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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
1689 | 12 | 93 | اذهبوا بقميصي هذا فألقوه على وجه أبي يأت بصيرا وأتوني بأهلكم أجمعين |
| | | और उसको अब्बा जान के चेहरे पर डाल देना कि वह फिर बीना हो जाएंगें (देखने लगेंगे) और तुम लोग अपने सब लड़के बालों को लेकर मेरे पास चले आओ |
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1690 | 12 | 94 | ولما فصلت العير قال أبوهم إني لأجد ريح يوسف لولا أن تفندون |
| | | और जो ही ये काफ़िला मिस्र से चला था कि उन लोगों के वालिद (याक़ूब) ने कहा दिया था कि अगर मुझे सठिया या हुआ न कहो तो बात कहूँ कि मुझे यूसुफ की बू मालूम हो रही है |
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1691 | 12 | 95 | قالوا تالله إنك لفي ضلالك القديم |
| | | वह लोग कुनबे वाले (पोते वग़ैराह) कहने लगे आप यक़ीनन अपने पुराने ख़याल (मोहब्बत) में (पड़े हुए) हैं |
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1692 | 12 | 96 | فلما أن جاء البشير ألقاه على وجهه فارتد بصيرا قال ألم أقل لكم إني أعلم من الله ما لا تعلمون |
| | | फिर (यूसुफ की) खुशखबरी देने वाला आया और उनके कुर्ते को उनके चेहरे पर डाल दिया तो याक़ूब फौरन फिर दोबारा ऑंख वाले हो गए (तब याक़ूब ने बेटों से) कहा क्यों मै तुमसे न कहता था जो बातें खुदा की तरफ से मै जानता हूँ तुम नहीं जानते |
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1693 | 12 | 97 | قالوا يا أبانا استغفر لنا ذنوبنا إنا كنا خاطئين |
| | | उन लोगों ने अर्ज़ की ऐ अब्बा हमारे गुनाहों की मग़फिरत की (ख़ुदा की बारगाह में) हमारे वास्ते दुआ मॉगिए हम बेशक अज़सरतापा गुनेहगार हैं |
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1694 | 12 | 98 | قال سوف أستغفر لكم ربي إنه هو الغفور الرحيم |
| | | याक़ूब ने कहा मै बहुत जल्द अपने परवरदिगार से तुम्हारी मग़फिरत की दुआ करुगाँ बेशक वह बड़ा बख्शने वाला मेहरबान है |
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1695 | 12 | 99 | فلما دخلوا على يوسف آوى إليه أبويه وقال ادخلوا مصر إن شاء الله آمنين |
| | | (ग़रज़) जब फिर ये लोग (मय याकूब के) चले और यूसुफ शहर के बाहर लेने आए तो जब ये लोग यूसुफ के पास पहुँचे तो यूसुफ ने अपने माँ बाप को अपने पास जगह दी और (उनसे) कहा कि अब इन्शा अल्लाह बड़े इत्मिनान से मिस्र में चलिए |
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1696 | 12 | 100 | ورفع أبويه على العرش وخروا له سجدا وقال يا أبت هذا تأويل رؤياي من قبل قد جعلها ربي حقا وقد أحسن بي إذ أخرجني من السجن وجاء بكم من البدو من بعد أن نزغ الشيطان بيني وبين إخوتي إن ربي لطيف لما يشاء إنه هو العليم الحكيم |
| | | (ग़रज़) पहुँचकर यूसुफ ने अपने माँ बाप को तख्त पर बिठाया और सब के सब यूसुफ की ताज़ीम के वास्ते उनके सामने सजदे में गिर पड़े (उस वक्त) यूसुफ ने कहा ऐ अब्बा ये ताबीर है मेरे उस पहले ख्वाब की कि मेरे परवरदिगार ने उसे सच कर दिखाया बेशक उसने मेरे साथ एहसान किया जब उसने मुझे क़ैद ख़ाने से निकाला और बावजूद कि मुझ में और मेरे भाईयों में शैतान ने फसाद डाल दिया था उसके बाद भी आप लोगों को गाँव से (शहर में) ले आया (और मुझसे मिला दिया) बेशक मेरा परवरदिगार जो कुछ करता है उसकी तद्बीर खूब जानता है बेशक वह बड़ा वाकिफकार हकीम है |
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1697 | 12 | 101 | رب قد آتيتني من الملك وعلمتني من تأويل الأحاديث فاطر السماوات والأرض أنت وليي في الدنيا والآخرة توفني مسلما وألحقني بالصالحين |
| | | (उसके बाद यूसुफ ने दुआ की ऐ परवरदिगार तूने मुझे मुल्क भी अता फरमाया और मुझे ख्वाब की बातों की ताबीर भी सिखाई ऐ आसमान और ज़मीन के पैदा करने वाले तू ही मेरा मालिक सरपरस्त है दुनिया में भी और आख़िरत में भी तू मुझे (दुनिया से) मुसलमान उठाये और मुझे नेको कारों में शामिल फरमा |
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1698 | 12 | 102 | ذلك من أنباء الغيب نوحيه إليك وما كنت لديهم إذ أجمعوا أمرهم وهم يمكرون |
| | | (ऐ रसूल) ये किस्सा ग़ैब की ख़बरों में से है जिसे हम तुम्हारे पास वही के ज़रिए भेजते हैं (और तुम्हें मालूम होता है वरना जिस वक्त यूसुफ के भाई बाहम अपने काम का मशवरा कर रहे थे और (हलाक की) तदबीरे कर रहे थे |
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