بسم الله الرحمن الرحيم

نتائج البحث: 6236
ترتيب الآيةرقم السورةرقم الآيةالاية
19441643وما أرسلنا من قبلك إلا رجالا نوحي إليهم فاسألوا أهل الذكر إن كنتم لا تعلمون
हमने तुमसे पहले भी पुरुषों ही को रसूल बनाकर भेजा था - जिनकी ओर हम प्रकाशना करते रहे है। यदि तुम नहीं जानते तो अनुस्मृतिवालों से पूछ लो
19451644بالبينات والزبر وأنزلنا إليك الذكر لتبين للناس ما نزل إليهم ولعلهم يتفكرون
स्पष्ट प्रमाणों और ज़बूरों (किताबों) के साथ। और अब यह अनुस्मृति तुम्हारी ओर हमने अवतरित की, ताकि तुम लोगों के समक्ष खोल-खोलकर बयान कर दो जो कुछ उनकी ओर उतारा गया है और ताकि वे सोच-विचार करें
19461645أفأمن الذين مكروا السيئات أن يخسف الله بهم الأرض أو يأتيهم العذاب من حيث لا يشعرون
फिर क्या वे लोग जो ऐसी बुरी-बुरी चालें चल रहे है, इस बात से निश्चिन्त हो गए है कि अल्लाह उन्हें धरती में धँसा दे या ऐसे मौके से उनपर यातना आ जाए जिसका उन्हें एहसास तक न हो?
19471646أو يأخذهم في تقلبهم فما هم بمعجزين
या उन्हें चलते-फिरते ही पकड़ ले, वे क़ाबू से बाहर निकल जानेवाले तो है नहीं?
19481647أو يأخذهم على تخوف فإن ربكم لرءوف رحيم
क्या अल्लाह की पैदा की हुई किसी चीज़ को उन्होंने देखा नहीं कि किस प्रकार उसकी परछाइयाँ अल्लाह को सजदा करती और विनम्रता दिखाती हुई दाएँ और बाएँ ढलती है?
19491648أولم يروا إلى ما خلق الله من شيء يتفيأ ظلاله عن اليمين والشمائل سجدا لله وهم داخرون
या वह उन्हें त्रस्त अवस्था में पकड़ ले? किन्तु तुम्हारा रब तो बड़ा ही करुणामय, दयावान है
19501649ولله يسجد ما في السماوات وما في الأرض من دابة والملائكة وهم لا يستكبرون
और आकाशों और धरती में जितने भी जीवधारी है वे सब अल्लाह ही को सजदा करते है और फ़रिश्ते भी और वे घमंड बिलकुल नहीं करते
19511650يخافون ربهم من فوقهم ويفعلون ما يؤمرون
अपने ऊपर से अपने रब का डर रखते है और जो उन्हें आदेश होता है, वही करते है
19521651وقال الله لا تتخذوا إلهين اثنين إنما هو إله واحد فإياي فارهبون
अल्लाह का फ़रमान है, "दो-दो पूज्य-प्रभु न बनाओ, वह तो बस अकेला पूज्य-प्रभु है। अतः मुझी से डरो।"
19531652وله ما في السماوات والأرض وله الدين واصبا أفغير الله تتقون
जो कुछ आकाशों और धरती में है सब उसी का है। उसी का दीन (धर्म) स्थायी और अनिवार्य है। फिर क्या अल्लाह के सिवा तुम किसी और का डर रखोगे?


0 ... 184.3 185.3 186.3 187.3 188.3 189.3 190.3 191.3 192.3 193.3 195.3 196.3 197.3 198.3 199.3 200.3 201.3 202.3 203.3 ... 623

إنتاج هذه المادة أخد: 0.02 ثانية


المغرب.كووم © ٢٠٠٩ - ١٤٣٠ © الحـمـد لله الـذي سـخـر لـنا هـذا :: وقف لله تعالى وصدقة جارية

5885143858081795445353264075187258372328