نتائج البحث: 6236
|
ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
1887 | 15 | 85 | وما خلقنا السماوات والأرض وما بينهما إلا بالحق وإن الساعة لآتية فاصفح الصفح الجميل |
| | | और हमने आसमानों और ज़मीन को और जो कुछ उन दोनों के दरमियान में है हिकमत व मसलहत से पैदा किया है और क़यामत यक़ीनन ज़रुर आने वाली है तो तुम (ऐ रसूल) उन काफिरों से शाइस्ता उनवान (अच्छे बरताव) के साथ दर गुज़र करो |
|
1888 | 15 | 86 | إن ربك هو الخلاق العليم |
| | | इसमें शक़ नहीं कि तुम्हारा परवरदिगार बड़ा पैदा करने वाला है |
|
1889 | 15 | 87 | ولقد آتيناك سبعا من المثاني والقرآن العظيم |
| | | (बड़ा दाना व बीना है) और हमने तुमको सबए मसानी (सूरे हम्द) और क़ुरान अज़ीम अता किया है |
|
1890 | 15 | 88 | لا تمدن عينيك إلى ما متعنا به أزواجا منهم ولا تحزن عليهم واخفض جناحك للمؤمنين |
| | | और हमने जो उन कुफ्फारों में से कुछ लोगों को (दुनिया की) माल व दौलत से निहाल कर दिया है तुम उसकी तरफ हरगिज़ नज़र भी न उठाना और न उनकी (बेदीनी) पर कुछ अफसोस करना और ईमानदारों से (अगरचे ग़रीब हो) झुककर मिला करो और कहा दो कि मै तो (अज़ाबे ख़ुदा से) सरीही तौर से डराने वाला हूँ |
|
1891 | 15 | 89 | وقل إني أنا النذير المبين |
| | | (ऐ रसूल) उन कुफ्फारों पर इस तरह अज़ाब नाज़िल करेगें जिस तरह हमने उन लोगों पर नाज़िल किया |
|
1892 | 15 | 90 | كما أنزلنا على المقتسمين |
| | | जिन्होंने क़ुरान को बॉट कर टुकडे टुकड़े कर डाला |
|
1893 | 15 | 91 | الذين جعلوا القرآن عضين |
| | | (बाज़ को माना बाज को नहीं) तो ऐ रसूल तुम्हारे ही परवरदिगार की (अपनी) क़सम |
|
1894 | 15 | 92 | فوربك لنسألنهم أجمعين |
| | | कि हम उनसे जो कुछ ये (दुनिया में) किया करते थे (बहुत सख्ती से) ज़रुर बाज़ पुर्स (पुछताछ) करेंगे |
|
1895 | 15 | 93 | عما كانوا يعملون |
| | | पस जिसका तुम्हें हुक्म दिया गया है उसे वाजेए करके सुना दो |
|
1896 | 15 | 94 | فاصدع بما تؤمر وأعرض عن المشركين |
| | | और मुशरेकीन की तरफ से मुँह फेर लो |
|