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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
1889 | 15 | 87 | ولقد آتيناك سبعا من المثاني والقرآن العظيم |
| | | (बड़ा दाना व बीना है) और हमने तुमको सबए मसानी (सूरे हम्द) और क़ुरान अज़ीम अता किया है |
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1890 | 15 | 88 | لا تمدن عينيك إلى ما متعنا به أزواجا منهم ولا تحزن عليهم واخفض جناحك للمؤمنين |
| | | और हमने जो उन कुफ्फारों में से कुछ लोगों को (दुनिया की) माल व दौलत से निहाल कर दिया है तुम उसकी तरफ हरगिज़ नज़र भी न उठाना और न उनकी (बेदीनी) पर कुछ अफसोस करना और ईमानदारों से (अगरचे ग़रीब हो) झुककर मिला करो और कहा दो कि मै तो (अज़ाबे ख़ुदा से) सरीही तौर से डराने वाला हूँ |
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1891 | 15 | 89 | وقل إني أنا النذير المبين |
| | | (ऐ रसूल) उन कुफ्फारों पर इस तरह अज़ाब नाज़िल करेगें जिस तरह हमने उन लोगों पर नाज़िल किया |
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1892 | 15 | 90 | كما أنزلنا على المقتسمين |
| | | जिन्होंने क़ुरान को बॉट कर टुकडे टुकड़े कर डाला |
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1893 | 15 | 91 | الذين جعلوا القرآن عضين |
| | | (बाज़ को माना बाज को नहीं) तो ऐ रसूल तुम्हारे ही परवरदिगार की (अपनी) क़सम |
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1894 | 15 | 92 | فوربك لنسألنهم أجمعين |
| | | कि हम उनसे जो कुछ ये (दुनिया में) किया करते थे (बहुत सख्ती से) ज़रुर बाज़ पुर्स (पुछताछ) करेंगे |
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1895 | 15 | 93 | عما كانوا يعملون |
| | | पस जिसका तुम्हें हुक्म दिया गया है उसे वाजेए करके सुना दो |
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1896 | 15 | 94 | فاصدع بما تؤمر وأعرض عن المشركين |
| | | और मुशरेकीन की तरफ से मुँह फेर लो |
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1897 | 15 | 95 | إنا كفيناك المستهزئين |
| | | जो लोग तुम्हारी हँसी उड़ाते है |
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1898 | 15 | 96 | الذين يجعلون مع الله إلها آخر فسوف يعلمون |
| | | और ख़ुदा के साथ दूसरे परवरदिगार को (शरीक) ठहराते हैं हम तुम्हारी तरफ से उनके लिए काफी हैं तो अनक़रीब ही उन्हें मालूम हो जाएगा |
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