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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
1797 | 14 | 47 | فلا تحسبن الله مخلف وعده رسله إن الله عزيز ذو انتقام |
| | | अतः यह न समझना कि अल्लाह अपने रसूलों से किए हुए अपने वादे के विरुद्ध जाएगा। अल्लाह तो अपार शक्तिवाला, प्रतिशोधक है |
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1798 | 14 | 48 | يوم تبدل الأرض غير الأرض والسماوات وبرزوا لله الواحد القهار |
| | | जिस दिन यह धरती दूसरी धरती से बदल दी जाएगी और आकाश भी। और वे सब के सब अल्लाह के सामने खुलकर आ जाएँगे, जो अकेला है, सबपर जिसका आधिपत्य है |
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1799 | 14 | 49 | وترى المجرمين يومئذ مقرنين في الأصفاد |
| | | और उस दिन तुम अपराधियों को देखोगे कि ज़ंजीरों में जकड़े हुए है |
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1800 | 14 | 50 | سرابيلهم من قطران وتغشى وجوههم النار |
| | | उनके परिधान तारकोल के होंगे और आग उनके चहरों पर छा रही होगी, |
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1801 | 14 | 51 | ليجزي الله كل نفس ما كسبت إن الله سريع الحساب |
| | | ताकि अल्लाह प्रत्येक जीव को उसकी कमाई का बदला दे। निश्चय ही अल्लाह जल्द हिसाब लेनेवाला है |
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1802 | 14 | 52 | هذا بلاغ للناس ولينذروا به وليعلموا أنما هو إله واحد وليذكر أولو الألباب |
| | | यह लोगों को सन्देश पहुँचा देना है (ताकि वे इसे ध्यानपूर्वक सुनें) और ताकि उन्हें इसके द्वारा सावधान कर दिया जाए और ताकि वे जान लें कि वही अकेला पूज्य है और ताकि वे सचेत हो जाएँ, तो बुद्धि और समझ रखते है |
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1803 | 15 | 1 | بسم الله الرحمن الرحيم الر تلك آيات الكتاب وقرآن مبين |
| | | अलिफ़॰ लाम॰ रा॰। यह किताब अर्थात स्पष्ट क़ुरआन की आयतें हैं |
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1804 | 15 | 2 | ربما يود الذين كفروا لو كانوا مسلمين |
| | | ऐसे समय आएँगे जब इनकार करनेवाले कामना करेंगे कि क्या ही अच्छा होता कि हम मुस्लिम (आज्ञाकारी) होते! |
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1805 | 15 | 3 | ذرهم يأكلوا ويتمتعوا ويلههم الأمل فسوف يعلمون |
| | | छोड़ो उन्हें खाएँ और मज़े उड़ाएँ और (लम्बी) आशा उन्हें भुलावे में डाले रखे। उन्हें जल्द ही मालूम हो जाएगा! |
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1806 | 15 | 4 | وما أهلكنا من قرية إلا ولها كتاب معلوم |
| | | हमने जिस बस्ती को भी विनष्ट किया है, उसके लिए अनिवार्यतः एक निश्चित फ़ैसला रहा है! |
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