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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
1800 | 14 | 50 | سرابيلهم من قطران وتغشى وجوههم النار |
| | | उनके परिधान तारकोल के होंगे और आग उनके चहरों पर छा रही होगी, |
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1801 | 14 | 51 | ليجزي الله كل نفس ما كسبت إن الله سريع الحساب |
| | | ताकि अल्लाह प्रत्येक जीव को उसकी कमाई का बदला दे। निश्चय ही अल्लाह जल्द हिसाब लेनेवाला है |
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1802 | 14 | 52 | هذا بلاغ للناس ولينذروا به وليعلموا أنما هو إله واحد وليذكر أولو الألباب |
| | | यह लोगों को सन्देश पहुँचा देना है (ताकि वे इसे ध्यानपूर्वक सुनें) और ताकि उन्हें इसके द्वारा सावधान कर दिया जाए और ताकि वे जान लें कि वही अकेला पूज्य है और ताकि वे सचेत हो जाएँ, तो बुद्धि और समझ रखते है |
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1803 | 15 | 1 | بسم الله الرحمن الرحيم الر تلك آيات الكتاب وقرآن مبين |
| | | अलिफ़॰ लाम॰ रा॰। यह किताब अर्थात स्पष्ट क़ुरआन की आयतें हैं |
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1804 | 15 | 2 | ربما يود الذين كفروا لو كانوا مسلمين |
| | | ऐसे समय आएँगे जब इनकार करनेवाले कामना करेंगे कि क्या ही अच्छा होता कि हम मुस्लिम (आज्ञाकारी) होते! |
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1805 | 15 | 3 | ذرهم يأكلوا ويتمتعوا ويلههم الأمل فسوف يعلمون |
| | | छोड़ो उन्हें खाएँ और मज़े उड़ाएँ और (लम्बी) आशा उन्हें भुलावे में डाले रखे। उन्हें जल्द ही मालूम हो जाएगा! |
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1806 | 15 | 4 | وما أهلكنا من قرية إلا ولها كتاب معلوم |
| | | हमने जिस बस्ती को भी विनष्ट किया है, उसके लिए अनिवार्यतः एक निश्चित फ़ैसला रहा है! |
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1807 | 15 | 5 | ما تسبق من أمة أجلها وما يستأخرون |
| | | किसी समुदाय के लोग न अपने निश्चित समय से आगे बढ़ सकते है और न वे पीछे रह सकते है |
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1808 | 15 | 6 | وقالوا يا أيها الذي نزل عليه الذكر إنك لمجنون |
| | | वे कहते है, "ऐ व्यक्ति, जिसपर अनुस्मरण अवतरित हुआ, तुम निश्चय ही दीवाने हो! |
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1809 | 15 | 7 | لو ما تأتينا بالملائكة إن كنت من الصادقين |
| | | यदि तुम सच्चे हो तो हमारे समक्ष फ़रिश्तों को क्यों नहीं ले आते?" |
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