | | वह ख़ुदा (हर ऐब से) पाक व पाकीज़ा है जिसने अपने बन्दों को रातों रात मस्जिदुल हराम (ख़ान ऐ काबा) से मस्जिदुल अक़सा (आसमानी मस्जिद) तक की सैर कराई जिसके चौगिर्द हमने हर किस्म की बरकत मुहय्या कर रखी हैं ताकि हम उसको (अपनी कुदरत की) निशानियाँ दिखाए इसमें शक़ नहीं कि (वह सब कुछ) सुनता (और) देखता है |
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2031 | 17 | 2 | وآتينا موسى الكتاب وجعلناه هدى لبني إسرائيل ألا تتخذوا من دوني وكيلا |
| | | और हमने मूसा को किताब (तौरैत) अता की और उस को बनी इसराईल की रहनुमा क़रार दिया (और हुक्म दे दिया) कि ऐ उन लोगों की औलाद जिन्हें हम ने नूह के साथ कश्ती में सवार किया था |
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2032 | 17 | 3 | ذرية من حملنا مع نوح إنه كان عبدا شكورا |
| | | मेरे सिवा किसी को अपना कारसाज़ न बनाना बेशक नूह बड़ा शुक्र गुज़ार बन्दा था |
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2033 | 17 | 4 | وقضينا إلى بني إسرائيل في الكتاب لتفسدن في الأرض مرتين ولتعلن علوا كبيرا |
| | | और हमने बनी इसराईल से इसी किताब (तौरैत) में साफ साफ बयान कर दिया था कि तुम लोग रुए ज़मीन पर दो मरतबा ज़रुर फसाद फैलाओगे और बड़ी सरकशी करोगे |
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2034 | 17 | 5 | فإذا جاء وعد أولاهما بعثنا عليكم عبادا لنا أولي بأس شديد فجاسوا خلال الديار وكان وعدا مفعولا |
| | | फिर जब उन दो फसादों में पहले का वक्त अा पहुँचा तो हमने तुम पर कुछ अपने बन्दों (नजतुलनस्र) और उसकी फौज को मुसल्लत (ग़ालिब) कर दिया जो बड़े सख्त लड़ने वाले थे तो वह लोग तुम्हारे घरों के अन्दर घुसे (और खूब क़त्ल व ग़ारत किया) और ख़ुदा के अज़ाब का वायदा जो पूरा होकर रहा |
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2035 | 17 | 6 | ثم رددنا لكم الكرة عليهم وأمددناكم بأموال وبنين وجعلناكم أكثر نفيرا |
| | | फिर हमने तुमको दोबारा उन पर ग़लबा देकर तुम्हारे दिन फेरे और माल से और बेटों से तुम्हारी मदद की और तुमको बड़े जत्थे वाला बना दिया |
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2036 | 17 | 7 | إن أحسنتم أحسنتم لأنفسكم وإن أسأتم فلها فإذا جاء وعد الآخرة ليسوءوا وجوهكم وليدخلوا المسجد كما دخلوه أول مرة وليتبروا ما علوا تتبيرا |
| | | अगर तुम अच्छे काम करोगे तो अपने फायदे के लिए अच्छे काम करोगे और अगर तुम बुरे काम करोगे तो (भी) अपने ही लिए फिर जब दूसरे वक्त क़ा वायदा आ पहुँचा तो (हमने तैतूस रोगी को तुम पर मुसल्लत किया) ताकि वह लोग (मारते मारते) तुम्हारे चेहरे बिगाड़ दें (कि पहचाने न जाओ) और जिस तरह पहली दफा मस्जिद बैतुल मुक़द्दस में घुस गये थे उसी तरह फिर घुस पड़ें और जिस चीज़ पर क़ाबू पाए खूब अच्छी तरह बरबाद कर दी |
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2037 | 17 | 8 | عسى ربكم أن يرحمكم وإن عدتم عدنا وجعلنا جهنم للكافرين حصيرا |
| | | (अब भी अगर तुम चैन से रहो तो) उम्मीद है कि तुम्हारा परवरदिगार तुम पर तरस खाए और अगर (कहीं) वही शरारत करोगे तो हम भी फिर पकड़ेंगे और हमने तो काफिरों के लिए जहन्नुम को क़ैद खाना बना ही रखा है |
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2038 | 17 | 9 | إن هذا القرآن يهدي للتي هي أقوم ويبشر المؤمنين الذين يعملون الصالحات أن لهم أجرا كبيرا |
| | | इसमें शक़ नहीं कि ये क़ुरान उस राह की हिदायत करता है जो सबसे ज्यादा सीधी है और जो ईमानदार अच्छे अच्छे काम करते हैं उनको ये खुशख़बरी देता है कि उनके लिए बहुत बड़ा अज्र और सवाब (मौजूद) है |
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2039 | 17 | 10 | وأن الذين لا يؤمنون بالآخرة أعتدنا لهم عذابا أليما |
| | | और ये भी कि बेशक जो लोग आख़िरत पर ईमान नहीं रखते हैं उनके लिए हमने दर्दनाक अज़ाब तैयार कर रखा है |
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