بسم الله الرحمن الرحيم

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13961032فذلكم الله ربكم الحق فماذا بعد الحق إلا الضلال فأنى تصرفون
फिर यही अल्लाह तो है तुम्हारा वास्तविक रब। फिर आख़िर सत्य के पश्चात पथभ्रष्टता के अतिरिक्त और क्या रह जाता है? फिर तुम कहाँ से फिरे जाते हो?
13971033كذلك حقت كلمت ربك على الذين فسقوا أنهم لا يؤمنون
इसी तरह अवज्ञाकारी लोगों के प्रति तुम्हारे रब की बात सच्ची होकर रही कि वे मानेंगे नहीं
13981034قل هل من شركائكم من يبدأ الخلق ثم يعيده قل الله يبدأ الخلق ثم يعيده فأنى تؤفكون
कहो, "क्या तुम्हारे ठहराए हुए साझीदारों में कोई है जो सृष्टि का आरम्भ भी करता हो, फिर उसकी पुनरावृत्ति भी करे?" कहो, "अल्लाह ही सृष्टि का आरम्भ करता है और वही उसकी पुनरावृति भी; आख़िर तुम कहाँ औधे हुए जाते हो?"
13991035قل هل من شركائكم من يهدي إلى الحق قل الله يهدي للحق أفمن يهدي إلى الحق أحق أن يتبع أمن لا يهدي إلا أن يهدى فما لكم كيف تحكمون
कहो, "क्या तुम्हारे ठहराए साझीदारों में कोई है जो सत्य की ओर मार्गदर्शन करे?" कहो, "अल्लाह ही सत्य के मार्ग पर चलाता है। फिर जो सत्य की ओर मार्गदर्शन करता हो, वह इसका ज़्यादा हक़दार है कि उसका अनुसरण किया जाए या वह जो स्वयं ही मार्ग न पाए जब तक कि उसे मार्ग न दिखाया जाए? फिर यह तुम्हें क्या हो गया है, तुम कैसे फ़ैसले कर रहे हो?"
14001036وما يتبع أكثرهم إلا ظنا إن الظن لا يغني من الحق شيئا إن الله عليم بما يفعلون
और उनमें से अधिकतर तो बस अटकल पर चलते है। निश्चय ही अटकल सत्य को कुछ भी दूर नहीं कर सकती। वे जो कुछ कर रहे हैं अल्लाह उसको भली-भाँति जानता है
14011037وما كان هذا القرآن أن يفترى من دون الله ولكن تصديق الذي بين يديه وتفصيل الكتاب لا ريب فيه من رب العالمين
यह क़ुरआन ऐसा नहीं है कि अल्लाह से हटकर घड लिया जाए, बल्कि यह तो जिसके समझ है, उसकी पुष्टि में है और किताब का विस्तार है, जिसमें किसी संदेह की गुंजाइश नहीं। यह सारे संसार के रब की ओर से है
14021038أم يقولون افتراه قل فأتوا بسورة مثله وادعوا من استطعتم من دون الله إن كنتم صادقين
(क्या उन्हें कोई खटक है) या वे कहते है, "इस व्यक्ति (पैग़म्बर) ने उसे स्वयं ही घड़ लिया है?" कहो, "यदि तुम सच्चे हो, तो इस जैसी एक सुरा ले आओ और अल्लाह से हटकर उसे बुला लो, जिसपर तुम्हारा बस चले।"
14031039بل كذبوا بما لم يحيطوا بعلمه ولما يأتهم تأويله كذلك كذب الذين من قبلهم فانظر كيف كان عاقبة الظالمين
बल्कि बात यह है कि जिस चीज़ के ज्ञान पर वे हावी न हो सके, उसे उन्होंने झुठला दिया और अभी उसका परिणाम उनके सामने नहीं आया। इसी प्रकार उन लोगों ने भी झुठलाया था, जो इनसे पहले थे। फिर देख लो उन अत्याचारियों का कैसा परिणाम हुआ!
14041040ومنهم من يؤمن به ومنهم من لا يؤمن به وربك أعلم بالمفسدين
उनमें कुछ लोग उसपर ईमान रखनेवाले है और उनमें कुछ लोग उसपर ईमान लानेवाले नहीं है। और तुम्हारा रब बिगाड़ पैदा करनेवालों को भली-भाँति जानता है
14051041وإن كذبوك فقل لي عملي ولكم عملكم أنتم بريئون مما أعمل وأنا بريء مما تعملون
और यदि वे तुझे झुठलाएँ तो कह दो, "मेरा कर्म मेरे लिए है और तुम्हारा कर्म तुम्हारे लिए। जो कुछ मैं करता हूँ उसकी ज़िम्मेदारी से तुम बरी हो और जो कुछ तुम करते हो उसकी ज़िम्मेदारी से मैं बरी हूँ।"


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