بسم الله الرحمن الرحيم

نتائج البحث: 6236
ترتيب الآيةرقم السورةرقم الآيةالاية
18551553قالوا لا توجل إنا نبشرك بغلام عليم
उन्होंने कहा आप मुत्तालिक़ ख़ौफ न कीजिए (क्योंकि) हम तो आप को एक (दाना व बीना) फरज़न्द (के पैदाइश) की खुशख़बरी देते हैं
18561554قال أبشرتموني على أن مسني الكبر فبم تبشرون
इब्राहिम ने कहा क्या मुझे ख़ुशख़बरी (बेटा होने की) देते हो जब मुझे बुढ़ापा छा गया
18571555قالوا بشرناك بالحق فلا تكن من القانطين
तो फिर अब काहे की खुशख़बरी देते हो वह फरिश्ते बोले हमने आप को बिल्कुल ठीक खुशख़बरी दी है तो आप (बारगाह ख़ुदा बन्दी से) ना उम्मीद न हो
18581556قال ومن يقنط من رحمة ربه إلا الضالون
इबराहीम ने कहा गुमराहों के सिवा और ऐसा कौन है जो अपने परवरदिगार की रहमत से ना उम्मीद हो
18591557قال فما خطبكم أيها المرسلون
(फिर) इबराहीम ने कहा ऐ (ख़ुदा के) भेजे हुए (फरिश्तों) तुम्हें आख़िर क्या मुहिम दर पेश है
18601558قالوا إنا أرسلنا إلى قوم مجرمين
उन्होंने कहा कि हम तो एक गुनाहगार क़ौम की तरफ (अज़ाब नाज़िल करने के लिए) भेजे गए हैं
18611559إلا آل لوط إنا لمنجوهم أجمعين
मगर लूत के लड़के वाले कि हम उन सबको ज़रुर बचा लेगें मगर उनकी बीबी जिसे हमने ताक लिया है
18621560إلا امرأته قدرنا إنها لمن الغابرين
कि वह ज़रुर (अपने लड़के बालों के) पीछे (अज़ाब में) रह जाएगी
18631561فلما جاء آل لوط المرسلون
ग़रज़ जब (ख़ुदा के) भेजे हुए (फरिश्ते) लूत के बाल बच्चों के पास आए तो लूत ने कहा कि तुम तो (कुछ) अजनबी लोग (मालूम होते हो)
18641562قال إنكم قوم منكرون
फरिश्तों ने कहा (नहीं) बल्कि हम तो आपके पास वह (अज़ाब) लेकर आए हैं


0 ... 175.4 176.4 177.4 178.4 179.4 180.4 181.4 182.4 183.4 184.4 186.4 187.4 188.4 189.4 190.4 191.4 192.4 193.4 194.4 ... 623

إنتاج هذه المادة أخد: 0.02 ثانية


المغرب.كووم © ٢٠٠٩ - ١٤٣٠ © الحـمـد لله الـذي سـخـر لـنا هـذا :: وقف لله تعالى وصدقة جارية

4324318742761930124518413354349316113929