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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
1795 | 14 | 45 | وسكنتم في مساكن الذين ظلموا أنفسهم وتبين لكم كيف فعلنا بهم وضربنا لكم الأمثال |
| | | (और क्या तुम वह लोग नहीं कि) जिन लोगों ने (हमारी नाफ़रमानी करके) आप अपने ऊपर जुल्म किया उन्हीं के घरों में तुम भी रहे हालॉकि तुम पर ये भी ज़ाहिर हो चुका था कि हमने उनके साथ क्या (बरताओ) किया और हमने (तुम्हारे समझाने के वास्ते) मसले भी बयान कर दी थीं |
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1796 | 14 | 46 | وقد مكروا مكرهم وعند الله مكرهم وإن كان مكرهم لتزول منه الجبال |
| | | और वह लोग अपनी चालें चलते हैं (और कभी बाज़ न आए) हालॉकि उनकी सब हालतें खुदा की नज़र में थी और अगरचे उनकी मक्कारियाँ (उस गज़ब की) थीं कि उन से पहाड़ (अपनी जगह से) हट जाये |
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1797 | 14 | 47 | فلا تحسبن الله مخلف وعده رسله إن الله عزيز ذو انتقام |
| | | तो तुम ये ख्याल (भी) न करना कि ख़ुदा अपने रसूलों से ख़िलाफ वायदा करेगा इसमें शक़ नहीं कि ख़ुदा (सबसे) ज़बरदस्त बदला लेने वाला है |
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1798 | 14 | 48 | يوم تبدل الأرض غير الأرض والسماوات وبرزوا لله الواحد القهار |
| | | (मगर कब) जिस दिन ये ज़मीन बदलकर दूसरी ज़मीन कर दी जाएगी और (इसी तरह) आसमान (भी बदल दिए जाएँगें) और सब लोग यकता क़हार (ज़बरदस्त) ख़ुदा के रुबरु (अपनी अपनी जगह से) निकल खड़े होगें |
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1799 | 14 | 49 | وترى المجرمين يومئذ مقرنين في الأصفاد |
| | | और तुम उस दिन गुनेहगारों को देखोगे कि ज़ज़ीरों मे जकड़े हुए होगें |
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1800 | 14 | 50 | سرابيلهم من قطران وتغشى وجوههم النار |
| | | उनके (बदन के) कपड़े क़तरान (तारकोल) के होगे और उनके चेहरों को आग (हर तरफ से) ढाके होगी |
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1801 | 14 | 51 | ليجزي الله كل نفس ما كسبت إن الله سريع الحساب |
| | | ताकि ख़ुदा हर शख़्श को उसके किए का बदला दे (अच्छा तो अच्छा बुरा तो बुरा) बेशक ख़ुदा बहुत जल्द हिसाब लेने वाला है |
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1802 | 14 | 52 | هذا بلاغ للناس ولينذروا به وليعلموا أنما هو إله واحد وليذكر أولو الألباب |
| | | ये (क़ुरान) लोगों के लिए एक क़िस्म की इत्तेला (जानकारी) है ताकि लोग उसके ज़रिये से (अज़ाबे ख़ुदा से) डराए जाए और ताकि ये भी ये यक़ीन जान लें कि बस वही (ख़ुदा) एक माबूद है और ताकि जो लोग अक्ल वाले हैं नसीहत व इबरत हासिल करें |
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1803 | 15 | 1 | بسم الله الرحمن الرحيم الر تلك آيات الكتاب وقرآن مبين |
| | | अलिफ़ लाम रा ये किताब (ख़ुदा) और वाजेए व रौशन क़ुरान की (चन्द) आयते हैं |
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1804 | 15 | 2 | ربما يود الذين كفروا لو كانوا مسلمين |
| | | (एक दिन वह भी आने वाला है कि) जो लोग काफ़िर हो बैठे हैं अक्सर दिल से चाहेंगें |
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