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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
1435 | 10 | 71 | واتل عليهم نبأ نوح إذ قال لقومه يا قوم إن كان كبر عليكم مقامي وتذكيري بآيات الله فعلى الله توكلت فأجمعوا أمركم وشركاءكم ثم لا يكن أمركم عليكم غمة ثم اقضوا إلي ولا تنظرون |
| | | और (ऐ रसूल) तुम उनके सामने नूह का हाल पढ़ दो जब उन्होंने अपनी क़ौम से कहा ऐ मेरी क़ौम अगर मेरा ठहरना और ख़ुदा की आयतों का चर्चा करना तुम पर शाक़ व गिरां (बुरा) गुज़रता है तो मैं सिर्फ ख़ुदा ही पर भरोसा रखता हूँ तो तुम और तुमहारे शरीक़ सब मिलकर अपना काम ठीक कर लो फिर तुम्हारी बात तुम (में से किसी) पर महज़ (छुपी) न रहे फिर (जो तुम्हारा जी चाहे) मेरे साथ कर गुज़रों और गुझे (दम मारने की भी) मोहलत न दो |
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1436 | 10 | 72 | فإن توليتم فما سألتكم من أجر إن أجري إلا على الله وأمرت أن أكون من المسلمين |
| | | फिर भी अगर तुम ने (मेरी नसीहत से) मुँह मोड़ा तो मैने तुम से कुछ मज़दूरी तो न माँगी थी-मेरी मज़दूरी तो सिर्फ ख़ुदा ही पर है और (उसी की तरफ से) मुझे हुक्म दिया गया है कि मैं उसके फरमाबरदार बन्दों में से हो जाऊँ |
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1437 | 10 | 73 | فكذبوه فنجيناه ومن معه في الفلك وجعلناهم خلائف وأغرقنا الذين كذبوا بآياتنا فانظر كيف كان عاقبة المنذرين |
| | | उस पर भी उन लोगों ने उनको झुठलाया तो हमने उनको और जो लोग उनके साथ कश्ती में (सवार) थे (उनको) नजात दी और उनको (अगलों का) जानशीन बनाया और जिन लोगों ने हमारी आयतों को झुठलाया था उनको डुबो मारा |
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1438 | 10 | 74 | ثم بعثنا من بعده رسلا إلى قومهم فجاءوهم بالبينات فما كانوا ليؤمنوا بما كذبوا به من قبل كذلك نطبع على قلوب المعتدين |
| | | फिर ज़रा ग़ौर तो करो फिर हमने नूह के बाद और रसूलों को अपनी क़ौम के पास भेजा तो वह पैग़म्बर उनके पास वाजेए (खुले हुए) व रौशन मौजिज़े लेकर आए इस पर भी जिस चीज़ को ये लोग पहले झुठला चुके थे उस पर ईमान (न लाना था) न लाए हम यूंही हद से गुज़र जाने वालों के दिलों पर (गोया) खुद मोहर कर देते हैं |
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1439 | 10 | 75 | ثم بعثنا من بعدهم موسى وهارون إلى فرعون وملئه بآياتنا فاستكبروا وكانوا قوما مجرمين |
| | | फिर हमने इन पैग़म्बरों के बाद मूसा व हारुन को अपनी निशानियाँ (मौजिज़े) लेकर फिरऔन और उस (की क़ौम) के सरदारों के पास भेजा तो वह लोग अकड़ बैठे और ये लोग थे ही कुसूरवार |
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1440 | 10 | 76 | فلما جاءهم الحق من عندنا قالوا إن هذا لسحر مبين |
| | | फिर जब उनके पास हमारी तरफ से हक़ बात (मौजिज़े) पहुँच गए तो कहने लगे कि ये तो यक़ीनी खुल्लम खुल्ला जादू है |
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1441 | 10 | 77 | قال موسى أتقولون للحق لما جاءكم أسحر هذا ولا يفلح الساحرون |
| | | मूसा ने कहा क्या जब (दीन) तुम्हारे पास आया तो उसके बारे में कहते हो कि क्या ये जादू है और जादूगर लोग कभी कामयाब न होगें |
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1442 | 10 | 78 | قالوا أجئتنا لتلفتنا عما وجدنا عليه آباءنا وتكون لكما الكبرياء في الأرض وما نحن لكما بمؤمنين |
| | | वह लोग कहने लगे कि (ऐ मूसा) क्यों तुम हमारे पास उस वास्ते आए हो कि जिस दीन पर हमने अपने बाप दादाओं को पाया उससे तुम हमे बहका दो और सारी ज़मीन में ही दोनों की बढ़ाई हो और ये लोग तुम दोनों पर ईमान लाने वाले नहीं |
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1443 | 10 | 79 | وقال فرعون ائتوني بكل ساحر عليم |
| | | और फिरऔन ने हुक्म दिया कि हमारे हुज़ूर में तमाम खिलाड़ी (वाक़िफकार) जादूगर को तो ले आओ |
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1444 | 10 | 80 | فلما جاء السحرة قال لهم موسى ألقوا ما أنتم ملقون |
| | | फिर जब जादूगर लोग (मैदान में) आ मौजूद हुए तो मूसा ने उनसे कहा कि तुमको जो कुछ फेंकना हो फेंको |
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