بسم الله الرحمن الرحيم

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14241060وما ظن الذين يفترون على الله الكذب يوم القيامة إن الله لذو فضل على الناس ولكن أكثرهم لا يشكرون
और जो लोग ख़ुदा पर झूठ मूठ बोहतान बॉधा करते हैं रोजे क़यामत का क्या ख्याल करते हैं उसमें शक़ नहीं कि ख़ुदा तो लोगों पर बड़ा फज़ल व (करम) है मगर उनमें से बहुतेरे शुक्र गुज़ार नहीं हैं
14251061وما تكون في شأن وما تتلو منه من قرآن ولا تعملون من عمل إلا كنا عليكم شهودا إذ تفيضون فيه وما يعزب عن ربك من مثقال ذرة في الأرض ولا في السماء ولا أصغر من ذلك ولا أكبر إلا في كتاب مبين
(और ऐ रसूल) तुम (चाहे) किसी हाल में हो और क़ुरान की कोई सी भी आयत तिलावत करते हो और (लोगों) तुम कोई सा भी अमल कर रहे हो हम (हम सर वक़त) जब तुम उस काम में मशग़ूल होते हो तुम को देखते रहते हैं और तुम्हारे परवरदिगार से ज़र्रा भी कोई चीज़ ग़ायब नहीं रह सकती न ज़मीन में और न आसमान में और न कोई चीज़ ज़र्रे से छोटी है और न उससे बढ़ी चीज़ मगर वह रौशन किताब लौहे महफूज़ में ज़रुर है
14261062ألا إن أولياء الله لا خوف عليهم ولا هم يحزنون
आगाह रहो इसमें शक़ नहीं कि दोस्ताने ख़ुदा पर (क़यामत में) न तो कोई ख़ौफ होगा और न वह आजुर्दा (ग़मग़ीन) ख़ातिर होगे
14271063الذين آمنوا وكانوا يتقون
ये वह लोग हैं जो ईमान लाए और (ख़ुदा से) डरते थे
14281064لهم البشرى في الحياة الدنيا وفي الآخرة لا تبديل لكلمات الله ذلك هو الفوز العظيم
उन्हीं लोगों के वास्ते दीन की ज़िन्दगी में भी और आख़िरत में (भी) ख़ुशख़बरी है ख़ुदा की बातों में अदल बदल नहीं हुआ करता यही तो बड़ी कामयाबी है
14291065ولا يحزنك قولهم إن العزة لله جميعا هو السميع العليم
और (ऐ रसूल) उन (कुफ्फ़ार) की बातों का तुम रंज न किया करो इसमें तो शक़ नहीं कि सारी इज्ज़त तो सिर्फ ख़ुदा ही के लिए है वही सबकी सुनता जानता है
14301066ألا إن لله من في السماوات ومن في الأرض وما يتبع الذين يدعون من دون الله شركاء إن يتبعون إلا الظن وإن هم إلا يخرصون
आगाह रहो इसमें शक़ नहीं कि जो लोग आसमानों में हैं और जो लोग ज़मीन में है (ग़रज़ सब कुछ) ख़ुदा ही के लिए है और जो लोग ख़ुदा को छोड़कर (दूसरों को) पुकारते हैं वह तो (ख़ुदा के फर्ज़ी) शरीकों की राह पर भी नहीं चलते बल्कि वह तो सिर्फ अपनी अटकल पर चलते हैं और वह सिर्फ वहमी और ख्याली बातें किया करते हैं
14311067هو الذي جعل لكم الليل لتسكنوا فيه والنهار مبصرا إن في ذلك لآيات لقوم يسمعون
वह वही (खुदाए क़ादिर तवाना) है जिसने तुम्हारे नफा के वास्ते रात को बनाया ताकि तुम इसमें चैन करो और दिन को (बनाया) कि उसकी रौशनी में देखो भालो उसमें शक़ नहीं जो लोग सुन लेते हैं उनके लिए इसमें (कुदरत की बहुतेरी निशानियाँ हैं)
14321068قالوا اتخذ الله ولدا سبحانه هو الغني له ما في السماوات وما في الأرض إن عندكم من سلطان بهذا أتقولون على الله ما لا تعلمون
लोगों ने तो कह दिया कि ख़ुदा ने बेटा बना लिया-ये महज़ लगों वह तमाम नकायस से पाक व पाकीज़ा वह (हर तरह) से बेपरवाह हैं व जो कुछ आसमानों में है और जो कुछ ज़मीन में है (सब) उसी का है (जो कुछ) तुम कहते हो( उसकी कोई दलील तो तुम्हारे पास है नहीं क्या तुम ख़ुदा पर) (यू ही) बे जाने बूझे झूठ बोला करते हो
14331069قل إن الذين يفترون على الله الكذب لا يفلحون
ऐ रसूल तुम कह दो कि बेशक जो लोग झूठ मूठ ख़ुदा पर बोहतान बाधते हैं वह कभी कामयाब न होगें


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