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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
1761 | 14 | 11 | قالت لهم رسلهم إن نحن إلا بشر مثلكم ولكن الله يمن على من يشاء من عباده وما كان لنا أن نأتيكم بسلطان إلا بإذن الله وعلى الله فليتوكل المؤمنون |
| | | उनके रसूलों ने उनसे कहा, "हम तो वास्तव में बस तुम्हारे ही जैसे मनुष्य है, किन्तु अल्लाह अपने बन्दों में से जिनपर चाहता है एहसान करता है और यह हमारा काम नहीं कि तुम्हारे सामने कोई प्रमाण ले आएँ। यह तो बस अल्लाह के आदेश के पश्चात ही सम्भव है; और अल्लाह ही पर ईमानवालों को भरोसा करना चाहिए |
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1762 | 14 | 12 | وما لنا ألا نتوكل على الله وقد هدانا سبلنا ولنصبرن على ما آذيتمونا وعلى الله فليتوكل المتوكلون |
| | | आख़िर हमें क्या हुआ है कि हम अल्लाह पर भरोसा न करें, जबकि उसने हमें हमारे मार्ग दिखाए है? तुम हमें जो तकलीफ़ पहुँचा रहे हो उसके मुक़ाबले में हम धैर्य से काम लेंगे। भरोसा करनेवालों को तो अल्लाह ही पर भरोसा करना चाहिए।" |
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1763 | 14 | 13 | وقال الذين كفروا لرسلهم لنخرجنكم من أرضنا أو لتعودن في ملتنا فأوحى إليهم ربهم لنهلكن الظالمين |
| | | अन्ततः इनकार करनेवालों ने अपने रसूलों से कहा, "हम तुम्हें अपने भू-भाग से निकालकर रहेंगे, या तो तुम्हें हमारे पंथ में लौट आना होगा।" तब उनके रब ने उनकी ओर प्रकाशना की, "हम अत्याचारियों को विनष्ट करके रहेंगे |
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1764 | 14 | 14 | ولنسكننكم الأرض من بعدهم ذلك لمن خاف مقامي وخاف وعيد |
| | | और उनके पश्चात तुम्हें इस धरती में बसाएँगे। यह उसके लिए है, जिसे मेरे समक्ष खड़े होने का भय हो और जो मेरी चेतावनी से डरे।" |
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1765 | 14 | 15 | واستفتحوا وخاب كل جبار عنيد |
| | | उन्होंने फ़ैसला चाहा और प्रत्येक सरकश-दुराग्रही असफल होकर रहा |
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1766 | 14 | 16 | من ورائه جهنم ويسقى من ماء صديد |
| | | वह जहन्नम से घिरा है और पीने को उसे कचलोहू का पानी दिया जाएगा, |
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1767 | 14 | 17 | يتجرعه ولا يكاد يسيغه ويأتيه الموت من كل مكان وما هو بميت ومن ورائه عذاب غليظ |
| | | जिसे वह कठिनाई से घूँट-घूँट करके पिएगा और ऐसा नहीं लगेगा कि वह आसानी से उसे उतार सकता है, और मृत्यु उसपर हर ओर से चली आती होगी, फिर भी वह मरेगा नहीं। और उसके सामने कठोर यातना होगी |
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1768 | 14 | 18 | مثل الذين كفروا بربهم أعمالهم كرماد اشتدت به الريح في يوم عاصف لا يقدرون مما كسبوا على شيء ذلك هو الضلال البعيد |
| | | जिन लोगों ने अपने रब का इनकार किया उनकी मिसाल यह है कि उनके कर्म जैसे राख हों जिसपर आँधी के दिन प्रचंड हवा का झोंका चले। कुछ भी उन्हें अपनी कमाई में से हाथ न आ सकेगा। यही परले दर्जे की तबाही और गुमराही है |
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1769 | 14 | 19 | ألم تر أن الله خلق السماوات والأرض بالحق إن يشأ يذهبكم ويأت بخلق جديد |
| | | क्या तुमने देखा नहीं कि अल्लाह ने आकाशों और धरती को सोद्देश्य पैदा किया? यदि वह चाहे तो तुम सबको ले जाए और एक नवीन सृष्टा जनसमूह ले आए |
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1770 | 14 | 20 | وما ذلك على الله بعزيز |
| | | और यह अल्लाह के लिए कुछ भी कठिन नहीं है |
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