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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
1311 | 9 | 76 | فلما آتاهم من فضله بخلوا به وتولوا وهم معرضون |
| | | किन्तु जब अल्लाह ने उन्हें अपने अनुग्रह से दिया तो वे उसमें कंजूसी करने लगे और पहलू बचाकर फिर गए |
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1312 | 9 | 77 | فأعقبهم نفاقا في قلوبهم إلى يوم يلقونه بما أخلفوا الله ما وعدوه وبما كانوا يكذبون |
| | | फिर परिणाम यह हुआ कि उसने उनके दिलों में उस दिन तक के लिए कपटाचार डाल दिया, जब वे उससे मिलेंगे, इसलिए कि उन्होंने अल्लाह से जो प्रतिज्ञा की थी उसे भंग कर दिया और इसलिए भी कि वे झूठ बोलते रहे |
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1313 | 9 | 78 | ألم يعلموا أن الله يعلم سرهم ونجواهم وأن الله علام الغيوب |
| | | क्या उन्हें खबर नहीं कि अल्लाह उनका भेद और उनकी कानाफुसियों को अच्छी तरह जानता है और यह कि अल्लाह परोक्ष की सारी बातों को भली-भाँति जानता है |
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1314 | 9 | 79 | الذين يلمزون المطوعين من المؤمنين في الصدقات والذين لا يجدون إلا جهدهم فيسخرون منهم سخر الله منهم ولهم عذاب أليم |
| | | जो लोग स्वेच्छापूर्वक देनेवाले मोमिनों पर उनके सदक़ो (दान) के विषय में चोटें करते है और उन लोगों का उपहास करते है, जिनके पास इसके सिवा कुछ नहीं जो वे मशक़्क़त उठाकर देते है, उन (उपहास करनेवालों) का उपहास अल्लाह ने किया और उनके लिए दुखद यातना है |
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1315 | 9 | 80 | استغفر لهم أو لا تستغفر لهم إن تستغفر لهم سبعين مرة فلن يغفر الله لهم ذلك بأنهم كفروا بالله ورسوله والله لا يهدي القوم الفاسقين |
| | | तुम उनके लिए क्षमा की प्रार्थना करो या उनके लिए क्षमा की प्रार्थना न करो। यदि तुम उनके लिए सत्तर बार भी क्षमा की प्रार्थना करोगे, तो भी अल्लाह उन्हें क्षमा नहीं करेगा, यह इसलिए कि उन्होंने अल्लाह और उसके रसूल के साथ कुफ़्र किया और अल्लाह अवज्ञाकारियों को सीधा मार्ग नहीं दिखाता |
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1316 | 9 | 81 | فرح المخلفون بمقعدهم خلاف رسول الله وكرهوا أن يجاهدوا بأموالهم وأنفسهم في سبيل الله وقالوا لا تنفروا في الحر قل نار جهنم أشد حرا لو كانوا يفقهون |
| | | पीछे रह जानेवाले अल्लाह के रसूल के पीछे अपने बैठ रहने पर प्रसन्न हुए। उन्हें यह नापसन्द हुआ कि अल्लाह के मार्ग में अपने मालों और अपनी जानों के साथ जिहाद करें। और उन्होंने कहा, "इस गर्मी में न निकलो।" कह दो, "जहन्नम की आग इससे कहीं अधिक गर्म है," यदि वे समझ पाते (तो ऐसा न कहते) |
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1317 | 9 | 82 | فليضحكوا قليلا وليبكوا كثيرا جزاء بما كانوا يكسبون |
| | | अब चाहिए कि जो कुछ वे कमाते रहे है, उसके बदले में हँसे कम और रोएँ अधिक |
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1318 | 9 | 83 | فإن رجعك الله إلى طائفة منهم فاستأذنوك للخروج فقل لن تخرجوا معي أبدا ولن تقاتلوا معي عدوا إنكم رضيتم بالقعود أول مرة فاقعدوا مع الخالفين |
| | | अव यदि अल्लाह तुम्हें उनके किसी गिरोह की ओर रुजू कर दे और भविष्य में वे तुमसे साथ निकलने की अनुमति चाहें तो कह देना, "तुम मेरे साथ कभी भी नहीं निकल सकते और न मेरे साथ होकर किसी शत्रु से लड़ सकते हो। तुम पहली बार बैठ रहने पर ही राज़ी हुए, तो अब पीछे रहनेवालों के साथ बैठे रहो।" |
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1319 | 9 | 84 | ولا تصل على أحد منهم مات أبدا ولا تقم على قبره إنهم كفروا بالله ورسوله وماتوا وهم فاسقون |
| | | औऱ उनमें से जिस किसी व्यक्ति की मृत्यु हो उसकी जनाज़े की नमाज़ कभी न पढ़ना और न कभी उसकी क़ब्र पर खड़े होना। उन्होंने तो अल्लाह और उसके रसूल के साथ कुफ़्र किया और मरे इस दशा में कि अवज्ञाकारी थे |
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1320 | 9 | 85 | ولا تعجبك أموالهم وأولادهم إنما يريد الله أن يعذبهم بها في الدنيا وتزهق أنفسهم وهم كافرون |
| | | और उनके माल और उनकी औलाद तुम्हें मोहित न करें। अल्लाह तो बस यह चाहता है कि उनके द्वारा उन्हें संसार में यातना दे और उनके प्राण इस दशा में निकलें कि वे काफ़िर हों |
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