بسم الله الرحمن الرحيم

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ترتيب الآيةرقم السورةرقم الآيةالاية
18481546ادخلوها بسلام آمنين
(दाख़िले के वक्त फ़रिश्ते कहेगें कि) उनमें सलामती इत्मिनान से चले चलो
18491547ونزعنا ما في صدورهم من غل إخوانا على سرر متقابلين
और (दुनिया की तकलीफों से) जो कुछ उनके दिल में रंज था उसको भी हम निकाल देगें और ये बाहम एक दूसरे के आमने सामने तख्तों पर इस तरह बैठे होगें जैसे भाई भाई
18501548لا يمسهم فيها نصب وما هم منها بمخرجين
उनको बेहश्त में तकलीफ छुएगी भी तो नहीं और न कभी उसमें से निकाले जाएँगें
18511549نبئ عبادي أني أنا الغفور الرحيم
(ऐ रसूल) मेरे बन्दों को आगाह करो कि बेशक मै बड़ा बख्शने वाला मेहरबान हूँ
18521550وأن عذابي هو العذاب الأليم
मगर साथ ही इसके (ये भी याद रहे कि) बेशक मेरा अज़ाब भी बड़ा दर्दनाक अज़ाब है
18531551ونبئهم عن ضيف إبراهيم
और उनको इबराहीम के मेहमान का हाल सुना दो
18541552إذ دخلوا عليه فقالوا سلاما قال إنا منكم وجلون
कि जब ये इबराहीम के पास आए तो (पहले) उन्होंने सलाम किया इबराहीम ने (जवाब सलाम के बाद) कहा हमको तो तुम से डर मालूम होता है
18551553قالوا لا توجل إنا نبشرك بغلام عليم
उन्होंने कहा आप मुत्तालिक़ ख़ौफ न कीजिए (क्योंकि) हम तो आप को एक (दाना व बीना) फरज़न्द (के पैदाइश) की खुशख़बरी देते हैं
18561554قال أبشرتموني على أن مسني الكبر فبم تبشرون
इब्राहिम ने कहा क्या मुझे ख़ुशख़बरी (बेटा होने की) देते हो जब मुझे बुढ़ापा छा गया
18571555قالوا بشرناك بالحق فلا تكن من القانطين
तो फिर अब काहे की खुशख़बरी देते हो वह फरिश्ते बोले हमने आप को बिल्कुल ठीक खुशख़बरी दी है तो आप (बारगाह ख़ुदा बन्दी से) ना उम्मीद न हो


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