بسم الله الرحمن الرحيم

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170612110حتى إذا استيأس الرسل وظنوا أنهم قد كذبوا جاءهم نصرنا فنجي من نشاء ولا يرد بأسنا عن القوم المجرمين
पहले के पैग़म्बरो ने तबलीग़े रिसालत यहाँ वक कि जब (क़ौम के ईमान लाने से) पैग़म्बर मायूस हो गए और उन लोगों ने समझ लिया कि वह झुठलाए गए तो उनके पास हमारी (ख़ास) मदद आ पहुँची तो जिसे हमने चाहा नजात दी और हमारा अज़ाब गुनेहगार लोगों के सर से तो टाला नहीं जाता
170712111لقد كان في قصصهم عبرة لأولي الألباب ما كان حديثا يفترى ولكن تصديق الذي بين يديه وتفصيل كل شيء وهدى ورحمة لقوم يؤمنون
इसमें शक़ नहीं कि उन लोगों के किस्सों में अक़लमन्दों के वास्ते (अच्छी ख़ासी) इबरत (व नसीहत) है ये (क़ुरान) कोई ऐसी बात नहीं है जो (ख्वाहामा ख्वाह) गढ़ ली जाए बल्कि (जो आसमानी किताबें) इसके पहले से मौजूद हैं उनकी तसदीक़ है और हर चीज़ की तफसील और ईमानदारों के वास्ते (अज़सरतापा) हिदायत व रहमत है
1708131بسم الله الرحمن الرحيم المر تلك آيات الكتاب والذي أنزل إليك من ربك الحق ولكن أكثر الناس لا يؤمنون
अलिफ़ लाम मीम रा ये किताब (क़ुरान) की आयतें है और तुम्हारे परवरदिगार की तरफ से जो कुछ तुम्हारे पास नाज़िल किया गया है बिल्कुल ठीक है मगर बहुतेरे लोग ईमान नहीं लाते
1709132الله الذي رفع السماوات بغير عمد ترونها ثم استوى على العرش وسخر الشمس والقمر كل يجري لأجل مسمى يدبر الأمر يفصل الآيات لعلكم بلقاء ربكم توقنون
ख़ुदा वही तो है जिसने आसमानों को जिन्हें तुम देखते हो बग़ैर सुतून (खम्बों) के उठाकर खड़ा कर दिया फिर अर्श (के बनाने) पर आमादा हुआ और सूरज और चाँद को (अपना) ताबेदार बनाया कि हर एक वक्त मुक़र्ररा तक चला करते है वही (दुनिया के) हर एक काम का इन्तेज़ाम करता है और इसी ग़रज़ से कि तुम लोग अपने परवरदिगार के सामने हाज़िर होने का यक़ीन करो
1710133وهو الذي مد الأرض وجعل فيها رواسي وأنهارا ومن كل الثمرات جعل فيها زوجين اثنين يغشي الليل النهار إن في ذلك لآيات لقوم يتفكرون
(अपनी) आयतें तफसीलदार बयान करता है और वह वही है जिसने ज़मीन को बिछाया और उसमें (बड़े बड़े) अटल पहाड़ और दरिया बनाए और उसने हर तरह के मेवों की दो दो किस्में पैदा की (जैसे खट्टे मीठे) वही रात (के परदे) से दिन को ढाक देता है इसमें शक़ नहीं कि जो लोग और ग़ौर व फिक्र करते हैं उनके लिए इसमें (कुदरत खुदा की) बहुतेरी निशानियाँ हैं
1711134وفي الأرض قطع متجاورات وجنات من أعناب وزرع ونخيل صنوان وغير صنوان يسقى بماء واحد ونفضل بعضها على بعض في الأكل إن في ذلك لآيات لقوم يعقلون
और खुरमों (खजूर) के दरख्त की एक जड़ और दो याखें और बाज़ अकेला (एक ही याख़ का) हालॉकि सब एक ही पानी से सीचे जाते हैं और फलों में बाज़ को बाज़ पर हम तरजीह देते हैं बेशक जो लोग अक़ल वाले हैं उनके लिए इसमें (कुदरत खुदा की) बहुतेरी निशानियाँ हैं
1712135وإن تعجب فعجب قولهم أإذا كنا ترابا أإنا لفي خلق جديد أولئك الذين كفروا بربهم وأولئك الأغلال في أعناقهم وأولئك أصحاب النار هم فيها خالدون
और अगर तुम्हें (किसी बात पर) ताज्जुब होता है तो उन कुफ्फारों को ये क़ौल ताज्जुब की बात है कि जब हम (सड़गल कर) मिट्टी हो जाएंगें तो क्या हम (फिर दोबारा) एक नई जहन्नुम में आंऎंगें ये वही लोग हैं जिन्होंने अपने परवरदिगार के साथ कुफ्र किया और यही वह लोग हैं जिनकी गर्दनों में (क़यामत के दिन) तौक़ पड़े होगें और यही लोग जहन्नुमी हैं कि ये इसमें हमेशा रहेगें
1713136ويستعجلونك بالسيئة قبل الحسنة وقد خلت من قبلهم المثلات وإن ربك لذو مغفرة للناس على ظلمهم وإن ربك لشديد العقاب
और (ऐ रसूल) ये लोग तुम से भलाई के क़ब्ल ही बुराई (अज़ाब) की जल्दी मचा रहे हैं हालॉकि उनके पहले (बहुत से लोगों की) सज़ाएं हो चुकी हैं और इसमें शक़ नहीं की तुम्हारा परवरदिगार बावजूद उनकी शरारत के लोगों पर बड़ा बख़शिश (करम) वाला है और इसमें भी शक़ नहीं कि तुम्हारा परवरदिगार यक़ीनन सख्त अज़ाब वाला है
1714137ويقول الذين كفروا لولا أنزل عليه آية من ربه إنما أنت منذر ولكل قوم هاد
और वो लोग काफिर हैं कहते हैं कि इस शख़्श (मोहम्मद) पर उसके परवरदिगार की तरफ से कोई निशानी (हमारी मर्ज़ी के मुताबिक़) क्यों नहीं नाज़िल की जाती ऐ रसूल तुम तो सिर्फ (ख़ौफे ख़ुदा से) डराने वाले हो
1715138الله يعلم ما تحمل كل أنثى وما تغيض الأرحام وما تزداد وكل شيء عنده بمقدار
और हर क़ौम के लिए एक हिदायत करने वाला है हर मादा जो कि पेट में लिए हुए है और उसको ख़ुदा ही जानता है व बच्चा दानियों का घटना बढ़ना (भी वही जानता है) और हर चीज़ उसके नज़दीक़ एक अन्दाजे से है


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