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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
1306 | 9 | 71 | والمؤمنون والمؤمنات بعضهم أولياء بعض يأمرون بالمعروف وينهون عن المنكر ويقيمون الصلاة ويؤتون الزكاة ويطيعون الله ورسوله أولئك سيرحمهم الله إن الله عزيز حكيم |
| | | रहे मोमिन मर्द औऱ मोमिन औरतें, वे सब परस्पर एक-दूसरे के मित्र है। भलाई का हुक्म देते है और बुराई से रोकते है। नमाज़ क़ायम करते हैं, ज़कात देते है और अल्लाह और उसके रसूल का आज्ञापालन करते हैं। ये वे लोग है, जिनकर शीघ्र ही अल्लाह दया करेगा। निस्सन्देह प्रभुत्वशाली, तत्वदर्शी है |
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1307 | 9 | 72 | وعد الله المؤمنين والمؤمنات جنات تجري من تحتها الأنهار خالدين فيها ومساكن طيبة في جنات عدن ورضوان من الله أكبر ذلك هو الفوز العظيم |
| | | मोमिन मर्दों और मोमिन औरतों से अल्लाह ने ऐसे बाग़ों का वादा किया है जिनके नीचे नहरें बह रही होंगी, जिनमें वे सदैव रहेंगे और सदाबहार बाग़ों में पवित्र निवास गृहों का (भी वादा है) और, अल्लाह की प्रसन्नता और रज़ामन्दी का; जो सबसे बढ़कर है। यही सबसे बड़ी सफलता है |
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1308 | 9 | 73 | يا أيها النبي جاهد الكفار والمنافقين واغلظ عليهم ومأواهم جهنم وبئس المصير |
| | | ऐ नबी! इनकार करनेवालों और मुनाफ़िक़ों से जिहाद करो और उनके साथ सख़्ती से पेश आओ। अन्ततः उनका ठिकाना जहन्नम है और वह जा पहुँचने की बहुत बुरी जगह है! |
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1309 | 9 | 74 | يحلفون بالله ما قالوا ولقد قالوا كلمة الكفر وكفروا بعد إسلامهم وهموا بما لم ينالوا وما نقموا إلا أن أغناهم الله ورسوله من فضله فإن يتوبوا يك خيرا لهم وإن يتولوا يعذبهم الله عذابا أليما في الدنيا والآخرة وما لهم في الأرض من ولي ولا نصير |
| | | वे अल्लाह की क़समें खाते है कि उन्होंने नहीं कहा, हालाँकि उन्होंने अवश्य ही कुफ़्र की बात कही है और अपने इस्लाम स्वीकार करने के पश्चात इनकार किया, और वह चाहा जो वे न पा सके। उनके प्रतिशोध का कारण तो यह है कि अल्लाह और उसके रसूल ने अपने अनुग्रह से उन्हें समृद्ध कर दिया। अब यदि वे तौबा कर लें तो उन्हीं के लिए अच्छा है और यदि उन्होंने मुँह मोड़ा तो अल्लाह उन्हें दुनिया और आख़िरत में दुखद यातना देगा और धरती में उनका न कोई मित्र होगा और न सहायक |
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1310 | 9 | 75 | ومنهم من عاهد الله لئن آتانا من فضله لنصدقن ولنكونن من الصالحين |
| | | और उनमें से कुछ लोग ऐसे भी है जिन्होने अल्लाह को वचन दिया था कि "यदि उसने हमें अपने अनुग्रह से दिया तो हम अवश्य दान करेंगे और नेक होकर रहेंगे।" |
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1311 | 9 | 76 | فلما آتاهم من فضله بخلوا به وتولوا وهم معرضون |
| | | किन्तु जब अल्लाह ने उन्हें अपने अनुग्रह से दिया तो वे उसमें कंजूसी करने लगे और पहलू बचाकर फिर गए |
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1312 | 9 | 77 | فأعقبهم نفاقا في قلوبهم إلى يوم يلقونه بما أخلفوا الله ما وعدوه وبما كانوا يكذبون |
| | | फिर परिणाम यह हुआ कि उसने उनके दिलों में उस दिन तक के लिए कपटाचार डाल दिया, जब वे उससे मिलेंगे, इसलिए कि उन्होंने अल्लाह से जो प्रतिज्ञा की थी उसे भंग कर दिया और इसलिए भी कि वे झूठ बोलते रहे |
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1313 | 9 | 78 | ألم يعلموا أن الله يعلم سرهم ونجواهم وأن الله علام الغيوب |
| | | क्या उन्हें खबर नहीं कि अल्लाह उनका भेद और उनकी कानाफुसियों को अच्छी तरह जानता है और यह कि अल्लाह परोक्ष की सारी बातों को भली-भाँति जानता है |
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1314 | 9 | 79 | الذين يلمزون المطوعين من المؤمنين في الصدقات والذين لا يجدون إلا جهدهم فيسخرون منهم سخر الله منهم ولهم عذاب أليم |
| | | जो लोग स्वेच्छापूर्वक देनेवाले मोमिनों पर उनके सदक़ो (दान) के विषय में चोटें करते है और उन लोगों का उपहास करते है, जिनके पास इसके सिवा कुछ नहीं जो वे मशक़्क़त उठाकर देते है, उन (उपहास करनेवालों) का उपहास अल्लाह ने किया और उनके लिए दुखद यातना है |
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1315 | 9 | 80 | استغفر لهم أو لا تستغفر لهم إن تستغفر لهم سبعين مرة فلن يغفر الله لهم ذلك بأنهم كفروا بالله ورسوله والله لا يهدي القوم الفاسقين |
| | | तुम उनके लिए क्षमा की प्रार्थना करो या उनके लिए क्षमा की प्रार्थना न करो। यदि तुम उनके लिए सत्तर बार भी क्षमा की प्रार्थना करोगे, तो भी अल्लाह उन्हें क्षमा नहीं करेगा, यह इसलिए कि उन्होंने अल्लाह और उसके रसूल के साथ कुफ़्र किया और अल्लाह अवज्ञाकारियों को सीधा मार्ग नहीं दिखाता |
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