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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
1637 | 12 | 41 | يا صاحبي السجن أما أحدكما فيسقي ربه خمرا وأما الآخر فيصلب فتأكل الطير من رأسه قضي الأمر الذي فيه تستفتيان |
| | | ऐ कारागार के मेरे दोनों साथियों! तुममें से एक तो अपने स्वामी को मद्यपान कराएगा; रहा दूसरा तो उसे सूली पर चढ़ाया जाएगा और पक्षी उसका सिर खाएँगे। फ़ैसला हो चुका उस बात का जिसके विषय में तुम मुझसे पूछ रहे हो।" |
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1638 | 12 | 42 | وقال للذي ظن أنه ناج منهما اذكرني عند ربك فأنساه الشيطان ذكر ربه فلبث في السجن بضع سنين |
| | | उन दोनों में से जिसके विषय में उसने समझा था कि वह रिहा हो जाएगा, उससे कहा, "अपने स्वामी से मेरी चर्चा करना।" किन्तु शैतान ने अपने स्वामी से उसकी चर्चा करना भुलवा दिया। अतः वह (यूसुफ़) कई वर्ष तक कारागार ही में रहा |
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1639 | 12 | 43 | وقال الملك إني أرى سبع بقرات سمان يأكلهن سبع عجاف وسبع سنبلات خضر وأخر يابسات يا أيها الملأ أفتوني في رؤياي إن كنتم للرؤيا تعبرون |
| | | फिर ऐसा हुआ कि सम्राट ने कहा, "मैं एक स्वप्न देखा कि सात मोटी गायों को सात दुबली गायें खा रही है और सात बालें हरी है और दूसरी (सात सूखी) । ऐ सरदारों! यदि तुम स्वप्न का अर्थ बताते हो, तो मुझे मेरे इस स्वप्न के सम्बन्ध में बताओ।" |
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1640 | 12 | 44 | قالوا أضغاث أحلام وما نحن بتأويل الأحلام بعالمين |
| | | उन्होंने कहा, "ये तो सम्भ्रमित स्वप्न है। हम ऐसे स्वप्न का अर्थ नहीं जानते।" |
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1641 | 12 | 45 | وقال الذي نجا منهما وادكر بعد أمة أنا أنبئكم بتأويله فأرسلون |
| | | इतने में दोनों में सो जो रिहा हो गया था और एक अर्से के बाद उसे याद आया तो वह बोला, "मैं इसका अर्थ तुम्हें बताता हूँ। ज़रा मुझे (यूसुफ़ के पास) भेज दीजिए।" |
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1642 | 12 | 46 | يوسف أيها الصديق أفتنا في سبع بقرات سمان يأكلهن سبع عجاف وسبع سنبلات خضر وأخر يابسات لعلي أرجع إلى الناس لعلهم يعلمون |
| | | "यूसुफ़, ऐ सत्यवान! हमें इसका अर्थ बता कि सात मोटी गायें है, जिन्हें सात दुबली गायें खा रही है और सात हरी बालें है और दूसरी (सात) सूखी, ताकि मैं लोगों के पास लौटकर जाऊँ कि वे जान लें।" |
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1643 | 12 | 47 | قال تزرعون سبع سنين دأبا فما حصدتم فذروه في سنبله إلا قليلا مما تأكلون |
| | | उसने कहा, "सात वर्ष तक तुम व्यवहारतः खेती करते रहोगे। फिर तुम जो फ़सल काटो तो थोड़े हिस्से के सिवा जो तुम्हारे खाने के काम आए शेष को उसकी बाली में रहने देना |
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1644 | 12 | 48 | ثم يأتي من بعد ذلك سبع شداد يأكلن ما قدمتم لهن إلا قليلا مما تحصنون |
| | | फिर उसके पश्चात सात कठिन वर्ष आएँगे जो वे सब खा जाएँगे जो तुमने उनके लिए पहले से इकट्ठा कर रखा होगा, सिवाय उस थोड़े-से हिस्से के जो तुम सुरक्षित कर लोगे |
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1645 | 12 | 49 | ثم يأتي من بعد ذلك عام فيه يغاث الناس وفيه يعصرون |
| | | फिर उसके पश्चात एक वर्ष ऐसा आएगा, जिसमें वर्षा द्वारा लोगों की फ़रियाद सुन ली जाएगी और उसमें वे रस निचोड़ेगे।" |
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1646 | 12 | 50 | وقال الملك ائتوني به فلما جاءه الرسول قال ارجع إلى ربك فاسأله ما بال النسوة اللاتي قطعن أيديهن إن ربي بكيدهن عليم |
| | | सम्राट ने कहा, "उसे मेरे पास ले आओ।" किन्तु जब दूत उसके पास पहुँचा तो उसने कहा, "अपने स्वामी के पास वापस जाओ और उससे पूछो कि उन स्त्रियों का क्या मामला है, जिन्होंने अपने हाथ घायल कर लिए थे। निस्संदेह मेरा रब उनकी मक्कारी को भली-भाँति जानता है।" |
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