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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
1265 | 9 | 30 | وقالت اليهود عزير ابن الله وقالت النصارى المسيح ابن الله ذلك قولهم بأفواههم يضاهئون قول الذين كفروا من قبل قاتلهم الله أنى يؤفكون |
| | | यहूद तो कहते हैं कि अज़ीज़ ख़ुदा के बेटे हैं और ईसाई कहते हैं कि मसीहा (ईसा) ख़ुदा के बेटे हैं ये तो उनकी बात है और (वह ख़ुद) उन्हीं के मुँह से ये लोग भी उन्हीं काफ़िरों की सी बातें बनाने लगे जो उनसे पहले गुज़र चुके हैं ख़ुदा उनको क़त्ल (तहस नहस) करके (देखो तो) कहाँ से कहाँ भटके जा रहे हैं |
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1266 | 9 | 31 | اتخذوا أحبارهم ورهبانهم أربابا من دون الله والمسيح ابن مريم وما أمروا إلا ليعبدوا إلها واحدا لا إله إلا هو سبحانه عما يشركون |
| | | उन लोगों ने तो अपने ख़ुदा को छोड़कर अपनी आलिमों को और अपने ज़ाहिदों को और मरियम के बेटे मसीह को अपना परवरदिगार बना डाला हालॉकि उन्होनें सिवाए इसके और हुक्म ही नहीं दिया गया कि ख़ुदाए यक़ता (सिर्फ़ ख़ुदा) की इबादत करें उसके सिवा (और कोई क़ाबिले परसतिश नहीं) |
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1267 | 9 | 32 | يريدون أن يطفئوا نور الله بأفواههم ويأبى الله إلا أن يتم نوره ولو كره الكافرون |
| | | जिस चीज़ को ये लोग उसका शरीक़ बनाते हैं वह उससे पाक व पाक़ीजा है ये लोग चाहते हैं कि अपने मुँह से (फ़ूंक मारकर) ख़ुदा के नूर को बुझा दें और ख़ुदा इसके सिवा कुछ मानता ही नहीं कि अपने नूर को पूरा ही करके रहे |
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1268 | 9 | 33 | هو الذي أرسل رسوله بالهدى ودين الحق ليظهره على الدين كله ولو كره المشركون |
| | | अगरचे कुफ्फ़ार बुरा माना करें वही तो (वह ख़ुदा) है कि जिसने अपने रसूल (मोहम्मद) को हिदायत और सच्चे दीन के साथ ( मबऊस करके) भेजता कि उसको तमाम दीनो पर ग़ालिब करे अगरचे मुशरेकीन बुरा माना करे |
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1269 | 9 | 34 | يا أيها الذين آمنوا إن كثيرا من الأحبار والرهبان ليأكلون أموال الناس بالباطل ويصدون عن سبيل الله والذين يكنزون الذهب والفضة ولا ينفقونها في سبيل الله فبشرهم بعذاب أليم |
| | | ऐ ईमानदारों इसमें उसमें शक़ नहीं कि (यहूद व नसारा के) बहुतेरे आलिम ज़ाहिद लोगों के माल (नाहक़) चख जाते है और (लोगों को) ख़ुदा की राह से रोकते हैं और जो लोग सोना और चाँदी जमा करते जाते हैं और उसको ख़ुदा की राह में खर्च नहीं करते तो (ऐ रसूल) उन को दर्दनाक अज़ाब की ख़ुशखबरी सुना दो |
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1270 | 9 | 35 | يوم يحمى عليها في نار جهنم فتكوى بها جباههم وجنوبهم وظهورهم هذا ما كنزتم لأنفسكم فذوقوا ما كنتم تكنزون |
| | | (जिस दिन वह (सोना चाँदी) जहन्नुम की आग में गर्म (और लाल) किया जाएगा फिर उससे उनकी पेशानियाँ और उनके पहलू और उनकी पीठें दाग़ी जाऎंगी (और उनसे कहा जाएगा) ये वह है जिसे तुमने अपने लिए (दुनिया में) जमा करके रखा था तो (अब) अपने जमा किए का मज़ा चखो |
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1271 | 9 | 36 | إن عدة الشهور عند الله اثنا عشر شهرا في كتاب الله يوم خلق السماوات والأرض منها أربعة حرم ذلك الدين القيم فلا تظلموا فيهن أنفسكم وقاتلوا المشركين كافة كما يقاتلونكم كافة واعلموا أن الله مع المتقين |
| | | इसमें तो शक़ ही नहीं कि ख़ुदा ने जिस दिन आसमान व ज़मीन को पैदा किया (उसी दिन से) ख़ुदा के नज़दीक ख़ुदा की किताब (लौहे महफूज़) में महीनों की गिनती बारह महीने है उनमें से चार महीने (अदब व) हुरमत के हैं यही दीन सीधी राह है तो उन चार महीनों में तुम अपने ऊपर (कुश्त व ख़ून (मार काट) करके) ज़ुल्म न करो और मुशरेकीन जिस तरह तुम से सबके बस मिलकर लड़ते हैं तुम भी उसी तरह सबके सब मिलकर उन से लड़ों और ये जान लो कि ख़ुदा तो यक़ीनन परहेज़गारों के साथ है |
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1272 | 9 | 37 | إنما النسيء زيادة في الكفر يضل به الذين كفروا يحلونه عاما ويحرمونه عاما ليواطئوا عدة ما حرم الله فيحلوا ما حرم الله زين لهم سوء أعمالهم والله لا يهدي القوم الكافرين |
| | | महीनों का आगे पीछे कर देना भी कुफ़्र ही की ज्यादती है कि उनकी बदौलत कुफ्फ़ार (और) बहक जाते हैं एक बरस तो उसी एक महीने को हलाल समझ लेते हैं और (दूसरे) साल उसी महीने को हराम कहते हैं ताकि ख़ुदा ने जो (चार महीने) हराम किए हैं उनकी गिनती ही पूरी कर लें और ख़ुदा की हराम की हुई चीज़ को हलाल कर लें उनकी बुरी (बुरी) कारस्तानियॉ उन्हें भली कर दिखाई गई हैं और खुदा काफिर लोगो को मंज़िले मक़सूद तक नहीं पहुँचाया करता |
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1273 | 9 | 38 | يا أيها الذين آمنوا ما لكم إذا قيل لكم انفروا في سبيل الله اثاقلتم إلى الأرض أرضيتم بالحياة الدنيا من الآخرة فما متاع الحياة الدنيا في الآخرة إلا قليل |
| | | ऐ ईमानदारों तुम्हें क्या हो गया है कि जब तुमसे कहा जाता है कि ख़ुदा की राह में (जिहाद के लिए) निकलो तो तुम लदधड़ (ढीले) हो कर ज़मीन की तरफ झुके पड़ते हो क्या तुम आख़िरत के बनिस्बत दुनिया की (चन्द रोज़ा) जिन्दगी को पसन्द करते थे तो (समझ लो कि) दुनिया की ज़िन्दगी का साज़ो सामान (आख़िर के) ऐश व आराम के मुक़ाबले में बहुत ही थोड़ा है |
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1274 | 9 | 39 | إلا تنفروا يعذبكم عذابا أليما ويستبدل قوما غيركم ولا تضروه شيئا والله على كل شيء قدير |
| | | अगर (अब भी) तुम न निकलोगे तो ख़ुदा तुम पर दर्दनाक अज़ाब नाज़िल फरमाएगा और (ख़ुदा कुछ मजबरू तो है नहीं) तुम्हारे बदले किसी दूसरी क़ौम को ले आएगा और तुम उसका कुछ भी बिगाड़ नहीं सकते और ख़ुदा हर चीज़ पर क़ादिर है |
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