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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
1274 | 9 | 39 | إلا تنفروا يعذبكم عذابا أليما ويستبدل قوما غيركم ولا تضروه شيئا والله على كل شيء قدير |
| | | यदि तुम निकालोगे तो वह तुम्हें दुखद यातना देगा और वह तुम्हारी जगह दूसरे गिरोह को ले आएगा और तुम उसका कुछ न बिगाड़ सकोगे। और अल्लाह हर चीज़ की सामर्थ्य रखता है |
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1275 | 9 | 40 | إلا تنصروه فقد نصره الله إذ أخرجه الذين كفروا ثاني اثنين إذ هما في الغار إذ يقول لصاحبه لا تحزن إن الله معنا فأنزل الله سكينته عليه وأيده بجنود لم تروها وجعل كلمة الذين كفروا السفلى وكلمة الله هي العليا والله عزيز حكيم |
| | | यदि तुम उसकी सहायता न भी करो तो अल्लाह उसकी सहायता उस समय कर चुका है जब इनकार करनेवालों ने उसे इस स्थिति में निकाला कि वह केवल दो में का दूसरा था, जब वे दोनों गुफ़ा में थे। जबकि वह अपने साथी से कह रहा था, "शोकाकुल न हो। अवश्यमेव अल्लाह हमारे साथ है।" फिर अल्लाह ने उसपर अपनी ओर से सकीनत (प्रशान्ति) उतारी और उसकी सहायता ऐसी सेनाओं से की जिन्हें तुम देख न सके और इनकार करनेवालों का बोल नीचा कर दिया, बोल तो अल्लाह ही का ऊँचा रहता है। अल्लाह अत्यन्त प्रभुत्वशील, तत्वदर्शी है |
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1276 | 9 | 41 | انفروا خفافا وثقالا وجاهدوا بأموالكم وأنفسكم في سبيل الله ذلكم خير لكم إن كنتم تعلمون |
| | | हलके और बोझिल निकल पड़ो और अल्लाह के मार्ग में अपने मालों और अपनी जानों के साथ जिहाद करो! यही तुम्हारे लिए उत्तम है, यदि तुम जानो |
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1277 | 9 | 42 | لو كان عرضا قريبا وسفرا قاصدا لاتبعوك ولكن بعدت عليهم الشقة وسيحلفون بالله لو استطعنا لخرجنا معكم يهلكون أنفسهم والله يعلم إنهم لكاذبون |
| | | यदि निकट (भविष्य में) ही कुछ मिलनेवाला होता और सफ़र भी हलका होता तो वे अवश्य तुम्हारे पीछे चल पड़ते, किन्तु मार्ग की दूरी उन्हें कठिन और बहुत दीर्घ प्रतीत हुई। अब वे अल्लाह की क़समें खाएँगे कि, "यदि हममें इसकी सामर्थ्य होती तो हम अवश्य तुम्हारे साथ निकलते।" वे अपने आपको तबाही में डाल रहे है और अल्लाह भली-भाँति जानता है कि निश्चय ही वे झूठे है |
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1278 | 9 | 43 | عفا الله عنك لم أذنت لهم حتى يتبين لك الذين صدقوا وتعلم الكاذبين |
| | | अल्लाह ने तुम्हे क्षमा कर दिया! तुमने उन्हें क्यों अनुमति दे दी, यहाँ तक कि जो लोग सच्चे है वे तुम्हारे सामने प्रकट हो जाते और झूठों को भी तुम जान लेते? |
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1279 | 9 | 44 | لا يستأذنك الذين يؤمنون بالله واليوم الآخر أن يجاهدوا بأموالهم وأنفسهم والله عليم بالمتقين |
| | | जो लोग अल्लाह और अंतिम दिन पर ईमान रखते है, वे तुमसे कभी यह नहीं चाहेंगे कि उन्हें अपने मालों और अपनी जानों के साथ जिहाद करने से माफ़ रखा जाए। और अल्लाह डर रखनेवालों को भली-भाँति जानता है |
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1280 | 9 | 45 | إنما يستأذنك الذين لا يؤمنون بالله واليوم الآخر وارتابت قلوبهم فهم في ريبهم يترددون |
| | | तुमसे छुट्टी तो बस वही लोग माँगते है जो अल्लाह और अन्तिम दिन पर ईमान नहीं रखते, और जिनके दिल सन्देह में पड़े है, तो वे अपने सन्देह ही में डाँवाडोल हो रहे है |
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1281 | 9 | 46 | ولو أرادوا الخروج لأعدوا له عدة ولكن كره الله انبعاثهم فثبطهم وقيل اقعدوا مع القاعدين |
| | | यदि वे निकलने का इरादा करते तो इसके लिए कुछ सामग्री जुटाते, किन्तु अल्लाह ने उनके उठने को नापसन्द किया तो उसने उन्हें रोक दिया। उनके कह दिया गया, "बैठनेवालों के साथ बैठ रहो।" |
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1282 | 9 | 47 | لو خرجوا فيكم ما زادوكم إلا خبالا ولأوضعوا خلالكم يبغونكم الفتنة وفيكم سماعون لهم والله عليم بالظالمين |
| | | यदि वे तुम्हारे साथ निकलते भी तो तुम्हारे अन्दर ख़राबी के सिवा किसी और चीज़ की अभिवृद्धि नहीं करते। और वे तुम्हारे बीच उपद्रव मचाने के लिए दौड़-धूप करते और तुममें उनकी सुननेवाले है। और अल्लाह अत्याचारियों को भली-भाँति जानता है |
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1283 | 9 | 48 | لقد ابتغوا الفتنة من قبل وقلبوا لك الأمور حتى جاء الحق وظهر أمر الله وهم كارهون |
| | | उन्होंने तो इससे पहले भी उपद्रव मचाना चाहा था और वे तुम्हारे विरुद्ध घटनाओं और मामलों के उलटने-पलटने में लगे रहे, यहाँ तक कि हक़ आ गया और अल्लाह को आदेश प्रकट होकर रहा, यद्यपि उन्हें अप्रिय ही लगता रहा |
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