بسم الله الرحمن الرحيم

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1292122يا بني إسرائيل اذكروا نعمتي التي أنعمت عليكم وأني فضلتكم على العالمين
ऐ इसराईल की सन्तान! मेरी उस कृपा को याद करो जो मैंने तुमपर की थी और यह कि मैंने तुम्हें संसारवालों पर श्रेष्ठता प्रदान की
1302123واتقوا يوما لا تجزي نفس عن نفس شيئا ولا يقبل منها عدل ولا تنفعها شفاعة ولا هم ينصرون
और उस दिन से डरो, जब कोई न किसी के काम आएगा, न किसी की ओर से अर्थदंड स्वीकार किया जाएगा, और न कोई सिफ़ारिश ही उसे लाभ पहुँचा सकेगी, और न उनको कोई सहायता ही पहुँच सकेगी
1312124وإذ ابتلى إبراهيم ربه بكلمات فأتمهن قال إني جاعلك للناس إماما قال ومن ذريتي قال لا ينال عهدي الظالمين
और याद करो जब इबराहीम की उसके रब से कुछ बातों में परीक्षा ली तो उसने उसको पूरा कर दिखाया। उसने कहा, "मैं तुझे सारे इनसानों का पेशवा बनानेवाला हूँ।" उसने निवेदन किया, " और मेरी सन्तान में भी।" उसने कहा, "ज़ालिम मेरे इस वादे के अन्तर्गत नहीं आ सकते।"
1322125وإذ جعلنا البيت مثابة للناس وأمنا واتخذوا من مقام إبراهيم مصلى وعهدنا إلى إبراهيم وإسماعيل أن طهرا بيتي للطائفين والعاكفين والركع السجود
और याद करो जब हमने इस घर (काबा) को लोगों को लिए केन्द्र और शान्तिस्थल बनाया - और, "इबराहीम के स्थल में से किसी जगह को नमाज़ की जगह बना लो!" - और इबराहीम और इसमाईल को ज़िम्मेदार बनाया। "तुम मेरे इस घर को तवाफ़ करनेवालों और एतिकाफ़ करनेवालों के लिए और रुकू और सजदा करनेवालों के लिए पाक-साफ़ रखो।"
1332126وإذ قال إبراهيم رب اجعل هذا بلدا آمنا وارزق أهله من الثمرات من آمن منهم بالله واليوم الآخر قال ومن كفر فأمتعه قليلا ثم أضطره إلى عذاب النار وبئس المصير
और याद करो जब इबराहीम ने कहा, "ऐ मेरे रब! इसे शान्तिमय भू-भाग बना दे और इसके उन निवासियों को फलों की रोज़ी दे जो उनमें से अल्लाह और अन्तिम दिन पर ईमान लाएँ।" कहा, "और जो इनकार करेगा थोड़ा फ़ायदा तो उसे भी दूँगा, फिर उसे घसीटकर आग की यातना की ओर पहुँचा दूँगा और वह बहुत-ही बुरा ठिकाना है!"
1342127وإذ يرفع إبراهيم القواعد من البيت وإسماعيل ربنا تقبل منا إنك أنت السميع العليم
और याद करो जब इबराहीम और इसमाईल इस घर की बुनियादें उठा रहे थे, (तो उन्होंने प्रार्थना की), "ऐ हमारे रब! हमारी ओर से इसे स्वीकार कर ले, निस्संदेह तू सुनता-जानता है
1352128ربنا واجعلنا مسلمين لك ومن ذريتنا أمة مسلمة لك وأرنا مناسكنا وتب علينا إنك أنت التواب الرحيم
ऐ हमारे रब! हम दोनों को अपना आज्ञाकारी बना और हमारी संतान में से अपना एक आज्ञाकारी समुदाय बना; और हमें हमारे इबादत के तरीक़े बता और हमारी तौबा क़बूल कर। निस्संदेह तू तौबा क़बूल करनेवाला, अत्यन्त दयावान है
1362129ربنا وابعث فيهم رسولا منهم يتلو عليهم آياتك ويعلمهم الكتاب والحكمة ويزكيهم إنك أنت العزيز الحكيم
ऐ हमारे रब! उनमें उन्हीं में से एक ऐसा रसूल उठा जो उन्हें तेरी आयतें सुनाए और उनको किताब और तत्वदर्शिता की शिक्षा दे और उन (की आत्मा) को विकसित करे। निस्संदेह तू प्रभुत्वशाली, तत्वदर्शी है
1372130ومن يرغب عن ملة إبراهيم إلا من سفه نفسه ولقد اصطفيناه في الدنيا وإنه في الآخرة لمن الصالحين
कौन है जो इबराहीम के पंथ से मुँह मोड़े सिवाय उसके जिसने स्वयं को पतित कर लिया? और उसे तो हमने दुनिया में चुन लिया था और निस्संदेह आख़िरत में उसकी गणना योग्य लोगों में होगी
1382131إذ قال له ربه أسلم قال أسلمت لرب العالمين
क्योंकि जब उससे रब ने कहा, "मुस्लिम (आज्ञाकारी) हो जा।" उसने कहा, "मैं सारे संसार के रब का मुस्लिम हो गया।"


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