بسم الله الرحمن الرحيم

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169712101رب قد آتيتني من الملك وعلمتني من تأويل الأحاديث فاطر السماوات والأرض أنت وليي في الدنيا والآخرة توفني مسلما وألحقني بالصالحين
(उसके बाद यूसुफ ने दुआ की ऐ परवरदिगार तूने मुझे मुल्क भी अता फरमाया और मुझे ख्वाब की बातों की ताबीर भी सिखाई ऐ आसमान और ज़मीन के पैदा करने वाले तू ही मेरा मालिक सरपरस्त है दुनिया में भी और आख़िरत में भी तू मुझे (दुनिया से) मुसलमान उठाये और मुझे नेको कारों में शामिल फरमा
169812102ذلك من أنباء الغيب نوحيه إليك وما كنت لديهم إذ أجمعوا أمرهم وهم يمكرون
(ऐ रसूल) ये किस्सा ग़ैब की ख़बरों में से है जिसे हम तुम्हारे पास वही के ज़रिए भेजते हैं (और तुम्हें मालूम होता है वरना जिस वक्त यूसुफ के भाई बाहम अपने काम का मशवरा कर रहे थे और (हलाक की) तदबीरे कर रहे थे
169912103وما أكثر الناس ولو حرصت بمؤمنين
तुम उनके पास मौजूद न थे और कितने ही चाहो मगर बहुतेरे लोग ईमान लाने वाले नहीं हैं
170012104وما تسألهم عليه من أجر إن هو إلا ذكر للعالمين
हालॉकि तुम उनसे (तबलीगे रिसालत का) कोई सिला नहीं मॉगते और ये (क़ुरान) तो सारे जहाँन के वास्ते नसीहत (ही नसीहत) है
170112105وكأين من آية في السماوات والأرض يمرون عليها وهم عنها معرضون
और आसमानों और ज़मीन में (ख़ुदा की क़ुदरत की) कितनी निशानियाँ हैं जिन पर ये लोग (दिन रात) ग़ुज़ारा करते हैं और उससे मुँह फेरे रहते हैं
170212106وما يؤمن أكثرهم بالله إلا وهم مشركون
और अक्सर लोगों की ये हालत है कि वह ख़ुदा पर ईमान तो नहीं लाते मगर शिर्क किए जाते हैं
170312107أفأمنوا أن تأتيهم غاشية من عذاب الله أو تأتيهم الساعة بغتة وهم لا يشعرون
तो क्या ये लोग इस बात से मुतमइन हो बैठें हैं कि उन पर ख़ुदा का अज़ाब आ पड़े जो उन पर छा जाए या उन पर अचानक क़यामत ही आ जाए और उनको कुछ ख़बर भी न हो
170412108قل هذه سبيلي أدعو إلى الله على بصيرة أنا ومن اتبعني وسبحان الله وما أنا من المشركين
(ऐ रसूल) उन से कह दो कि मेरा तरीका तो ये है कि मै (लोगों) को ख़ुदा की तरफ बुलाता हूँ मैं और मेरा पैरव (पीछे चलने वाले) (दोनों) मज़बूत दलील पर हैं और ख़ुदा (हर ऐब व नुक़स से) पाक व पाकीज़ा है और मै मुशरेकीन से नहीं हूँ
170512109وما أرسلنا من قبلك إلا رجالا نوحي إليهم من أهل القرى أفلم يسيروا في الأرض فينظروا كيف كان عاقبة الذين من قبلهم ولدار الآخرة خير للذين اتقوا أفلا تعقلون
और (ऐ रसूल) तुमसे पहले भी हम गाँव ही के रहने वाले कुछ मर्दों को (पैग़म्बर बनाकर) भेजा किए है कि हम उन पर वही नाज़िल करते थे तो क्या ये लोग रुए ज़मीन पर चले फिरे नहीं कि ग़ौर करते कि जो लोग उनसे पहले हो गुज़रे हैं उनका अन्जाम क्या हुआ और जिन लोगों ने परहेज़गारी एख्तेयार की उनके लिए आख़िरत का घर (दुनिया से) यक़ीनन कहीं ज्यादा बेहतर है क्या ये लोग नहीं समझते
170612110حتى إذا استيأس الرسل وظنوا أنهم قد كذبوا جاءهم نصرنا فنجي من نشاء ولا يرد بأسنا عن القوم المجرمين
पहले के पैग़म्बरो ने तबलीग़े रिसालत यहाँ वक कि जब (क़ौम के ईमान लाने से) पैग़म्बर मायूस हो गए और उन लोगों ने समझ लिया कि वह झुठलाए गए तो उनके पास हमारी (ख़ास) मदद आ पहुँची तो जिसे हमने चाहा नजात दी और हमारा अज़ाब गुनेहगार लोगों के सर से तो टाला नहीं जाता


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