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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
1737 | 13 | 30 | كذلك أرسلناك في أمة قد خلت من قبلها أمم لتتلو عليهم الذي أوحينا إليك وهم يكفرون بالرحمن قل هو ربي لا إله إلا هو عليه توكلت وإليه متاب |
| | | अतएव हमने तुम्हें एक ऐसे समुदाय में भेजा है जिससे पहले कितने ही समुदाय गुज़र चुके है, ताकि हमने तुम्हारी ओर जो प्रकाशना की है, उसे उनको सुना दो, यद्यपि वे रहमान के साथ इनकार की नीति अपनाए हुए है। कह दो, "वही मेरा रब है। उसके सिवा कोई पूज्य-प्रभु नहीं। उसी पर मेरा भरोसा है और उसी की ओर मुझे पलटकर जाना है।" |
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1738 | 13 | 31 | ولو أن قرآنا سيرت به الجبال أو قطعت به الأرض أو كلم به الموتى بل لله الأمر جميعا أفلم ييأس الذين آمنوا أن لو يشاء الله لهدى الناس جميعا ولا يزال الذين كفروا تصيبهم بما صنعوا قارعة أو تحل قريبا من دارهم حتى يأتي وعد الله إن الله لا يخلف الميعاد |
| | | और यदि कोई ऐसा क़ुरआन होता जिसके द्वारा पहाड़ चलने लगते या उससे धरती खंड-खंड हो जाती या उसके द्वारा मुर्दे बोलने लगते (तब भी वे लोग ईमान न लाते) । नहीं, बल्कि बात यह है कि सारे काम अल्लाह ही के अधिकार में है। फिर क्या जो लोग ईमान लाए है वे यह जानकर निराश नहीं हुए कि यदि अल्लाह चाहता तो सारे ही मनुष्यों को सीधे मार्ग पर लगा देता? और इनकार करनेवालों पर तो उनकी करतूतों के बदले में कोई न कोई आपदा निरंतर आती ही रहेगी, या उनके घर के निकट ही कहीं उतरती रहेगी, यहाँ तक कि अल्लाह का वादा आ पूरा होगा। निस्संदेह अल्लाह अपने वादे के विरुद्ध नहीं जाता।" |
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1739 | 13 | 32 | ولقد استهزئ برسل من قبلك فأمليت للذين كفروا ثم أخذتهم فكيف كان عقاب |
| | | तुमसे पहले भी कितने ही रसूलों का उपहास किया जा चुका है, किन्तु मैंने इनकार करनेवालों को मुहलत दी। फिर अंततः मैंने उन्हें पकड़ लिया, फिर कैसी रही मेरी सज़ा? |
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1740 | 13 | 33 | أفمن هو قائم على كل نفس بما كسبت وجعلوا لله شركاء قل سموهم أم تنبئونه بما لا يعلم في الأرض أم بظاهر من القول بل زين للذين كفروا مكرهم وصدوا عن السبيل ومن يضلل الله فما له من هاد |
| | | भला वह (अल्लाह) जो प्रत्येक व्यक्ति के सिर पर, उसकी कमाई पर निगाह रखते हुए खड़ा है (उसके समान कोई दूसरा हो सकता है)? फिर भी लोगों ने अल्लाह के सहभागी-ठहरा रखे है। कहो, "तनिक उनके नाम तो लो! (क्या तुम्हारे पास उनके पक्ष में कोई प्रमाण है?) या ऐसा है कि तुम उसे ऐसी बात की ख़बर दे रहे हो, जिसके अस्तित्व की उसे धरती भर में ख़बर नहीं? या यूँ ही यह एक ऊपरी बात ही बात है?" नहीं, बल्कि इनकार करनेवालों को उनकी मक्कारी ही सुहावनी लगती है और वे मार्ग से रुक गए है। जिसे अल्लाह ही गुमराही में छोड़ दे, उसे कोई मार्ग पर लानेवाला नहीं |
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1741 | 13 | 34 | لهم عذاب في الحياة الدنيا ولعذاب الآخرة أشق وما لهم من الله من واق |
| | | उनके लिए सांसारिक जीवन में भी यातना, तो वह अत्यन्त कठोर है। औऱ कोई भी तो नहीं जो उन्हें अल्लाह से बचानेवाला हो |
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1742 | 13 | 35 | مثل الجنة التي وعد المتقون تجري من تحتها الأنهار أكلها دائم وظلها تلك عقبى الذين اتقوا وعقبى الكافرين النار |
| | | डर रखनेवालों के लिए जिस जन्नत का वादा है उसकी शान यह है कि उसके नीचे नहरें बह रही है, उसके फल शाश्वत है और इसी प्रकार उसकी छाया भी। यह परिणाम है उनका जो डर रखते है, जबकि इनकार करनेवालों का परिणाम आग है |
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1743 | 13 | 36 | والذين آتيناهم الكتاب يفرحون بما أنزل إليك ومن الأحزاب من ينكر بعضه قل إنما أمرت أن أعبد الله ولا أشرك به إليه أدعو وإليه مآب |
| | | जिन लोगों को हमने किताब प्रदान की है वे उससे, जो तुम्हारी ओर उतारा है, हर्षित होते है और विभिन्न गिरोहों के कुछ लोग ऐसे भी है जो उसकी कुछ बातों का इनकार करते है। कह दो, "मुझे पर बस यह आदेश हुआ है कि मैं अल्लाह की बन्दगी करूँ और उसका सहभागी न ठहराऊँ। मैं उसी की ओर बुलाता हूँ और उसी की ओर मुझे लौटकर जाना है।" |
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1744 | 13 | 37 | وكذلك أنزلناه حكما عربيا ولئن اتبعت أهواءهم بعدما جاءك من العلم ما لك من الله من ولي ولا واق |
| | | और इसी प्रकार हमने इस (क़ुरआन) को एक अरबी फ़रमान के रूप में उतारा है। अब यदि तुम उस ज्ञान के पश्चात भी, जो तुम्हारे पास आ चुका है, उनकी इच्छाओं के पीछे चले तो अल्लाह के मुक़ाबले में न तो तुम्हारा कोई सहायक मित्र होगा और न कोई बचानेवाला |
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1745 | 13 | 38 | ولقد أرسلنا رسلا من قبلك وجعلنا لهم أزواجا وذرية وما كان لرسول أن يأتي بآية إلا بإذن الله لكل أجل كتاب |
| | | तुमसे पहले भी हम, कितने ही रसूल भेज चुके है और हमने उन्हें पत्नियों और बच्चे भी दिए थे, और किसी रसूल को यह अधिकार नहीं था कि वह अल्लाह की अनुमति के बिना कोई निशानी स्वयं ला लेता। हर चीज़ के एक समय जो अटल लिखित है |
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1746 | 13 | 39 | يمحو الله ما يشاء ويثبت وعنده أم الكتاب |
| | | अल्लाह जो कुछ चाहता है मिटा देता है। इसी तरह वह क़ायम भी रखता है। मूल किताब तो स्वयं उसी के पास है |
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