بسم الله الرحمن الرحيم

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ترتيب الآيةرقم السورةرقم الآيةالاية
17971447فلا تحسبن الله مخلف وعده رسله إن الله عزيز ذو انتقام
अतः यह न समझना कि अल्लाह अपने रसूलों से किए हुए अपने वादे के विरुद्ध जाएगा। अल्लाह तो अपार शक्तिवाला, प्रतिशोधक है
17981448يوم تبدل الأرض غير الأرض والسماوات وبرزوا لله الواحد القهار
जिस दिन यह धरती दूसरी धरती से बदल दी जाएगी और आकाश भी। और वे सब के सब अल्लाह के सामने खुलकर आ जाएँगे, जो अकेला है, सबपर जिसका आधिपत्य है
17991449وترى المجرمين يومئذ مقرنين في الأصفاد
और उस दिन तुम अपराधियों को देखोगे कि ज़ंजीरों में जकड़े हुए है
18001450سرابيلهم من قطران وتغشى وجوههم النار
उनके परिधान तारकोल के होंगे और आग उनके चहरों पर छा रही होगी,
18011451ليجزي الله كل نفس ما كسبت إن الله سريع الحساب
ताकि अल्लाह प्रत्येक जीव को उसकी कमाई का बदला दे। निश्चय ही अल्लाह जल्द हिसाब लेनेवाला है
18021452هذا بلاغ للناس ولينذروا به وليعلموا أنما هو إله واحد وليذكر أولو الألباب
यह लोगों को सन्देश पहुँचा देना है (ताकि वे इसे ध्यानपूर्वक सुनें) और ताकि उन्हें इसके द्वारा सावधान कर दिया जाए और ताकि वे जान लें कि वही अकेला पूज्य है और ताकि वे सचेत हो जाएँ, तो बुद्धि और समझ रखते है
1803151بسم الله الرحمن الرحيم الر تلك آيات الكتاب وقرآن مبين
अलिफ़॰ लाम॰ रा॰। यह किताब अर्थात स्पष्ट क़ुरआन की आयतें हैं
1804152ربما يود الذين كفروا لو كانوا مسلمين
ऐसे समय आएँगे जब इनकार करनेवाले कामना करेंगे कि क्या ही अच्छा होता कि हम मुस्लिम (आज्ञाकारी) होते!
1805153ذرهم يأكلوا ويتمتعوا ويلههم الأمل فسوف يعلمون
छोड़ो उन्हें खाएँ और मज़े उड़ाएँ और (लम्बी) आशा उन्हें भुलावे में डाले रखे। उन्हें जल्द ही मालूम हो जाएगा!
1806154وما أهلكنا من قرية إلا ولها كتاب معلوم
हमने जिस बस्ती को भी विनष्ट किया है, उसके लिए अनिवार्यतः एक निश्चित फ़ैसला रहा है!


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