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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
160 | 2 | 153 | يا أيها الذين آمنوا استعينوا بالصبر والصلاة إن الله مع الصابرين |
| | | ऐ ईमान लानेवालो! धैर्य और नमाज़ से मदद प्राप्त। करो। निस्संदेह अल्लाह उन लोगों के साथ है जो धैर्य और दृढ़ता से काम लेते है |
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161 | 2 | 154 | ولا تقولوا لمن يقتل في سبيل الله أموات بل أحياء ولكن لا تشعرون |
| | | और जो लोग अल्लाह के मार्ग में मारे जाएँ उन्हें मुर्दा न कहो, बल्कि वे जीवित है, परन्तु तुम्हें एहसास नहीं होता |
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162 | 2 | 155 | ولنبلونكم بشيء من الخوف والجوع ونقص من الأموال والأنفس والثمرات وبشر الصابرين |
| | | और हम अवश्य ही कुछ भय से, और कुछ भूख से, और कुछ जान-माल और पैदावार की कमी से तुम्हारी परीक्षा लेंगे। और धैर्य से काम लेनेवालों को शुभ-सूचना दे दो |
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163 | 2 | 156 | الذين إذا أصابتهم مصيبة قالوا إنا لله وإنا إليه راجعون |
| | | जो लोग उस समय, जबकि उनपर कोई मुसीबत आती है, कहते है, "निस्संदेह हम अल्लाह ही के है और हम उसी की ओर लौटने वाले है।" |
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164 | 2 | 157 | أولئك عليهم صلوات من ربهم ورحمة وأولئك هم المهتدون |
| | | यही लोग है जिनपर उनके रब की विशेष कृपाएँ है और दयालुता भी; और यही लोग है जो सीधे मार्ग पर हैं |
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165 | 2 | 158 | إن الصفا والمروة من شعائر الله فمن حج البيت أو اعتمر فلا جناح عليه أن يطوف بهما ومن تطوع خيرا فإن الله شاكر عليم |
| | | निस्संदेह सफ़ा और मरवा अल्लाह की विशेष निशानियों में से हैं; अतः जो इस घर (काबा) का हज या उमपा करे, उसके लिए इसमें कोई दोष नहीं कि वह इन दोनों (पहाडियों) के बीच फेरा लगाए। और जो कोई स्वेच्छा और रुचि से कोई भलाई का कार्य करे तो अल्लाह भी गुणग्राहक, सर्वज्ञ है |
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166 | 2 | 159 | إن الذين يكتمون ما أنزلنا من البينات والهدى من بعد ما بيناه للناس في الكتاب أولئك يلعنهم الله ويلعنهم اللاعنون |
| | | जो लोग हमारी उतारी हुई खुली निशानियों और मार्गदर्शन को छिपाते है, इसके बाद कि हम उन्हें लोगों के लिए किताब में स्पष्ट कर चुके है; वही है जिन्हें अल्लाह धिक्कारता है - और सभी धिक्कारने वाले भी उन्हें धिक्कारते है |
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167 | 2 | 160 | إلا الذين تابوا وأصلحوا وبينوا فأولئك أتوب عليهم وأنا التواب الرحيم |
| | | सिवाय उनके जिन्होंने तौबा कर ली और सुधार कर लिया, और साफ़-साफ़ बयान कर दिया, तो उनकी तौबा मैं क़बूल करूँगा; मैं बड़ा तौबा क़बूल करनेवाला, अत्यन्त दयावान हूँ |
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168 | 2 | 161 | إن الذين كفروا وماتوا وهم كفار أولئك عليهم لعنة الله والملائكة والناس أجمعين |
| | | जिन लोगों ने कुफ़्र किया और काफ़िर (इनकार करनेवाले) ही रहकर मरे, वही हैं जिनपर अल्लाह की, फ़रिश्तों की और सारे मनुष्यों की, सबकी फिटकार है |
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169 | 2 | 162 | خالدين فيها لا يخفف عنهم العذاب ولا هم ينظرون |
| | | इसी दशा में वे सदैव रहेंगे, न उनकी यातना हल्की की जाएगी और न उन्हें मुहलत ही मिलेगी |
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