بسم الله الرحمن الرحيم

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18211وإذا قيل لهم لا تفسدوا في الأرض قالوا إنما نحن مصلحون
और जब उनसे कहा जाता है कि मुल्क में फसाद न करते फिरो (तो) कहते हैं कि हम तो सिर्फ इसलाह करते हैं
19212ألا إنهم هم المفسدون ولكن لا يشعرون
ख़बरदार हो जाओ बेशक यही लोग फसादी हैं लेकिन समझते नहीं
20213وإذا قيل لهم آمنوا كما آمن الناس قالوا أنؤمن كما آمن السفهاء ألا إنهم هم السفهاء ولكن لا يعلمون
और जब उनसे कहा जाता है कि जिस तरह और लोग ईमान लाए हैं तुम भी ईमान लाओ तो कहते हैं क्या हम भी उसी तरह ईमान लाएँ जिस तरह और बेवकूफ़ लोग ईमान लाएँ, ख़बरदार हो जाओ लोग बेवक़ूफ़ हैं लेकिन नहीं जानते
21214وإذا لقوا الذين آمنوا قالوا آمنا وإذا خلوا إلى شياطينهم قالوا إنا معكم إنما نحن مستهزئون
और जब उन लोगों से मिलते हैं जो ईमान ला चुके तो कहते हैं हम तो ईमान ला चुके और जब अपने शैतानों के साथ तनहा रह जाते हैं तो कहते हैं हम तुम्हारे साथ हैं हम तो (मुसलमानों को) बनाते हैं
22215الله يستهزئ بهم ويمدهم في طغيانهم يعمهون
(वह क्या बनाएँगे) खुदा उनको बनाता है और उनको ढील देता है कि वह अपनी सरकशी में ग़लत पेचाँ (उलझे) रहें
23216أولئك الذين اشتروا الضلالة بالهدى فما ربحت تجارتهم وما كانوا مهتدين
यही वह लोग हैं जिन्होंने हिदायत के बदले गुमराही ख़रीद ली, फिर न उनकी तिजारत ही ने कुछ नफ़ा दिया और न उन लोगों ने हिदायत ही पाई
24217مثلهم كمثل الذي استوقد نارا فلما أضاءت ما حوله ذهب الله بنورهم وتركهم في ظلمات لا يبصرون
उन लोगों की मिसाल (तो) उस शख्स की सी है जिसने (रात के वक्त मजमे में) भड़कती हुईआग रौशन की फिर जब आग (के शोले) ने उसके गिर्दों पेश (चारों ओर) खूब उजाला कर दिया तो खुदा ने उनकी रौशनी ले ली और उनको घटाटोप अंधेरे में छोड़ दिया
25218صم بكم عمي فهم لا يرجعون
कि अब उन्हें कुछ सुझाई नहीं देता ये लोग बहरे गूँगे अन्धे हैं कि फिर अपनी गुमराही से बाज़ नहीं आ सकते
26219أو كصيب من السماء فيه ظلمات ورعد وبرق يجعلون أصابعهم في آذانهم من الصواعق حذر الموت والله محيط بالكافرين
या उनकी मिसाल ऐसी है जैसे आसमानी बारिश जिसमें तारिकियाँ ग़र्ज़ बिजली हो मौत के खौफ से कड़क के मारे अपने कानों में ऊँगलियाँ दे लेते हैं हालाँकि खुदा काफ़िरों को (इस तरह) घेरे हुए है (कि उसक हिल नहीं सकते)
27220يكاد البرق يخطف أبصارهم كلما أضاء لهم مشوا فيه وإذا أظلم عليهم قاموا ولو شاء الله لذهب بسمعهم وأبصارهم إن الله على كل شيء قدير
क़रीब है कि बिजली उनकी ऑंखों को चौन्धिया दे जब उनके आगे बिजली चमकी तो उस रौशनी में चल खड़े हुए और जब उन पर अंधेरा छा गया तो (ठिठके के) खड़े हो गए और खुदा चाहता तो यूँ भी उनके देखने और सुनने की कूवतें छीन लेता बेशक खुदा हर चीज़ पर क़ादिर है


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