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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
1215 | 8 | 55 | إن شر الدواب عند الله الذين كفروا فهم لا يؤمنون |
| | | इसमें शक़ नहीं कि ख़ुदा के नज़दीक जानवरों में कुफ्फ़ार सबसे बदतरीन तो (बावजूद इसके) फिर ईमान नहीं लाते |
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1216 | 8 | 56 | الذين عاهدت منهم ثم ينقضون عهدهم في كل مرة وهم لا يتقون |
| | | ऐ रसूल जिन लोगों से तुम ने एहद व पैमान किया था फिर वह लोग अपने एहद को हर बार तोड़ डालते है और (फिर ख़ुदा से) नहीं डरते |
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1217 | 8 | 57 | فإما تثقفنهم في الحرب فشرد بهم من خلفهم لعلهم يذكرون |
| | | तो अगर वह लड़ाई में तुम्हारे हाथे चढ़ जाएँ तो (ऐसी सख्त गोश्माली दो कि) उनके साथ साथ उन लोगों का तो अगर वह लड़ाई में तुम्हारे हत्थे चढ़ जाएं तो (ऐसी सजा दो की) उनके साथ उन लोगों को भी तितिर बितिर कर दो जो उन के पुश्त पर हो ताकि ये इबरत हासिल करें |
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1218 | 8 | 58 | وإما تخافن من قوم خيانة فانبذ إليهم على سواء إن الله لا يحب الخائنين |
| | | और अगर तुम्हें किसी क़ौम की ख्यानत (एहद शिकनी(वादा ख़िलाफी)) का ख़ौफ हो तो तुम भी बराबर उनका एहद उन्हीं की तरफ से फेंक मारो (एहदो शिकन के साथ एहद शिकनी करो ख़ुदा हरगिज़ दग़ाबाजों को दोस्त नहीं रखता |
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1219 | 8 | 59 | ولا يحسبن الذين كفروا سبقوا إنهم لا يعجزون |
| | | और कुफ्फ़ार ये न ख्याल करें कि वह (मुसलमानों से) आगे बढ़ निकले (क्योंकि) वह हरगिज़ (मुसलमानों को) हरा नहीं सकते |
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1220 | 8 | 60 | وأعدوا لهم ما استطعتم من قوة ومن رباط الخيل ترهبون به عدو الله وعدوكم وآخرين من دونهم لا تعلمونهم الله يعلمهم وما تنفقوا من شيء في سبيل الله يوف إليكم وأنتم لا تظلمون |
| | | और (मुसलमानों तुम कुफ्फार के मुकाबले के) वास्ते जहाँ तक तुमसे हो सके (अपने बाज़ू के) ज़ोर से और बॅधे हुए घोड़े से लड़ाई का सामान मुहय्या करो इससे ख़ुदा के दुश्मन और अपने दुश्मन और उसके सिवा दूसरे लोगों पर भी अपनी धाक बढ़ा लेगें जिन्हें तुम नहीं जानते हो मगर ख़ुदा तो उनको जानता है और ख़ुदा की राह में तुम जो कुछ भी ख़र्च करोगें वह तुम पूरा पूरा भर पाओगें और तुम पर किसी तरह ज़ुल्म नहीं किया जाएगा |
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1221 | 8 | 61 | وإن جنحوا للسلم فاجنح لها وتوكل على الله إنه هو السميع العليم |
| | | और अगर ये कुफ्फार सुलह की तरफ माएल हो तो तुम भी उसकी तरफ माएल हो और ख़ुदा पर भरोसा रखो (क्योंकि) वह बेशक (सब कुछ) सुनता जानता है |
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1222 | 8 | 62 | وإن يريدوا أن يخدعوك فإن حسبك الله هو الذي أيدك بنصره وبالمؤمنين |
| | | और अगर वह लोग तुम्हें फरेब देना चाहे तो (कुछ परवा नहीं) ख़ुदा तुम्हारे वास्ते यक़ीनी काफी है-(ऐ रसूल) वही तो वह (ख़ुदा) है जिसने अपनी ख़ास मदद और मोमिनीन से तुम्हारी ताईद की |
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1223 | 8 | 63 | وألف بين قلوبهم لو أنفقت ما في الأرض جميعا ما ألفت بين قلوبهم ولكن الله ألف بينهم إنه عزيز حكيم |
| | | और उसी ने उन मुसलमानों के दिलों में बाहम ऐसी उलफ़त पैदा कर दी कि अगर तुम जो कुछ ज़मीन में है सब का सब खर्च कर डालते तो भी उनके दिलो में ऐसी उलफ़त पैदा न कर सकते मगर ख़ुदा ही था जिसने बाहम उलफत पैदा की बेशक वह ज़बरदस्त हिक़मत वाला है |
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1224 | 8 | 64 | يا أيها النبي حسبك الله ومن اتبعك من المؤمنين |
| | | ऐ रसूल तुमको बस ख़ुदा और जो मोमिनीन तुम्हारे ताबेए फरमान (फरमाबरदार) है काफी है |
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