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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
170 | 2 | 163 | وإلهكم إله واحد لا إله إلا هو الرحمن الرحيم |
| | | और न उनको अज़ाब से मोहलत दी जाएगी और तुम्हारा माबूद तो वही यकता ख़ुदा है उस के सिवा कोई माबूद नहीं जो बड़ा मेहरबान रहम वाला है |
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171 | 2 | 164 | إن في خلق السماوات والأرض واختلاف الليل والنهار والفلك التي تجري في البحر بما ينفع الناس وما أنزل الله من السماء من ماء فأحيا به الأرض بعد موتها وبث فيها من كل دابة وتصريف الرياح والسحاب المسخر بين السماء والأرض لآيات لقوم يعقلون |
| | | बेशक आसमान व ज़मीन की पैदाइश और रात दिन के रद्दो बदल में और क़श्तियों जहाज़ों में जो लोगों के नफे क़ी चीज़े (माले तिजारत वगैरह दरिया) में ले कर चलते हैं और पानी में जो ख़ुदा ने आसमान से बरसाया फिर उस से ज़मीन को मुर्दा (बेकार) होने के बाद जिला दिया (शादाब कर दिया) और उस में हर क़िस्म के जानवर फैला दिये और हवाओं के चलाने में और अब्र में जो आसमान व ज़मीन के दरमियान ख़ुदा के हुक्म से घिरा रहता है (इन सब बातों में) अक्ल वालों के लिए बड़ी बड़ी निशानियाँ हैं |
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172 | 2 | 165 | ومن الناس من يتخذ من دون الله أندادا يحبونهم كحب الله والذين آمنوا أشد حبا لله ولو يرى الذين ظلموا إذ يرون العذاب أن القوة لله جميعا وأن الله شديد العذاب |
| | | और बाज़ लोग ऐसे भी हैं जो ख़ुदा के सिवा औरों को भी ख़ुदा का मिसल व शरीक बनाते हैं (और) जैसी मोहब्बत ख़ुदा से रखनी चाहिए वैसी ही उन से रखते हैं और जो लोग ईमानदार हैं वह उन से कहीं बढ़ कर ख़ुदा की उलफ़त रखते हैं और काश ज़ालिमों को (इस वक्त) वह बात सूझती जो अज़ाब देखने के बाद सूझेगी कि यक़ीनन हर तरह की क़ूवत ख़ुदा ही को है और ये कि बेशक ख़ुदा बड़ा सख्त अज़ाब वाला है |
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173 | 2 | 166 | إذ تبرأ الذين اتبعوا من الذين اتبعوا ورأوا العذاب وتقطعت بهم الأسباب |
| | | (वह क्या सख्त वक्त होगा) जब पेशवा लोग अपने पैरवो से अपना पीछा छुड़ाएगे और (ब चश्में ख़ुद) अज़ाब को देखेगें और उनके बाहमी ताल्लुक़ात टूट जाएँगे |
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174 | 2 | 167 | وقال الذين اتبعوا لو أن لنا كرة فنتبرأ منهم كما تبرءوا منا كذلك يريهم الله أعمالهم حسرات عليهم وما هم بخارجين من النار |
| | | और पैरव कहने लगेंगे कि अगर हमें कहीं फिर (दुनिया में) पलटना मिले तो हम भी उन से इसी तरह अलग हो जायेंगे जिस तरह एैन वक्त पर ये लोग हम से अलग हो गए यूँ ही ख़ुदा उन के आमाल को दिखाएगा जो उन्हें (सर तापा पास ही) पास दिखाई देंगें और फिर भला कब वह दोज़ख़ से निकल सकतें हैं |
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175 | 2 | 168 | يا أيها الناس كلوا مما في الأرض حلالا طيبا ولا تتبعوا خطوات الشيطان إنه لكم عدو مبين |
| | | ऐ लोगों जो कुछ ज़मीन में हैं उस में से हलाल व पाकीज़ा चीज़ (शौक़ से) खाओ और शैतान के क़दम ब क़दम न चलो वह तो तुम्हारा ज़ाहिर ब ज़ाहिर दुश्मन है |
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176 | 2 | 169 | إنما يأمركم بالسوء والفحشاء وأن تقولوا على الله ما لا تعلمون |
| | | वह तो तुम्हें बुराई और बदकारी ही का हुक्म करेगा और ये चाहेगा कि तुम बे जाने बूझे ख़ुदा पर बोहतान बाँधों |
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177 | 2 | 170 | وإذا قيل لهم اتبعوا ما أنزل الله قالوا بل نتبع ما ألفينا عليه آباءنا أولو كان آباؤهم لا يعقلون شيئا ولا يهتدون |
| | | और जब उन से कहा जाता है कि जो हुक्म ख़ुदा की तरफ से नाज़िल हुआ है उस को मानो तो कहते हैं कि नहीं बल्कि हम तो उसी तरीक़े पर चलेंगे जिस पर हमने अपने बाप दादाओं को पाया अगरचे उन के बाप दादा कुछ भी न समझते हों और न राहे रास्त ही पर चलते रहे हों |
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178 | 2 | 171 | ومثل الذين كفروا كمثل الذي ينعق بما لا يسمع إلا دعاء ونداء صم بكم عمي فهم لا يعقلون |
| | | और जिन लोगों ने कुफ्र एख्तेयार किया उन की मिसाल तो उस शख्स की मिसाल है जो ऐसे जानवर को पुकार के अपना हलक़ फाड़े जो आवाज़ और पुकार के सिवा सुनता (समझता ख़ाक) न हो ये लोग बहरे गूँगे अन्धें हैं कि ख़ाक नहीं समझते |
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179 | 2 | 172 | يا أيها الذين آمنوا كلوا من طيبات ما رزقناكم واشكروا لله إن كنتم إياه تعبدون |
| | | ऐ ईमानदारों जो कुछ हम ने तुम्हें दिया है उस में से सुथरी चीज़ें (शौक़ से) खाओं और अगर ख़ुदा ही की इबादत करते हो तो उसी का शुक्र करो |
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