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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
2011 | 16 | 110 | ثم إن ربك للذين هاجروا من بعد ما فتنوا ثم جاهدوا وصبروا إن ربك من بعدها لغفور رحيم |
| | | फिर इसमें शक़ नहीं कि तुम्हारा परवरदिगार उन लोगों को जिन्होने मुसीबत में मुब्तिला होने क बाद घर बार छोडे फ़िर (ख़ुदा की राह में) जिहाद किए और तकलीफों पर सब्र किया इसमें शक़ नहीं कि तुम्हारा परवरदिगार इन सब बातों के बाद अलबत्ता बड़ा बख्शने वाला मेहरबान है |
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2012 | 16 | 111 | يوم تأتي كل نفس تجادل عن نفسها وتوفى كل نفس ما عملت وهم لا يظلمون |
| | | और (उस दिन को याद) करो जिस दिन हर शख़्श अपनी ज़ात के बारे में झगड़ने को आ मौजूद होगा |
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2013 | 16 | 112 | وضرب الله مثلا قرية كانت آمنة مطمئنة يأتيها رزقها رغدا من كل مكان فكفرت بأنعم الله فأذاقها الله لباس الجوع والخوف بما كانوا يصنعون |
| | | और हर शख़्श को जो कुछ भी उसने किया था उसका पूरा पूरा बदला मिलेगा और उन पर किसी तरह का जुल्म न किया जाएगा ख़ुदा ने एक गाँव की मसल बयान फरमाई जिसके रहने वाले हर तरह के चैन व इत्मेनान में थे हर तरफ से बाफराग़त (बहुत ज्यादा) उनकी रोज़ी उनके पास आई थी फिर उन लोगों ने ख़ुदा की नूअमतों की नाशुक्री की तो ख़ुदा ने उनकी करतूतों की बदौलत उनको मज़ा चखा दिया |
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2014 | 16 | 113 | ولقد جاءهم رسول منهم فكذبوه فأخذهم العذاب وهم ظالمون |
| | | कि भूक और ख़ौफ को ओढ़ना (बिछौना) बना दिया और उन्हीं लोगों में का एक रसूल भी उनके पास आया तो उन्होंने उसे झुठलाया |
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2015 | 16 | 114 | فكلوا مما رزقكم الله حلالا طيبا واشكروا نعمت الله إن كنتم إياه تعبدون |
| | | फिर अज़ाब (ख़ुदा) ने उन्हें ले डाला और वह ज़ालिम थे ही तो ख़ुदा ने जो कुछ तुम्हें हलाल तय्यब (ताहिर) रोज़ी दी है उसको (शौक़ से) खाओ और अगर तुम खुदा ही की परसतिश (का दावा करते हो) |
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2016 | 16 | 115 | إنما حرم عليكم الميتة والدم ولحم الخنزير وما أهل لغير الله به فمن اضطر غير باغ ولا عاد فإن الله غفور رحيم |
| | | उसकी नेअमत का शुक्र अदा किया करो तुम पर उसने मुरदार और खून और सूअर का गोश्त और वह जानवर जिस पर (ज़बाह के वक्त) ख़ुदा के सिवा (किसी) और का नाम लिया जाए हराम किया है फिर जो शख़्श (मारे भूक के) मजबूर हो ख़ुदा से सरतापी (नाफरमानी) करने वाला हो और न (हद ज़रुरत से) बढ़ने वाला हो और (हराम खाए) तो बेशक ख़ुदा बख्शने वाला मेहरबान है |
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2017 | 16 | 116 | ولا تقولوا لما تصف ألسنتكم الكذب هذا حلال وهذا حرام لتفتروا على الله الكذب إن الذين يفترون على الله الكذب لا يفلحون |
| | | और झूट मूट जो कुछ तुम्हारी ज़बान पर आए (बे समझे बूझे) न कह बैठा करों कि ये हलाल है और हराम है ताकि इसकी बदौलत ख़ुदा पर झूठ बोहतान बाँधने लगो इसमें शक़ नहीं कि जो लोग ख़ुदा पर झूठ बोहतान बाधते हैं वह कभी कामयाब न होगें |
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2018 | 16 | 117 | متاع قليل ولهم عذاب أليم |
| | | (दुनिया में) फायदा तो ज़रा सा है और (आख़िरत में) दर्दनाक अज़ाब है |
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2019 | 16 | 118 | وعلى الذين هادوا حرمنا ما قصصنا عليك من قبل وما ظلمناهم ولكن كانوا أنفسهم يظلمون |
| | | और यहूदियों पर हमने वह चीज़े हराम कर दीं थी जो तुमसे पहले बयान कर चुके हैं और हमने तो (इस की वजह से) उन पर कुछ ज़ुल्म नहीं किया |
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2020 | 16 | 119 | ثم إن ربك للذين عملوا السوء بجهالة ثم تابوا من بعد ذلك وأصلحوا إن ربك من بعدها لغفور رحيم |
| | | मगर वह लोग खुद अपने ऊपर सितम तोड़ रहे हैं फिर इसमे शक़ नहीं कि जो लोग नादानी से गुनाह कर बैठे उसके बाद सदक़ दिल से तौबा कर ली और अपने को दुरुस्त कर लिया तो (ऐ रसूल) इसमें शक़ नहीं कि तुम्हारा परवरदिगार इसके बाद बख्शने वाला मेहरबान है |
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