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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
1855 | 15 | 53 | قالوا لا توجل إنا نبشرك بغلام عليم |
| | | उन्होंने कहा आप मुत्तालिक़ ख़ौफ न कीजिए (क्योंकि) हम तो आप को एक (दाना व बीना) फरज़न्द (के पैदाइश) की खुशख़बरी देते हैं |
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1856 | 15 | 54 | قال أبشرتموني على أن مسني الكبر فبم تبشرون |
| | | इब्राहिम ने कहा क्या मुझे ख़ुशख़बरी (बेटा होने की) देते हो जब मुझे बुढ़ापा छा गया |
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1857 | 15 | 55 | قالوا بشرناك بالحق فلا تكن من القانطين |
| | | तो फिर अब काहे की खुशख़बरी देते हो वह फरिश्ते बोले हमने आप को बिल्कुल ठीक खुशख़बरी दी है तो आप (बारगाह ख़ुदा बन्दी से) ना उम्मीद न हो |
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1858 | 15 | 56 | قال ومن يقنط من رحمة ربه إلا الضالون |
| | | इबराहीम ने कहा गुमराहों के सिवा और ऐसा कौन है जो अपने परवरदिगार की रहमत से ना उम्मीद हो |
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1859 | 15 | 57 | قال فما خطبكم أيها المرسلون |
| | | (फिर) इबराहीम ने कहा ऐ (ख़ुदा के) भेजे हुए (फरिश्तों) तुम्हें आख़िर क्या मुहिम दर पेश है |
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1860 | 15 | 58 | قالوا إنا أرسلنا إلى قوم مجرمين |
| | | उन्होंने कहा कि हम तो एक गुनाहगार क़ौम की तरफ (अज़ाब नाज़िल करने के लिए) भेजे गए हैं |
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1861 | 15 | 59 | إلا آل لوط إنا لمنجوهم أجمعين |
| | | मगर लूत के लड़के वाले कि हम उन सबको ज़रुर बचा लेगें मगर उनकी बीबी जिसे हमने ताक लिया है |
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1862 | 15 | 60 | إلا امرأته قدرنا إنها لمن الغابرين |
| | | कि वह ज़रुर (अपने लड़के बालों के) पीछे (अज़ाब में) रह जाएगी |
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1863 | 15 | 61 | فلما جاء آل لوط المرسلون |
| | | ग़रज़ जब (ख़ुदा के) भेजे हुए (फरिश्ते) लूत के बाल बच्चों के पास आए तो लूत ने कहा कि तुम तो (कुछ) अजनबी लोग (मालूम होते हो) |
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1864 | 15 | 62 | قال إنكم قوم منكرون |
| | | फरिश्तों ने कहा (नहीं) बल्कि हम तो आपके पास वह (अज़ाब) लेकर आए हैं |
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