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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
2001 | 16 | 100 | إنما سلطانه على الذين يتولونه والذين هم به مشركون |
| | | उसका ज़ोर तो बस उन्हीं लोगों पर चलता है जो उसे अपना मित्र बनाते है और उस (अल्लाह) के साथ साझी ठहराते है |
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2002 | 16 | 101 | وإذا بدلنا آية مكان آية والله أعلم بما ينزل قالوا إنما أنت مفتر بل أكثرهم لا يعلمون |
| | | जब हम किसी आयत की जगह दूसरी आयत बदलकर लाते है - और अल्लाह भली-भाँति जानता है जो कुछ वह अवतरित करता है - तो वे कहते है, "तुम स्वयं ही घड़ लेते हो!" नहीं, बल्कि उनमें से अधिकतर लोग नहीं जानते |
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2003 | 16 | 102 | قل نزله روح القدس من ربك بالحق ليثبت الذين آمنوا وهدى وبشرى للمسلمين |
| | | कह दो, "इसे ता पवित्र आत्मा ने तुम्हारे रब की ओर क्रमशः सत्य के साथ उतारा है, ताकि ईमान लानेवालों को जमाव प्रदान करे और आज्ञाकारियों के लिए मार्गदर्शन और शुभ सूचना हो |
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2004 | 16 | 103 | ولقد نعلم أنهم يقولون إنما يعلمه بشر لسان الذي يلحدون إليه أعجمي وهذا لسان عربي مبين |
| | | हमें मालूम है कि वे कहते है, "उसको तो बस एक आदमी सिखाता पढ़ाता है।" हालाँकि जिसकी ओर वे संकेत करते है उसकी भाषा विदेशी है और यह स्पष्ट अरबी भाषा है |
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2005 | 16 | 104 | إن الذين لا يؤمنون بآيات الله لا يهديهم الله ولهم عذاب أليم |
| | | सच्ची बात यह है कि जो लोग अल्लाह की आयतों को नहीं मानते, अल्लाह उनका मार्गदर्शन नहीं करता। उनके लिए तो एक दुखद यातना है |
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2006 | 16 | 105 | إنما يفتري الكذب الذين لا يؤمنون بآيات الله وأولئك هم الكاذبون |
| | | झूठ तो बस वही लोग घड़ते है जो अल्लाह की आयतों को मानते नहीं और वही है जो झूठे है |
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2007 | 16 | 106 | من كفر بالله من بعد إيمانه إلا من أكره وقلبه مطمئن بالإيمان ولكن من شرح بالكفر صدرا فعليهم غضب من الله ولهم عذاب عظيم |
| | | जिस किसी ने अपने ईमान के पश्चात अल्लाह के साथ कुफ़्र किया -सिवाय उसके जो इसके लिए विवश कर दिया गया हो और दिल उसका ईमान पर सन्तुष्ट हो - बल्कि वह जिसने सीना कुफ़्र के लिए खोल दिया हो, तो ऐसे लोगो पर अल्लाह का प्रकोप है और उनके लिए बड़ी यातना है |
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2008 | 16 | 107 | ذلك بأنهم استحبوا الحياة الدنيا على الآخرة وأن الله لا يهدي القوم الكافرين |
| | | यह इसलिए कि उन्होंने आख़िरत की अपेक्षा सांसारिक जीवन को पसन्द किया और यह कि अल्लाह कुफ़्र करनेवालो लोगों का मार्गदर्शन नहीं करता |
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2009 | 16 | 108 | أولئك الذين طبع الله على قلوبهم وسمعهم وأبصارهم وأولئك هم الغافلون |
| | | वही लोग है जिनके दिलों और जिनके कानों और जिनकी आँखों पर अल्लाह ने मुहर लगा दी है; और वही है जो ग़फ़लत में पड़े हुए है |
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2010 | 16 | 109 | لا جرم أنهم في الآخرة هم الخاسرون |
| | | निश्चय ही आख़िरत में वही घाटे में रहेंगे |
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