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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
1321 | 9 | 86 | وإذا أنزلت سورة أن آمنوا بالله وجاهدوا مع رسوله استأذنك أولو الطول منهم وقالوا ذرنا نكن مع القاعدين |
| | | और जब कोई सूरा उतरती है कि "अल्लाह पर ईमान लाओ और उसके रसूल के साथ होकर जिहाद करो।" तो उनके सामर्थ्यवान लोग तुमसे छुट्टी माँगने लगते है और कहते है कि "हमें छोड़ दो कि हम बैठनेवालों के साथ रह जाएँ।" |
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1322 | 9 | 87 | رضوا بأن يكونوا مع الخوالف وطبع على قلوبهم فهم لا يفقهون |
| | | वे इसी पर राज़ी हुए कि पीछे रह जानेवाली स्त्रियों के साथ रह जाएँ और उनके दिलों पर तो मुहर लग गई है, अतः वे समझते नहीं |
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1323 | 9 | 88 | لكن الرسول والذين آمنوا معه جاهدوا بأموالهم وأنفسهم وأولئك لهم الخيرات وأولئك هم المفلحون |
| | | किन्तु, रसूल और उसके ईमानवाले साथियों ने अपने मालों और अपनी जानों के साथ जिहाद किया, और वही लोग है जिनके लिए भलाइयाँ है और वही लोग है जो सफल है |
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1324 | 9 | 89 | أعد الله لهم جنات تجري من تحتها الأنهار خالدين فيها ذلك الفوز العظيم |
| | | अल्लाह ने उनके लिए ऐसे बाग़ तैयार कर रखे हैं, जिनके नीचे नहरें बह रह हैं, वे उनमें सदैव रहेंगे। यही बड़ी सफलता है |
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1325 | 9 | 90 | وجاء المعذرون من الأعراب ليؤذن لهم وقعد الذين كذبوا الله ورسوله سيصيب الذين كفروا منهم عذاب أليم |
| | | बहाने करनेवाले बद्दूल भी आए कि उन्हें (बैठे रहने की) छुट्टी मिल जाए। और जो अल्लाह और उसके रसूल से झूठ बोले वे भी बैठे रहे। उनमें से जिन्होंने इनकार किया उन्हें शीघ्र ही एक दुखद यातना पहुँचकर रहेगी |
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1326 | 9 | 91 | ليس على الضعفاء ولا على المرضى ولا على الذين لا يجدون ما ينفقون حرج إذا نصحوا لله ورسوله ما على المحسنين من سبيل والله غفور رحيم |
| | | न तो कमज़ोरों के लिए कोई दोष की बात है और न बीमारों के लिए और न उन लोगों के लिए जिन्हें ख़र्च करने के लिए कुछ प्राप्त नहीं, जबकि वे अल्लाह और उसके रसूल के प्रति निष्ठावान हों। उत्तमकारों पर इलज़ाम की कोई गुंजाइश नहीं है। अल्लाह तो बड़ा क्षमाशील, अत्यन्त दयावान है |
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1327 | 9 | 92 | ولا على الذين إذا ما أتوك لتحملهم قلت لا أجد ما أحملكم عليه تولوا وأعينهم تفيض من الدمع حزنا ألا يجدوا ما ينفقون |
| | | और न उन लोगों पर आक्षेप करने की कोई गुंजाइश है जिनका हाल यह है कि जब वे तुम्हारे पास आते है, कि तुम उनके लिए सवारी का प्रबन्ध कर दो, तुम कहते हो, "मुझे ऐसा कुछ प्राप्त नहीं जिसपर तुम्हें सवार करूँ।" वे इस दशा में लौटते है कि इस ग़म में उनकी आँखे आँसू बहा रही होती है कि वे अपने पास ख़र्च करने को कुछ नहीं पाते |
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1328 | 9 | 93 | إنما السبيل على الذين يستأذنونك وهم أغنياء رضوا بأن يكونوا مع الخوالف وطبع الله على قلوبهم فهم لا يعلمون |
| | | इल्ज़ाम तो बस उनपर है जो धनवान होते हुए तुमसे छुट्टी माँगते है। वे इसपर राज़ी हुए कि पीछे डाले गए लोगों के साथ रह जाएँ। अल्लाह ने तो उनके दिलों पर मुहर लगा दी है, इसलिए वे जानते नहीं |
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1329 | 9 | 94 | يعتذرون إليكم إذا رجعتم إليهم قل لا تعتذروا لن نؤمن لكم قد نبأنا الله من أخباركم وسيرى الله عملكم ورسوله ثم تردون إلى عالم الغيب والشهادة فينبئكم بما كنتم تعملون |
| | | जब तुम पलटकर उनके पास पहुँचोगे तो वे तुम्हारे सामने बहाने करेंगे। तुम कह देना, "बहाने न बनाओ। हम तु्म्हारी बात कदापि नहीं मानेंगे। हमें अल्लाह ने तुम्हारे वृत्तांत बता दिए है। अभी अल्लाह और उसका रसूल तुम्हारे काम को देखेगा, फिर तुम उसकी ओर लौटोगे, जो छिपे और खुले का ज्ञान रखता है। फिर जो कुछ तुम करते रहे हो वह तुम्हे बता देगा।" |
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1330 | 9 | 95 | سيحلفون بالله لكم إذا انقلبتم إليهم لتعرضوا عنهم فأعرضوا عنهم إنهم رجس ومأواهم جهنم جزاء بما كانوا يكسبون |
| | | जब तुम पलटकर उनके पास जाओगे तो वे तुम्हारे सामने अल्लाह की क़समें खाएँगे, ताकि तुम उन्हें उनकी हालत पर छोड़ दो। तो तुम उन्हें छोड़ ही दो। निश्चय ही वे गन्दगी है और उनका ठिकाना जहन्नम है। जो कुछ वे कमाते रहे है, यह उसी का बदला है |
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