بسم الله الرحمن الرحيم

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ترتيب الآيةرقم السورةرقم الآيةالاية
13439108لا تقم فيه أبدا لمسجد أسس على التقوى من أول يوم أحق أن تقوم فيه فيه رجال يحبون أن يتطهروا والله يحب المطهرين
तुम कभी भी उसमें खड़े न होना। वह मस्जिद जिसकी आधारशिला पहले दिन ही से ईशपरायणता पर रखी गई है, वह इसकी ज़्यादा हक़दार है कि तुम उसमें खड़े हो। उसमें ऐसे लोग पाए जाते हैं, जो अच्छी तरह स्वच्छ रहना पसन्द करते है, और अल्लाह भी पाक-साफ़ रहनेवालों को पसन्द करता है
13449109أفمن أسس بنيانه على تقوى من الله ورضوان خير أم من أسس بنيانه على شفا جرف هار فانهار به في نار جهنم والله لا يهدي القوم الظالمين
फिर क्या वह अच्छा है जिसने अपने भवन की आधारशिला अल्लाह के भय और उसकी ख़ुशी पर रखी है या वह, जिसने अपने भवन की आधारशिला किसी खाई के खोखले कगार पर रखी, जो गिरने को है। फिर वह उसे लेकर जहन्नम की आग में जा गिरा? अल्लाह तो अत्याचारी लोगों को सीधा मार्ग नहीं दिखाता
13459110لا يزال بنيانهم الذي بنوا ريبة في قلوبهم إلا أن تقطع قلوبهم والله عليم حكيم
उनका यह भवन जो उन्होंने बनाया है, सदैव उनके दिलों में खटक बनकर रहेगा। हाँ, यदि उनके दिल ही टुकड़े-टुकड़े हो जाएँ तो दूसरी बात है। अल्लाह तो सब कुछ जाननेवाला, अत्यन्त तत्वदर्शी है
13469111إن الله اشترى من المؤمنين أنفسهم وأموالهم بأن لهم الجنة يقاتلون في سبيل الله فيقتلون ويقتلون وعدا عليه حقا في التوراة والإنجيل والقرآن ومن أوفى بعهده من الله فاستبشروا ببيعكم الذي بايعتم به وذلك هو الفوز العظيم
निस्संदेह अल्लाह ने ईमानवालों से उनके प्राण और उनके माल इसके बदले में खरीद लिए है कि उनके लिए जन्नत है। वे अल्लाह के मार्ग में लड़ते है, तो वे मारते भी है और मारे भी जाते है। यह उनके ज़िम्मे तौरात, इनजील और क़ुरआन में (किया गया) एक पक्का वादा है। और अल्लाह से बढ़कर अपने वादे को पूरा करनेवाला हो भी कौन सकता है? अतः अपने उस सौदे पर खु़शियाँ मनाओ, जो सौदा तुमने उससे किया है। और यही सबसे बड़ी सफलता है
13479112التائبون العابدون الحامدون السائحون الراكعون الساجدون الآمرون بالمعروف والناهون عن المنكر والحافظون لحدود الله وبشر المؤمنين
वे ऐसे हैं, जो तौबा करते हैं, बन्दगी करते है, स्तुति करते हैं, (अल्लाह के मार्ग में) भ्रमण करते हैं, (अल्लाह के आगे) झुकते है, सजदा करते है, भलाई का हुक्म देते है और बुराई से रोकते हैं और अल्लाह की निर्धारित सीमाओं की रक्षा करते हैं -और इन ईमानवालों को शुभ-सूचना दे दो
13489113ما كان للنبي والذين آمنوا أن يستغفروا للمشركين ولو كانوا أولي قربى من بعد ما تبين لهم أنهم أصحاب الجحيم
नबी और ईमान लानेवालों के लिए उचित नहीं कि वे बहुदेववादियों के लिए क्षमा की प्रार्थना करें, यद्यपि वे उसके नातेदार ही क्यों न हो, जबकि उनपर यह बात खुल चुकी है कि वे भड़कती आगवाले हैं
13499114وما كان استغفار إبراهيم لأبيه إلا عن موعدة وعدها إياه فلما تبين له أنه عدو لله تبرأ منه إن إبراهيم لأواه حليم
इबराहीम ने अपने बाप के लिए जो क्षमा की प्रार्थना की थी, वह तो केवल एक वादे के कारण की थी, जो वादा वह उससे कर चुका था। फिर जब उसपर यह बात खुल गई कि वह अल्लाह का शत्रु है तो वह उससे विरक्त हो गया। वास्तव में, इबराहीम बड़ा ही कोमल हृदय, अत्यन्त सहनशील था
13509115وما كان الله ليضل قوما بعد إذ هداهم حتى يبين لهم ما يتقون إن الله بكل شيء عليم
अल्लाह ऐसा नहीं कि लोगों को पथभ्रष्ट ठहराए, जबकि वह उनको राह पर ला चुका हो, जब तक कि उन्हें साफ़-साफ़ वे बातें बता न दे, जिनसे उन्हें बचना है। निस्संदेह अल्लाह हर चीज़ को भली-भाँति जानता है
13519116إن الله له ملك السماوات والأرض يحيي ويميت وما لكم من دون الله من ولي ولا نصير
आकाशों और धरती का राज्य अल्लाह ही का है, वही जिलाता है और मारता है। अल्लाह से हटकर न तुम्हारा कोई मित्र है और न सहायक
13529117لقد تاب الله على النبي والمهاجرين والأنصار الذين اتبعوه في ساعة العسرة من بعد ما كاد يزيغ قلوب فريق منهم ثم تاب عليهم إنه بهم رءوف رحيم
अल्लाह नबी पर मेहरबान हो गया और मुहाजिरों और अनसार पर भी, जिन्होंने तंगी की घड़ी में उसका साथ दिया, इसके पश्चात कि उनमें से एक गिरोह के दिल कुटिलता की ओर झुक गए थे। फिर उसने उनपर दया-दृष्टि दर्शाई। निस्संदेह, वह उनके लिए अत्यन्त करुणामय, दयावान है


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