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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
18 | 2 | 11 | وإذا قيل لهم لا تفسدوا في الأرض قالوا إنما نحن مصلحون |
| | | और जब उनसे कहा जाता है कि मुल्क में फसाद न करते फिरो (तो) कहते हैं कि हम तो सिर्फ इसलाह करते हैं |
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19 | 2 | 12 | ألا إنهم هم المفسدون ولكن لا يشعرون |
| | | ख़बरदार हो जाओ बेशक यही लोग फसादी हैं लेकिन समझते नहीं |
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20 | 2 | 13 | وإذا قيل لهم آمنوا كما آمن الناس قالوا أنؤمن كما آمن السفهاء ألا إنهم هم السفهاء ولكن لا يعلمون |
| | | और जब उनसे कहा जाता है कि जिस तरह और लोग ईमान लाए हैं तुम भी ईमान लाओ तो कहते हैं क्या हम भी उसी तरह ईमान लाएँ जिस तरह और बेवकूफ़ लोग ईमान लाएँ, ख़बरदार हो जाओ लोग बेवक़ूफ़ हैं लेकिन नहीं जानते |
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21 | 2 | 14 | وإذا لقوا الذين آمنوا قالوا آمنا وإذا خلوا إلى شياطينهم قالوا إنا معكم إنما نحن مستهزئون |
| | | और जब उन लोगों से मिलते हैं जो ईमान ला चुके तो कहते हैं हम तो ईमान ला चुके और जब अपने शैतानों के साथ तनहा रह जाते हैं तो कहते हैं हम तुम्हारे साथ हैं हम तो (मुसलमानों को) बनाते हैं |
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22 | 2 | 15 | الله يستهزئ بهم ويمدهم في طغيانهم يعمهون |
| | | (वह क्या बनाएँगे) खुदा उनको बनाता है और उनको ढील देता है कि वह अपनी सरकशी में ग़लत पेचाँ (उलझे) रहें |
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23 | 2 | 16 | أولئك الذين اشتروا الضلالة بالهدى فما ربحت تجارتهم وما كانوا مهتدين |
| | | यही वह लोग हैं जिन्होंने हिदायत के बदले गुमराही ख़रीद ली, फिर न उनकी तिजारत ही ने कुछ नफ़ा दिया और न उन लोगों ने हिदायत ही पाई |
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24 | 2 | 17 | مثلهم كمثل الذي استوقد نارا فلما أضاءت ما حوله ذهب الله بنورهم وتركهم في ظلمات لا يبصرون |
| | | उन लोगों की मिसाल (तो) उस शख्स की सी है जिसने (रात के वक्त मजमे में) भड़कती हुईआग रौशन की फिर जब आग (के शोले) ने उसके गिर्दों पेश (चारों ओर) खूब उजाला कर दिया तो खुदा ने उनकी रौशनी ले ली और उनको घटाटोप अंधेरे में छोड़ दिया |
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25 | 2 | 18 | صم بكم عمي فهم لا يرجعون |
| | | कि अब उन्हें कुछ सुझाई नहीं देता ये लोग बहरे गूँगे अन्धे हैं कि फिर अपनी गुमराही से बाज़ नहीं आ सकते |
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26 | 2 | 19 | أو كصيب من السماء فيه ظلمات ورعد وبرق يجعلون أصابعهم في آذانهم من الصواعق حذر الموت والله محيط بالكافرين |
| | | या उनकी मिसाल ऐसी है जैसे आसमानी बारिश जिसमें तारिकियाँ ग़र्ज़ बिजली हो मौत के खौफ से कड़क के मारे अपने कानों में ऊँगलियाँ दे लेते हैं हालाँकि खुदा काफ़िरों को (इस तरह) घेरे हुए है (कि उसक हिल नहीं सकते) |
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27 | 2 | 20 | يكاد البرق يخطف أبصارهم كلما أضاء لهم مشوا فيه وإذا أظلم عليهم قاموا ولو شاء الله لذهب بسمعهم وأبصارهم إن الله على كل شيء قدير |
| | | क़रीब है कि बिजली उनकी ऑंखों को चौन्धिया दे जब उनके आगे बिजली चमकी तो उस रौशनी में चल खड़े हुए और जब उन पर अंधेरा छा गया तो (ठिठके के) खड़े हो गए और खुदा चाहता तो यूँ भी उनके देखने और सुनने की कूवतें छीन लेता बेशक खुदा हर चीज़ पर क़ादिर है |
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