بسم الله الرحمن الرحيم

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ترتيب الآيةرقم السورةرقم الآيةالاية
19411640إنما قولنا لشيء إذا أردناه أن نقول له كن فيكون
हम जब किसी चीज़ (के पैदा करने) का इरादा करते हैं तो हमारा कहना उसके बारे में इतना ही होता है कि हम कह देते हैं कि 'हो जा' बस फौरन हो जाती है (तो फिर मुर्दों का जिलाना भी कोई बात है)
19421641والذين هاجروا في الله من بعد ما ظلموا لنبوئنهم في الدنيا حسنة ولأجر الآخرة أكبر لو كانوا يعلمون
और जिन लोगों ने (कुफ्फ़ार के ज़ुल्म पर ज़ुल्म सहने के बाद ख़ुदा की खुशी के लिए घर बार छोड़ा हिजरत की हम उनको ज़रुर दुनिया में भी अच्छी जगह बिठाएँगें और आख़िरत की जज़ा तो उससे कहीं बढ़ कर है काश ये लोग जिन्होंने ख़ुदा की राह में सख्तियों पर सब्र किया
19431642الذين صبروا وعلى ربهم يتوكلون
और अपने परवरदिगार ही पर भरोसा रखते हैं (आख़िरत का सवाब) जानते होते
19441643وما أرسلنا من قبلك إلا رجالا نوحي إليهم فاسألوا أهل الذكر إن كنتم لا تعلمون
और (ऐ रसूल) तुम से पहले आदमियों ही को पैग़म्बर बना बनाकर भेजा किए जिन की तरफ हम वहीं भेजते थे तो (तुम अहले मक्का से कहो कि) अगर तुम खुद नहीं जानते हो तो अहले ज़िक्र (आलिमों से) पूछो (और उन पैग़म्बरों को भेजा भी तो) रौशन दलीलों और किताबों के साथ
19451644بالبينات والزبر وأنزلنا إليك الذكر لتبين للناس ما نزل إليهم ولعلهم يتفكرون
और तुम्हारे पास क़ुरान नाज़िल किया है ताकि जो एहकाम लोगों के लिए नाज़िल किए गए है तुम उनसे साफ साफ बयान कर दो ताकि वह लोग खुद से कुछ ग़ौर फिक्र करें
19461645أفأمن الذين مكروا السيئات أن يخسف الله بهم الأرض أو يأتيهم العذاب من حيث لا يشعرون
तो क्या जो लोग बड़ी बड़ी मक्कारियाँ (शिर्क वग़ैरह) करते थे (उनको इस बात का इत्मिनान हो गया है (और मुत्तलिक़ ख़ौफ नहीं) कि ख़ुदा उन्हें ज़मीन में धसा दे या ऐसी तरफ से उन पर अज़ाब आ पहुँचे कि उसकी उनको ख़बर भी न हो
19471646أو يأخذهم في تقلبهم فما هم بمعجزين
उनके चलते फिरते (ख़ुदा का अज़ाब) उन्हें गिरफ्तार करे तो वह लोग उसे ज़ेर नहीं कर सकते
19481647أو يأخذهم على تخوف فإن ربكم لرءوف رحيم
या वह अज़ाब से डरते हो तो (उसी हालत में) धर पकड़ करे इसमें तो शक नहीं कि तुम्हारा परवरदिगार बड़ा शफीक़ रहम वाला है
19491648أولم يروا إلى ما خلق الله من شيء يتفيأ ظلاله عن اليمين والشمائل سجدا لله وهم داخرون
क्या उन लोगों ने ख़ुदा की मख़लूक़ात में से कोई ऐसी चीज़ नहीं देखी जिसका साया (कभी) दाहिनी तरफ और कभी बायीं तरफ पलटा रहता है कि (गोया) ख़ुदा के सामने सर सजदा है और सब इताअत का इज़हार करते हैं
19501649ولله يسجد ما في السماوات وما في الأرض من دابة والملائكة وهم لا يستكبرون
और जितनी चीज़ें (चादँ सूरज वग़ैरह) आसमानों में हैं और जितने जानवर ज़मीन में हैं सब ख़ुदा ही के आगे सर सजूद हैं और फरिश्ते तो (है ही) और वह हुक्में ख़ुदा से सरकशी नहीं करते (49) (सजदा)


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