بسم الله الرحمن الرحيم

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ترتيب الآيةرقم السورةرقم الآيةالاية
1222115ولله المشرق والمغرب فأينما تولوا فثم وجه الله إن الله واسع عليم
(तुम्हारे मसजिद में रोकने से क्या होता है क्योंकि सारी ज़मीन) खुदा ही की है (क्या) पूरब (क्या) पश्चिम बस जहाँ कहीं क़िब्ले की तरफ रूख़ करो वही खुदा का सामना है बेशक खुदा बड़ी गुन्जाइश वाला और खूब वाक़िफ है
1232116وقالوا اتخذ الله ولدا سبحانه بل له ما في السماوات والأرض كل له قانتون
और यहूद कहने लगे कि खुदा औलाद रखता है हालाँकि वह (इस बखेड़े से) पाक है बल्कि जो कुछ ज़मीन व आसमान में है सब उसी का है और सब उसकी के फरमाबरदार हैं
1242117بديع السماوات والأرض وإذا قضى أمرا فإنما يقول له كن فيكون
(वही) आसमान व ज़मीन का मोजिद है और जब किसी काम का करना ठान लेता है तो उसकी निसबत सिर्फ कह देता है कि ''हो जा'' पस वह (खुद ब खुद) हो जाता है
1252118وقال الذين لا يعلمون لولا يكلمنا الله أو تأتينا آية كذلك قال الذين من قبلهم مثل قولهم تشابهت قلوبهم قد بينا الآيات لقوم يوقنون
और जो (मुशरेकीन) कुछ नहीं जानते कहते हैं कि खुदा हमसे (खुद) कलाम क्यों नहीं करता, या हमारे पास (खुद) कोई निशानी क्यों नहीं आती, इसी तरह उन्हीं की सी बाते वह कर चुके हैं जो उनसे पहले थे उन सब के दिल आपस में मिलते जुलते हैं जो लोग यक़ीन रखते हैं उनको तो अपनी निशानियाँ क्यों साफतौर पर दिखा चुके
1262119إنا أرسلناك بالحق بشيرا ونذيرا ولا تسأل عن أصحاب الجحيم
(ऐ रसूल) हमने तुमको दीने हक़ के साथ (बेहिश्त की) खुशख़बरी देने वाला और (अज़ाब से) डराने वाला बनाकर भेजा है और दोज़ख़ियों के बारे में तुमसे कुछ न पूछा जाएगा
1272120ولن ترضى عنك اليهود ولا النصارى حتى تتبع ملتهم قل إن هدى الله هو الهدى ولئن اتبعت أهواءهم بعد الذي جاءك من العلم ما لك من الله من ولي ولا نصير
और (ऐ रसूल) न तो यहूदी कभी तुमसे रज़ामंद होगे न नसारा यहाँ तक कि तुम उनके मज़हब की पैरवी करो (ऐ रसूल उनसे) कह दो कि बस खुदा ही की हिदायत तो हिदायत है (बाक़ी ढकोसला है) और अगर तुम इसके बाद भी कि तुम्हारे पास इल्म (क़ुरान) आ चुका है उनकी ख्वाहिशों पर चले तो (याद रहे कि फिर) तुमको खुदा (के ग़ज़ब) से बचाने वाला न कोई सरपरस्त होगा न मददगार
1282121الذين آتيناهم الكتاب يتلونه حق تلاوته أولئك يؤمنون به ومن يكفر به فأولئك هم الخاسرون
जिन लोगों को हमने किताब (कुरान) दी है वह लोग उसे इस तरह पढ़ते रहते हैं जो उसके पढ़ने का हक़ है यही लोग उस पर ईमान लाते हैं और जो उससे इनकार करते हैं वही लोग घाटे में हैं
1292122يا بني إسرائيل اذكروا نعمتي التي أنعمت عليكم وأني فضلتكم على العالمين
बनी इसराईल मेरी उन नेअमतों को याद करो जो मैंनं तुम को दी हैं और ये कि मैंने तुमको सारे जहाँन पर फज़ीलत दी
1302123واتقوا يوما لا تجزي نفس عن نفس شيئا ولا يقبل منها عدل ولا تنفعها شفاعة ولا هم ينصرون
और उस दिन से डरो जिस दिन कोई शख्स किसी की तरफ से न फिदया हो सकेगा और न उसकी तरफ से कोई मुआवेज़ा क़ुबूल किया जाएगा और न कोई सिफारिश ही फायदा पहुचाँ सकेगी, और न लोग मदद दिए जाएँगे
1312124وإذ ابتلى إبراهيم ربه بكلمات فأتمهن قال إني جاعلك للناس إماما قال ومن ذريتي قال لا ينال عهدي الظالمين
(ऐ रसूल) बनी इसराईल को वह वक्त भी याद दिलाओ जब इबराहीम को उनके परवरदिगार ने चन्द बातों में आज़माया और उन्होंने पूरा कर दिया तो खुदा ने फरमाया मैं तुमको (लोगों का) पेशवा बनाने वाला हूँ (हज़रत इबराहीम ने) अर्ज़ की और मेरी औलाद में से फरमाया (हाँ मगर) मेरे इस अहद पर ज़ालिमों में से कोई शख्स फ़ायज़ नहीं हो सकता


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