بسم الله الرحمن الرحيم

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19291628الذين تتوفاهم الملائكة ظالمي أنفسهم فألقوا السلم ما كنا نعمل من سوء بلى إن الله عليم بما كنتم تعملون
वह लोग हैं कि जब फरिश्ते उनकी रुह क़ब्ज़ करने लगते हैं (और) ये लोग (कुफ्र करके) आप अपने ऊपर सितम ढ़ाते रहे तो इताअत पर आमादा नज़र आते हैं और (कहते हैं कि) हम तो (अपने ख्याल में) कोई बुराई नहीं करते थे (तो फरिश्ते कहते हैं) हाँ जो कुछ तुम्हारी करतूते थी ख़ुदा उससे खूब अच्छी तरह वाक़िफ हैं
19301629فادخلوا أبواب جهنم خالدين فيها فلبئس مثوى المتكبرين
(अच्छा तो लो) जहन्नुम के दरवाज़ों में दाख़िल हो और इसमें हमेशा रहोगे ग़रज़ तकब्बुर करने वालो का भी क्या बुरा ठिकाना है
19311630وقيل للذين اتقوا ماذا أنزل ربكم قالوا خيرا للذين أحسنوا في هذه الدنيا حسنة ولدار الآخرة خير ولنعم دار المتقين
और जब परहेज़गारों से पूछा जाता है कि तुम्हारे परवरदिगार ने क्या नाज़िल किया है तो बोल उठते हैं सब अच्छे से अच्छा जिन लोगों ने नेकी की उनके लिए इस दुनिया में (भी) भलाई (ही भलाई) है और आख़िरत का घर क्या उम्दा है
19321631جنات عدن يدخلونها تجري من تحتها الأنهار لهم فيها ما يشاءون كذلك يجزي الله المتقين
सदा बहार (हरे भरे) बाग़ हैं जिनमें (वे तकल्लुफ) जा पहुँचेगें उनके नीचे नहरें जारी होंगी और ये लोग जो चाहेगें उनके लिए मुयय्या (मौजूद) है यूँ ख़ुदा परहेज़गारों (को उनके किए) की जज़ा अता फरमाता है
19331632الذين تتوفاهم الملائكة طيبين يقولون سلام عليكم ادخلوا الجنة بما كنتم تعملون
(ये) वह लोग हैं जिनकी रुहें फरिश्ते इस हालत में क़ब्ज़ करतें हैं कि वह (नजासते कुफ्र से) पाक व पाकीज़ा होते हैं तो फरिश्ते उनसे (निहायत तपाक से) कहते है सलामुन अलैकुम जो नेकियाँ दुनिया में तुम करते थे उसके सिले में जन्नत में (बेतकल्लुफ) चले जाओ
19341633هل ينظرون إلا أن تأتيهم الملائكة أو يأتي أمر ربك كذلك فعل الذين من قبلهم وما ظلمهم الله ولكن كانوا أنفسهم يظلمون
(ऐ रसूल) क्या ये (अहले मक्का) इसी बात के मुन्तिज़र है कि उनके पास फरिश्ते (क़ब्ज़े रुह को) आ ही जाएँ या (उनके हलाक करने को) तुम्हारे परवरदिगार का अज़ाब ही आ पहुँचे जो लोग उनसे पहले हो गुज़रे हैं वह ऐसी बातें कर चुके हैं और ख़ुदा ने उन पर (ज़रा भी) जुल्म नहीं किया बल्कि वह लोग ख़ुद कुफ़्र की वजह से अपने ऊपर आप जुल्म करते रहे
19351634فأصابهم سيئات ما عملوا وحاق بهم ما كانوا به يستهزئون
फिर जो जो करतूतें उनकी थी उसकी सज़ा में बुरे नतीजे उनको मिले और जिस (अज़ाब) की वह हँसी उड़ाया करते थे उसने उन्हें (चारो तरफ से) घेर लिया
19361635وقال الذين أشركوا لو شاء الله ما عبدنا من دونه من شيء نحن ولا آباؤنا ولا حرمنا من دونه من شيء كذلك فعل الذين من قبلهم فهل على الرسل إلا البلاغ المبين
और मुशरेकीन कहते हैं कि अगर ख़ुदा चाहता तो न हम ही उसके सिवा किसी और चीज़ की इबादत करते और न हमारे बाप दादा और न हम बग़ैर उस (की मर्ज़ी) के किसी चीज़ को हराम कर बैठते जो लोग इनसे पहले हो गुज़रे हैं वह भी ऐसे (हीला हवाले की) बातें कर चुके हैं तो (कहा करें) पैग़म्बरों पर तो उसके सिवा कि एहकाम को साफ साफ पहुँचा दे और कुछ भी नहीं
19371636ولقد بعثنا في كل أمة رسولا أن اعبدوا الله واجتنبوا الطاغوت فمنهم من هدى الله ومنهم من حقت عليه الضلالة فسيروا في الأرض فانظروا كيف كان عاقبة المكذبين
और हमने तो हर उम्मत में एक (न एक) रसूल इस बात के लिए ज़रुर भेजा कि लोगों ख़ुदा की इबादत करो और बुतों (की इबादत) से बचे रहो ग़रज़ उनमें से बाज़ की तो ख़ुदा ने हिदायत की और बाज़ के (सर) पर गुमराही सवार हो गई तो ज़रा तुम लोग रुए ज़मीन पर चल फिर कर देखो तो कि (पैग़म्बराने ख़ुदा के) झुठलाने वालों को क्या अन्जाम हुआ
19381637إن تحرص على هداهم فإن الله لا يهدي من يضل وما لهم من ناصرين
(ऐ रसूल) अगर तुमको इन लोगों के राहे रास्त पर जाने का हौका है (तो बे फायदा) क्योंकि ख़ुदा तो हरगिज़ उस शख़्श की हिदायत नहीं करेगा जिसको (नाज़िल होने की वजह से) गुमराही में छोड़ देता है और न उनका कोई मददगार है


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