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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
1333 | 9 | 98 | ومن الأعراب من يتخذ ما ينفق مغرما ويتربص بكم الدوائر عليهم دائرة السوء والله سميع عليم |
| | | और कुछ गॅवार देहाती (ऐसे भी हैं कि जो कुछ ख़ुदा की) राह में खर्च करते हैं उसे तावान (जुर्माना) समझते हैं और तुम्हारे हक़ में (ज़माने की) गर्दिशों के मुन्तज़िर (इन्तेज़ार में) हैं उन्हीं पर (ज़माने की) बुरी गर्दिश पड़े और ख़ुदा तो सब कुछ सुनता जानता है |
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1334 | 9 | 99 | ومن الأعراب من يؤمن بالله واليوم الآخر ويتخذ ما ينفق قربات عند الله وصلوات الرسول ألا إنها قربة لهم سيدخلهم الله في رحمته إن الله غفور رحيم |
| | | और कुछ देहाती तो ऐसे भी हैं जो ख़ुदा और आख़िरत पर ईमान रखते हैं और जो कुछ खर्च करते है उसे ख़ुदा की (बारगाह में) नज़दीकी और रसूल की दुआओं का ज़रिया समझते हैं आगाह रहो वाक़ई ये (ख़ैरात) ज़रूर उनके तक़र्रुब (क़रीब होने का) का बाइस है ख़ुदा उन्हें बहुत जल्द अपनी रहमत में दाख़िल करेगा बेशक ख़ुदा बड़ा बख़्शने वाला मेहरबान है |
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1335 | 9 | 100 | والسابقون الأولون من المهاجرين والأنصار والذين اتبعوهم بإحسان رضي الله عنهم ورضوا عنه وأعد لهم جنات تجري تحتها الأنهار خالدين فيها أبدا ذلك الفوز العظيم |
| | | और मुहाजिरीन व अन्सार में से (ईमान की तरफ) सबक़त (पहल) करने वाले और वह लोग जिन्होंने नेक नीयती से (कुबूले ईमान में उनका साथ दिया ख़ुदा उनसे राज़ी और वह ख़ुदा से ख़ुश और उनके वास्ते ख़ुदा ने (वह हरे भरे) बाग़ जिन के नीचे नहरें जारी हैं तैयार कर रखे हैं वह हमेशा अब्दआलाबाद (हमेशा) तक उनमें रहेगें यही तो बड़ी कामयाबी हैं |
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1336 | 9 | 101 | وممن حولكم من الأعراب منافقون ومن أهل المدينة مردوا على النفاق لا تعلمهم نحن نعلمهم سنعذبهم مرتين ثم يردون إلى عذاب عظيم |
| | | और (मुसलमानों) तुम्हारे एतराफ़ (आस पास) के गॅवार देहातियों में से बाज़ मुनाफिक़ (भी) हैं और ख़ुद मदीने के रहने वालों मे से भी (बाज़ मुनाफिक़ हैं) जो निफ़ाक पर अड़ गए हैं (ऐ रसूल) तुम उन को नहीं जानते (मगर) हम उनको (ख़ूब) जानते हैं अनक़रीब हम (दुनिया में) उनकी दोहरी सज़ा करेगें फिर ये लोग (क़यामत में) एक बड़े अज़ाब की तरफ लौटाए जाऎंगे |
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1337 | 9 | 102 | وآخرون اعترفوا بذنوبهم خلطوا عملا صالحا وآخر سيئا عسى الله أن يتوب عليهم إن الله غفور رحيم |
| | | और कुछ लोग हैं जिन्होंने अपने गुनाहों का (तो) एकरार किया (मगर) उन लोगों ने भले काम को और कुछ बुरे काम को मिला जुला (कर गोलमाल) कर दिया क़रीब है कि ख़ुदा उनकी तौबा कुबूल करे (क्योंकि) ख़ुदा तो यक़ीनी बड़ा बख़्शने वाला मेहरबान हैं |
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1338 | 9 | 103 | خذ من أموالهم صدقة تطهرهم وتزكيهم بها وصل عليهم إن صلاتك سكن لهم والله سميع عليم |
| | | (ऐ रसूल) तुम उनके माल की ज़कात लो (और) इसकी बदौलत उनको (गुनाहो से) पाक साफ करों और उनके वास्ते दुआएं ख़ैर करो क्योंकि तुम्हारी दुआ इन लोगों के हक़ में इत्मेनान (का बाइस है) और ख़ुदा तो (सब कुछ) सुनता (और) जानता है |
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1339 | 9 | 104 | ألم يعلموا أن الله هو يقبل التوبة عن عباده ويأخذ الصدقات وأن الله هو التواب الرحيم |
| | | क्या इन लोगों ने इतने भी नहीं जाना यक़ीनन ख़ुदा बन्दों की तौबा क़ुबूल करता है और वही ख़ैरातें (भी) लेता है और इसमें शक़ नहीं कि वही तौबा का बड़ा कुबूल करने वाला मेहरबान है |
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1340 | 9 | 105 | وقل اعملوا فسيرى الله عملكم ورسوله والمؤمنون وستردون إلى عالم الغيب والشهادة فينبئكم بما كنتم تعملون |
| | | और (ऐ रसूल) तुम कह दो कि तुम लोग अपने अपने काम किए जाओ अभी तो ख़ुदा और उसका रसूल और मोमिनीन तुम्हारे कामों को देखेगें और बहुत जल्द (क़यामत में) ज़ाहिर व बातिन के जानने वाले (ख़ुदा) की तरफ लौटाए जाऎंगे तब वह जो कुछ भी तुम करते थे तुम्हें बता देगा |
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1341 | 9 | 106 | وآخرون مرجون لأمر الله إما يعذبهم وإما يتوب عليهم والله عليم حكيم |
| | | और कुछ लोग हैं जो हुक्मे ख़ुदा के उम्मीदवार किए गए हैं (उसको अख्तेयार है) ख्वाह उन पर अज़ाब करे या उन पर मेहरबानी करे और ख़ुदा (तो) बड़ा वाकिफकार हिकमत वाला है |
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1342 | 9 | 107 | والذين اتخذوا مسجدا ضرارا وكفرا وتفريقا بين المؤمنين وإرصادا لمن حارب الله ورسوله من قبل وليحلفن إن أردنا إلا الحسنى والله يشهد إنهم لكاذبون |
| | | और (वह लोग भी मुनाफिक़ हैं) जिन्होने (मुसलमानों के) नुकसान पहुंचाने और कुफ़्र करने वाले और मोमिनीन के दरमियान तफरक़ा (फूट) डालते और उस शख़्स की घात में बैठने के वास्ते मस्जिद बनाकर खड़ी की है जो ख़ुदा और उसके रसूल से पहले लड़ चुका है (और लुत्फ़ तो ये है कि) ज़रूर क़समें खाएगें कि हमने भलाई के सिवा कुछ और इरादा ही नहीं किया और ख़ुदा ख़ुद गवाही देता है |
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