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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
1365 | 10 | 1 | بسم الله الرحمن الرحيم الر تلك آيات الكتاب الحكيم |
| | | अलिफ़॰ लाम॰ रा॰। ये तत्वदर्शितायुक्त किताब की आयतें हैं |
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1366 | 10 | 2 | أكان للناس عجبا أن أوحينا إلى رجل منهم أن أنذر الناس وبشر الذين آمنوا أن لهم قدم صدق عند ربهم قال الكافرون إن هذا لساحر مبين |
| | | क्या लोगों को इस बात पर आश्चर्य हो रहा है कि हमने उन्ही में से एक आदमी की ओर प्रकाशना की कि लोगों को सचेत कर दो और जो लोग मान लें, उनको शुभ समाचार दे दो कि उनके लिए रब के पास शाश्वत सच्चा उन्नत स्थान है? इनकार करनेवाले कहने लगे, "निस्संदेह यह एक खुला जादूगर है।" |
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1367 | 10 | 3 | إن ربكم الله الذي خلق السماوات والأرض في ستة أيام ثم استوى على العرش يدبر الأمر ما من شفيع إلا من بعد إذنه ذلكم الله ربكم فاعبدوه أفلا تذكرون |
| | | निस्संदेह तुम्हारा रब वही अल्लाह है, जिसने आकाशों और धरती को छः दिनों में पैदा किया, फिर सिंहासन पर विराजमान होकर व्यवस्था चला रहा है। उसकी अनुज्ञा के बिना कोई सिफ़ारिश करनेवाला भी नहीं है। वह अल्लाह है तुम्हारा रब। अतः उसी की बन्दगी करो। तो क्या तुम ध्यान न दोगे? |
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1368 | 10 | 4 | إليه مرجعكم جميعا وعد الله حقا إنه يبدأ الخلق ثم يعيده ليجزي الذين آمنوا وعملوا الصالحات بالقسط والذين كفروا لهم شراب من حميم وعذاب أليم بما كانوا يكفرون |
| | | उसी की ओर तुम सबको लौटना है। यह अल्लाह का पक्का वादा है। निस्संदेह वही पहली बार पैदा करता है। फिर दोबारा पैदा करेगा, ताकि जो लोग ईमान लाए और उन्होंने अच्छे कर्म किए उन्हें न्यायपूर्वक बदला दे। रहे वे लोग जिन्होंने इनकार किया उनके लिए खौलता पेय और दुखद यातना है, उस इनकार के बदले में जो वे करते रहे |
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1369 | 10 | 5 | هو الذي جعل الشمس ضياء والقمر نورا وقدره منازل لتعلموا عدد السنين والحساب ما خلق الله ذلك إلا بالحق يفصل الآيات لقوم يعلمون |
| | | वही है जिसने सूर्य को सर्वथा दीप्ति और चन्द्रमा का प्रकाश बनाया औऱ उनके लिए मंज़िलें निश्चित की, ताकि तुम वर्षों की गिनती और हिसाब मालूम कर लिया करो। अल्लाह ने यह सब कुछ सोद्देश्य ही पैदा किया है। वह अपनी निशानियों को उन लोगों के लिए खोल-खोलकर बयान करता है, जो जानना चाहें |
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1370 | 10 | 6 | إن في اختلاف الليل والنهار وما خلق الله في السماوات والأرض لآيات لقوم يتقون |
| | | निस्संदेह रात और दिन के उलट-फेर में और जो कुछ अल्लाह ने आकाशों और धरती में पैदा किया उसमें डर रखनेवाले लोगों के लिए निशानियाँ है |
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1371 | 10 | 7 | إن الذين لا يرجون لقاءنا ورضوا بالحياة الدنيا واطمأنوا بها والذين هم عن آياتنا غافلون |
| | | रहे वे लोग जो हमसे मिलने की आशा नहीं रखते और सांसारिक जीवन ही पर निहाल हो गए है और उसी पर संतुष्ट हो बैठे, और जो हमारी निशानियों की ओर से असावधान है; |
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1372 | 10 | 8 | أولئك مأواهم النار بما كانوا يكسبون |
| | | ऐसे लोगों का ठिकाना आग है, उसके बदले में जो वे कमाते रहे |
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1373 | 10 | 9 | إن الذين آمنوا وعملوا الصالحات يهديهم ربهم بإيمانهم تجري من تحتهم الأنهار في جنات النعيم |
| | | रहे वे लोग जो ईमान लाए और उन्होंने अच्छे कर्म किए, उनका रब उनके ईमान के कारण उनका मार्गदर्शन करेगा। उनके नेमत भरी जन्नतों में नहरें बह रही होगी |
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1374 | 10 | 10 | دعواهم فيها سبحانك اللهم وتحيتهم فيها سلام وآخر دعواهم أن الحمد لله رب العالمين |
| | | वहाँ उनकी पुकार यह होगी कि "महिमा है तेरी, ऐ अल्लाह!" और उनका पारस्परिक अभिवादन "सलाम" होगा। और उनकी पुकार का अन्त इसपर होगा कि "प्रशंसा अल्लाह ही के लिए है जो सारे संसार का रब है।" |
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