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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
1495 | 11 | 22 | لا جرم أنهم في الآخرة هم الأخسرون |
| | | निश्चय ही वही आख़िरत में सबसे बढ़कर घाटे में रहेंगे |
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1496 | 11 | 23 | إن الذين آمنوا وعملوا الصالحات وأخبتوا إلى ربهم أولئك أصحاب الجنة هم فيها خالدون |
| | | रहे वे लोग जो ईमान लाए और उन्होंने अच्छे कर्म किए और अपने रब की ओर झूक पड़े वही जन्नतवाले है, उसमें वे सदैव रहेंगे |
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1497 | 11 | 24 | مثل الفريقين كالأعمى والأصم والبصير والسميع هل يستويان مثلا أفلا تذكرون |
| | | दोनों पक्षों की उपमा ऐसी है जैसे एक अन्धा और बहरा हो और एक देखने और सुननेवाला। क्या इन दोनों की दशा समान हो सकती है? तो क्या तुम होश से काम नहीं लेते? |
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1498 | 11 | 25 | ولقد أرسلنا نوحا إلى قومه إني لكم نذير مبين |
| | | हमने नूह को उसकी क़ौम की ओर भेजा। (उसने कहा,) "मैं तुम्हें साफ़-साफ़ चेतावनी देता हूँ |
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1499 | 11 | 26 | أن لا تعبدوا إلا الله إني أخاف عليكم عذاب يوم أليم |
| | | यह कि तुम अल्लाह के सिवा किसी की बन्दगी न करो। मुझे तुम्हारे विषय में एक दुखद दिन की यातना का भय है।" |
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1500 | 11 | 27 | فقال الملأ الذين كفروا من قومه ما نراك إلا بشرا مثلنا وما نراك اتبعك إلا الذين هم أراذلنا بادي الرأي وما نرى لكم علينا من فضل بل نظنكم كاذبين |
| | | इसपर उसकी क़ौम के सरदार, जिन्होंने इनकार किया था, कहने लगे, "हमारी दृष्टि में तो तुम हमारे ही जैसे आदमी हो और हम देखते है कि बस कुछ ऐसे लोग ही तुम्हारे अनुयायी है जो पहली स्पष्ट में हमारे यहाँ के नीच है। हम अपने मुक़ाबले में तुममें कोई बड़ाई नहीं देखते, बल्कि हम तो तुम्हें झूठा समझते है।" |
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1501 | 11 | 28 | قال يا قوم أرأيتم إن كنت على بينة من ربي وآتاني رحمة من عنده فعميت عليكم أنلزمكموها وأنتم لها كارهون |
| | | उसने कहा, "ऐ मेरी क़ौम के लोगो! तुम्हारा क्या विचार है? यदि मैं अपने रब के एक स्पष्ट प्रमाण पर हूँ और उसने मुझे अपने पास से दयालुता भी प्रदान की है, फिर वह तुम्हें न सूझे तो क्या हम हठात उसे तुमपर चिपका दें, जबकि वह तुम्हें अप्रिय है? |
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1502 | 11 | 29 | ويا قوم لا أسألكم عليه مالا إن أجري إلا على الله وما أنا بطارد الذين آمنوا إنهم ملاقو ربهم ولكني أراكم قوما تجهلون |
| | | और ऐ मेरी क़ौम के लोगो! मैं इस काम पर कोई धन नहीं माँगता। मेरा पारिश्रमिक तो बस अल्लाह के ज़िम्मे है। मैं ईमान लानेवालो को दूर करनेवाला भी नहीं। उन्हें तो अपने रब से मिलना ही है, किन्तु मैं तुम्हें देख रहा हूँ कि तुम अज्ञानी लोग हो |
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1503 | 11 | 30 | ويا قوم من ينصرني من الله إن طردتهم أفلا تذكرون |
| | | और ऐ मेरी क़ौम के लोगो! यदि मैं उन्हें धुत्कार दूँ तो अल्लाह के मुक़ाबले में कौन मेरी सहायता कर सकता है? फिर क्या तुम होश से काम नहीं लेते? |
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1504 | 11 | 31 | ولا أقول لكم عندي خزائن الله ولا أعلم الغيب ولا أقول إني ملك ولا أقول للذين تزدري أعينكم لن يؤتيهم الله خيرا الله أعلم بما في أنفسهم إني إذا لمن الظالمين |
| | | और मैं तुमसे यह नहीं कहता कि मेरे पास अल्लाह के ख़जाने है और न मुझे परोक्ष का ज्ञान है और न मैं यह कहता हूँ कि मैं कोई फ़रिश्ता हूँ और न उन लोगों के विषय में, जो तुम्हारी दृष्टि में तुच्छ है, मैं यह कहता हूँ कि अल्लाह उन्हें कोई भलाई न देगा। जो कुछ उनके जी में है, अल्लाह उसे भली-भाँति जानता है। (यदि मैं ऐसा कहूँ) तब तो मैं अवश्य ही ज़ालिमों में से हूँगा।" |
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