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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
1894 | 15 | 92 | فوربك لنسألنهم أجمعين |
| | | अब तुम्हारे रब की क़सम! हम अवश्य ही उन सबसे उसके विषय में पूछेंगे |
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1895 | 15 | 93 | عما كانوا يعملون |
| | | जो कुछ वे करते रहे। |
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1896 | 15 | 94 | فاصدع بما تؤمر وأعرض عن المشركين |
| | | अतः तु्म्हें जिस चीज़ का आदेश हुआ है, उसे हाँक-पुकारकर बयान कर दो, और मुशरिको की ओर ध्यान न दो |
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1897 | 15 | 95 | إنا كفيناك المستهزئين |
| | | उपहास करनेवालों के लिए हम तुम्हारी ओर से काफ़ी है |
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1898 | 15 | 96 | الذين يجعلون مع الله إلها آخر فسوف يعلمون |
| | | जो अल्लाह के साथ दूसरों को पूज्य-प्रभु ठहराते है, तो शीघ्र ही उन्हें मालूम हो जाएगा! |
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1899 | 15 | 97 | ولقد نعلم أنك يضيق صدرك بما يقولون |
| | | हम जानते है कि वे जो कुछ कहते है, उससे तुम्हारा दिल तंग होता है |
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1900 | 15 | 98 | فسبح بحمد ربك وكن من الساجدين |
| | | तो तुम अपने रब का गुणगान करो और सजदा करनेवालों में सम्मिलित रहो |
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1901 | 15 | 99 | واعبد ربك حتى يأتيك اليقين |
| | | और अपने रब की बन्दगी में लगे रहो, यहाँ तक कि जो यक़ीनी है, वह तुम्हारे सामने आ जाए |
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1902 | 16 | 1 | بسم الله الرحمن الرحيم أتى أمر الله فلا تستعجلوه سبحانه وتعالى عما يشركون |
| | | आ गया आदेश अल्लाह का, तो अब उसके लिए जल्दी न मचाओ। वह महान और उच्च है उस शिर्क से जो व कर रहे है |
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1903 | 16 | 2 | ينزل الملائكة بالروح من أمره على من يشاء من عباده أن أنذروا أنه لا إله إلا أنا فاتقون |
| | | वह फ़रिश्तों को अपने हुक्म की रूह (वह्यल) के साथ अपने जिस बन्दे पर चाहता है उतारता है कि "सचेत कर दो, मेरे सिवा कोई पूज्य-प्रभु नहीं। अतः तुम मेरा ही डर रखो।" |
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