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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
1605 | 12 | 9 | اقتلوا يوسف أو اطرحوه أرضا يخل لكم وجه أبيكم وتكونوا من بعده قوما صالحين |
| | | यूसुफ़ को मार डालो या उसे किसी भूभाग में फेंक आओ, ताकि तुम्हारे बाप का ध्यान केवल तुम्हारी ही ओर हो जाए। इसके पश्चात तुम फिर नेक बन जाना।" |
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1606 | 12 | 10 | قال قائل منهم لا تقتلوا يوسف وألقوه في غيابت الجب يلتقطه بعض السيارة إن كنتم فاعلين |
| | | उनमें से एक बोलनेवाला बोल पड़ा, "यूसुफ़ की हत्या न करो, यदि तुम्हें कुछ करना ही है तो उसे किसी कुएँ की तह में डाल दो। कोई राहगीर उसे उठा लेगा।" |
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1607 | 12 | 11 | قالوا يا أبانا ما لك لا تأمنا على يوسف وإنا له لناصحون |
| | | उन्होंने कहा, "ऐ हमारे बाप! आपको क्या हो गया है कि यूसुफ़ के मामले में आप हमपर भरोसा नहीं करते, हालाँकि हम तो उसके हितैषी है? |
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1608 | 12 | 12 | أرسله معنا غدا يرتع ويلعب وإنا له لحافظون |
| | | हमारे साथ कल उसे भेज दीजिए कि वह कुछ चर-चुग और खेल ले। उसकी रक्षा के लिए तो हम हैं ही।" |
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1609 | 12 | 13 | قال إني ليحزنني أن تذهبوا به وأخاف أن يأكله الذئب وأنتم عنه غافلون |
| | | उसने कहा, यह बात कि तुम उसे ले जाओ, मुझे दुखी कर देती है। कहीं ऐसा न हो कि तुम उसका ध्यान न रख सको और भेड़िया उसे खा जाए।" |
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1610 | 12 | 14 | قالوا لئن أكله الذئب ونحن عصبة إنا إذا لخاسرون |
| | | वे बोले, "हमारे एक जत्थे के होते हुए भी यदि उसे भेड़िए ने खा लिया, तब तो निश्चय ही हम सब कुछ गँवा बैठे।" |
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1611 | 12 | 15 | فلما ذهبوا به وأجمعوا أن يجعلوه في غيابت الجب وأوحينا إليه لتنبئنهم بأمرهم هذا وهم لا يشعرون |
| | | फिर जब वे उसे ले गए और सभी इस बात पर सहमत हो गए कि उसे एक कुएँ की गहराई में डाल दें (तो उन्होंने वह किया जो करना चाहते थे), और हमने उसकी ओर प्रकाशना का, "तू उन्हें उनके इस कर्म से अवगत कराएगा और वे जानते न होंगे।" |
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1612 | 12 | 16 | وجاءوا أباهم عشاء يبكون |
| | | कुछ रात बीते वे रोते हुए अपने बाप के पास आए |
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1613 | 12 | 17 | قالوا يا أبانا إنا ذهبنا نستبق وتركنا يوسف عند متاعنا فأكله الذئب وما أنت بمؤمن لنا ولو كنا صادقين |
| | | कहने लगे, "ऐ मेरे बाप! हम परस्पर दौड़ में मुक़ाबला करते हुए दूर चले गए और यूसफ़ को हमने अपने सामान के साथ छोड़ दिया था कि इतने में भेड़िया उसे खा गया। आप तो हमपर विश्वास करेंगे नहीं, यद्यपि हम सच्चे है।" |
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1614 | 12 | 18 | وجاءوا على قميصه بدم كذب قال بل سولت لكم أنفسكم أمرا فصبر جميل والله المستعان على ما تصفون |
| | | वे उसके कुर्ते पर झूठमूठ का ख़ून लगा लाए थे। उसने कहा, "नहीं, बल्कि तुम्हारे जी ने बहकाकर तुम्हारे लिए एक बात बना दी है। अब धैर्य से काम लेना ही उत्तम है! जो बात तुम बता रहे हो उसमें अल्लाह ही सहायक हो सकता है।" |
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