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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
1724 | 13 | 17 | أنزل من السماء ماء فسالت أودية بقدرها فاحتمل السيل زبدا رابيا ومما يوقدون عليه في النار ابتغاء حلية أو متاع زبد مثله كذلك يضرب الله الحق والباطل فأما الزبد فيذهب جفاء وأما ما ينفع الناس فيمكث في الأرض كذلك يضرب الله الأمثال |
| | | उसने आकाश से पानी उतारा तो नदी-नाले अपनी-अपनी समाई के अनुसार बह निकले। फिर पानी के बहाव ने उभरे हुए झाग को उठा लिया और उसमें से भी, जिसे वे ज़ेवर या दूसरे सामान बनाने के लिए आग में तपाते हैं, ऐसा ही झाग उठता है। इस प्रकार अल्लाह सत्य और असत्य की मिसाल बयान करता है। फिर जो झाग है वह तो सूखकर नष्ट हो जाता है और जो कुछ लोगों को लाभ पहुँचानेवाला होता है, वह धरती में ठहर जाता है। इसी प्रकार अल्लाह दृष्टांत प्रस्तुत करता है |
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1725 | 13 | 18 | للذين استجابوا لربهم الحسنى والذين لم يستجيبوا له لو أن لهم ما في الأرض جميعا ومثله معه لافتدوا به أولئك لهم سوء الحساب ومأواهم جهنم وبئس المهاد |
| | | जिन लोगों ने अपने रब का आमंत्रण स्वीकार कर लिया, उनके लिए अच्छा पुरस्कार है। रहे वे लोग जिन्होंने उसे स्वीकार नहीं किया यदि उनके पास वह सब कुछ हो जो धरती में हैं, बल्कि उसके साथ उतना और भी हो तो अपनी मुक्ति के लिए वे सब दे डालें। वही हैं, जिनका बुरा हिसाब होगा। उनका ठिकाना जहन्नम है और वह अत्यन्त बुरा विश्राम-स्थल है |
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1726 | 13 | 19 | أفمن يعلم أنما أنزل إليك من ربك الحق كمن هو أعمى إنما يتذكر أولو الألباب |
| | | भला वह व्यक्ति जो जानता है कि जो कुछ तुम पर उतरा है तुम्हारे रब की ओर से सत्य है, कभी उस जैसा हो सकता है जो अंधा है? परन्तु समझते तो वही है जो बुद्धि और समझ रखते है, |
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1727 | 13 | 20 | الذين يوفون بعهد الله ولا ينقضون الميثاق |
| | | जो अल्लाह के साथ की हुई प्रतिज्ञा को पूरा करते है औऱ अभिवचन को तोड़ते नहीं, |
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1728 | 13 | 21 | والذين يصلون ما أمر الله به أن يوصل ويخشون ربهم ويخافون سوء الحساب |
| | | और जो ऐसे हैं कि अल्लाह नॆ जिसे जोड़ने का आदेश दिया है उसे जोड़ते हैं और अपनॆ रब से डरते रहते हैं और बुरॆ हिसाब का उन्हॆं डर लगा रहता है |
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1729 | 13 | 22 | والذين صبروا ابتغاء وجه ربهم وأقاموا الصلاة وأنفقوا مما رزقناهم سرا وعلانية ويدرءون بالحسنة السيئة أولئك لهم عقبى الدار |
| | | और जिन लोगों ने अपने रब की प्रसन्नता की चाह में धैर्य से काम लिया और नमाज़ क़ायम की और जो कुछ हमने उन्हें दिया है, उसमें से खुले और छिपे ख़र्च किया, और भलाई के द्वारा बुराई को दूर करते है। वही लोग है जिनके लिए आख़िरत के घर का अच्छा परिणाम है, |
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1730 | 13 | 23 | جنات عدن يدخلونها ومن صلح من آبائهم وأزواجهم وذرياتهم والملائكة يدخلون عليهم من كل باب |
| | | अर्थात सदैव रहने के बाग़ है जिनमें वे प्रवेश करेंगे और उनके बाप-दादा और उनकी पत्नियों और उनकी सन्तानों में से जो नेक होंगे वे भी और हर दरवाज़े से फ़रिश्ते उनके पास पहुँचेंगे |
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1731 | 13 | 24 | سلام عليكم بما صبرتم فنعم عقبى الدار |
| | | (वे कहेंगे) "तुमपर सलाम है उसके बदले में जो तुमने धैर्य से काम लिया।" अतः क्या ही अच्छा परिणाम है आख़िरत के घर का! |
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1732 | 13 | 25 | والذين ينقضون عهد الله من بعد ميثاقه ويقطعون ما أمر الله به أن يوصل ويفسدون في الأرض أولئك لهم اللعنة ولهم سوء الدار |
| | | रहे वे लोग जो अल्लाह की प्रतिज्ञा को उसे दृढ़ करने के पश्चात तोड़ डालते है और अल्लाह ने जिसे जोड़ने का आदेश दिया है, उसे काटते है और धरती में बिगाड़ पैदा करते है। वहीं है जिनके लिए फिटकार है और जिनके लिए आख़िरत का बुरा घर है |
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1733 | 13 | 26 | الله يبسط الرزق لمن يشاء ويقدر وفرحوا بالحياة الدنيا وما الحياة الدنيا في الآخرة إلا متاع |
| | | अल्लाह जिसको चाहता है प्रचुर फैली हुई रोज़ी प्रदान करता है औऱ इसी प्रकार नपी-तुली भी। और वे सांसारिक जीवन में मग्न हैं, हालाँकि सांसारिक जीवन आख़िरत के मुक़ाबले में तो बस अल्प सुख-सामग्री है |
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