بسم الله الرحمن الرحيم

نتائج البحث: 6236
ترتيب الآيةرقم السورةرقم الآيةالاية
1365101بسم الله الرحمن الرحيم الر تلك آيات الكتاب الحكيم
अलिफ़॰ लाम॰ रा॰। ये तत्वदर्शितायुक्त किताब की आयतें हैं
1366102أكان للناس عجبا أن أوحينا إلى رجل منهم أن أنذر الناس وبشر الذين آمنوا أن لهم قدم صدق عند ربهم قال الكافرون إن هذا لساحر مبين
क्या लोगों को इस बात पर आश्चर्य हो रहा है कि हमने उन्ही में से एक आदमी की ओर प्रकाशना की कि लोगों को सचेत कर दो और जो लोग मान लें, उनको शुभ समाचार दे दो कि उनके लिए रब के पास शाश्वत सच्चा उन्नत स्थान है? इनकार करनेवाले कहने लगे, "निस्संदेह यह एक खुला जादूगर है।"
1367103إن ربكم الله الذي خلق السماوات والأرض في ستة أيام ثم استوى على العرش يدبر الأمر ما من شفيع إلا من بعد إذنه ذلكم الله ربكم فاعبدوه أفلا تذكرون
निस्संदेह तुम्हारा रब वही अल्लाह है, जिसने आकाशों और धरती को छः दिनों में पैदा किया, फिर सिंहासन पर विराजमान होकर व्यवस्था चला रहा है। उसकी अनुज्ञा के बिना कोई सिफ़ारिश करनेवाला भी नहीं है। वह अल्लाह है तुम्हारा रब। अतः उसी की बन्दगी करो। तो क्या तुम ध्यान न दोगे?
1368104إليه مرجعكم جميعا وعد الله حقا إنه يبدأ الخلق ثم يعيده ليجزي الذين آمنوا وعملوا الصالحات بالقسط والذين كفروا لهم شراب من حميم وعذاب أليم بما كانوا يكفرون
उसी की ओर तुम सबको लौटना है। यह अल्लाह का पक्का वादा है। निस्संदेह वही पहली बार पैदा करता है। फिर दोबारा पैदा करेगा, ताकि जो लोग ईमान लाए और उन्होंने अच्छे कर्म किए उन्हें न्यायपूर्वक बदला दे। रहे वे लोग जिन्होंने इनकार किया उनके लिए खौलता पेय और दुखद यातना है, उस इनकार के बदले में जो वे करते रहे
1369105هو الذي جعل الشمس ضياء والقمر نورا وقدره منازل لتعلموا عدد السنين والحساب ما خلق الله ذلك إلا بالحق يفصل الآيات لقوم يعلمون
वही है जिसने सूर्य को सर्वथा दीप्ति और चन्द्रमा का प्रकाश बनाया औऱ उनके लिए मंज़िलें निश्चित की, ताकि तुम वर्षों की गिनती और हिसाब मालूम कर लिया करो। अल्लाह ने यह सब कुछ सोद्देश्य ही पैदा किया है। वह अपनी निशानियों को उन लोगों के लिए खोल-खोलकर बयान करता है, जो जानना चाहें
1370106إن في اختلاف الليل والنهار وما خلق الله في السماوات والأرض لآيات لقوم يتقون
निस्संदेह रात और दिन के उलट-फेर में और जो कुछ अल्लाह ने आकाशों और धरती में पैदा किया उसमें डर रखनेवाले लोगों के लिए निशानियाँ है
1371107إن الذين لا يرجون لقاءنا ورضوا بالحياة الدنيا واطمأنوا بها والذين هم عن آياتنا غافلون
रहे वे लोग जो हमसे मिलने की आशा नहीं रखते और सांसारिक जीवन ही पर निहाल हो गए है और उसी पर संतुष्ट हो बैठे, और जो हमारी निशानियों की ओर से असावधान है;
1372108أولئك مأواهم النار بما كانوا يكسبون
ऐसे लोगों का ठिकाना आग है, उसके बदले में जो वे कमाते रहे
1373109إن الذين آمنوا وعملوا الصالحات يهديهم ربهم بإيمانهم تجري من تحتهم الأنهار في جنات النعيم
रहे वे लोग जो ईमान लाए और उन्होंने अच्छे कर्म किए, उनका रब उनके ईमान के कारण उनका मार्गदर्शन करेगा। उनके नेमत भरी जन्नतों में नहरें बह रही होगी
13741010دعواهم فيها سبحانك اللهم وتحيتهم فيها سلام وآخر دعواهم أن الحمد لله رب العالمين
वहाँ उनकी पुकार यह होगी कि "महिमा है तेरी, ऐ अल्लाह!" और उनका पारस्परिक अभिवादन "सलाम" होगा। और उनकी पुकार का अन्त इसपर होगा कि "प्रशंसा अल्लाह ही के लिए है जो सारे संसार का रब है।"


0 ... 126.4 127.4 128.4 129.4 130.4 131.4 132.4 133.4 134.4 135.4 137.4 138.4 139.4 140.4 141.4 142.4 143.4 144.4 145.4 ... 623

إنتاج هذه المادة أخد: 0.02 ثانية


المغرب.كووم © ٢٠٠٩ - ١٤٣٠ © الحـمـد لله الـذي سـخـر لـنا هـذا :: وقف لله تعالى وصدقة جارية

5836252150523202281338562756825571881