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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
1205 | 8 | 45 | يا أيها الذين آمنوا إذا لقيتم فئة فاثبتوا واذكروا الله كثيرا لعلكم تفلحون |
| | | ऐ ईमानदारों जब तुम किसी फौज से मुठभेड़ करो तो ख़बरदार अपने क़दम जमाए रहो और ख़ुदा को बहुंत याद करते रहो ताकि तुम फलाह पाओ |
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1206 | 8 | 46 | وأطيعوا الله ورسوله ولا تنازعوا فتفشلوا وتذهب ريحكم واصبروا إن الله مع الصابرين |
| | | और ख़ुदा की और उसके रसूल की इताअत करो और आपस में झगड़ा न करो वरना तुम हिम्मत हारोगे और तुम्हारी हवा उखड़ जाएगी और (जंग की तकलीफ़ को) झेल जाओ (क्योंकि) ख़ुदा तो यक़ीनन सब्र करने वालों का साथी है |
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1207 | 8 | 47 | ولا تكونوا كالذين خرجوا من ديارهم بطرا ورئاء الناس ويصدون عن سبيل الله والله بما يعملون محيط |
| | | और उन लोगों के ऐसे न हो जाओ जो इतराते हुए और लोगों के दिखलाने के वास्ते अपने घरों से निकल खड़े हुए और लोगों को ख़ुदा की राह से रोकते हैं और जो कुछ भी वह लोग करते हैं ख़ुदा उस पर (हर तरह से) अहाता किए हुए है |
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1208 | 8 | 48 | وإذ زين لهم الشيطان أعمالهم وقال لا غالب لكم اليوم من الناس وإني جار لكم فلما تراءت الفئتان نكص على عقبيه وقال إني بريء منكم إني أرى ما لا ترون إني أخاف الله والله شديد العقاب |
| | | और जब शैतान ने उनकी कारस्तानियों को उम्दा कर दिखाया और उनके कान में फूंक दिया कि लोगों में आज कोई ऐसा नहीं जो तुम पर ग़ालिब आ सके और मै तुम्हारा मददगार हूं फिर जब दोनों लश्कर मुकाबिल हुए तो अपने उलटे पॉव भाग निकला और कहने लगा कि मै तो तुम से अलग हूं मै वह चीजें देख रहा हूं जो तुम्हें नहीं सूझती मैं तो ख़ुदा से डरता हूं और ख़ुदा बहुत सख्त अज़ाब वाला है |
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1209 | 8 | 49 | إذ يقول المنافقون والذين في قلوبهم مرض غر هؤلاء دينهم ومن يتوكل على الله فإن الله عزيز حكيم |
| | | (ये वक्त था) जब मुनाफिक़ीन और जिन लोगों के दिल में (कुफ्र का) मर्ज़ है कह रहे थे कि उन मुसलमानों को उनके दीन ने धोके में डाल रखा है (कि इतराते फिरते हैं हालॉकि जो शख़्स ख़ुदा पर भरोसा करता है (वह ग़ालिब रहता है क्योंकि) ख़ुदा तो यक़ीनन ग़ालिब और हिकमत वाला है |
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1210 | 8 | 50 | ولو ترى إذ يتوفى الذين كفروا الملائكة يضربون وجوههم وأدبارهم وذوقوا عذاب الحريق |
| | | और काश (ऐ रसूल) तुम देखते जब फ़रिश्ते काफ़िरों की जान निकाल लेते थे और रूख़ और पुश्त (पीठ) पर कोड़े मारते थे और (कहते थे कि) अज़ाब जहन्नुम के मज़े चखों |
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1211 | 8 | 51 | ذلك بما قدمت أيديكم وأن الله ليس بظلام للعبيد |
| | | ये सज़ा उसकी है जो तुम्हारे हाथों ने पहले किया कराया है और ख़ुदा बन्दों पर हरगिज़ ज़ुल्म नहीं किया करता है |
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1212 | 8 | 52 | كدأب آل فرعون والذين من قبلهم كفروا بآيات الله فأخذهم الله بذنوبهم إن الله قوي شديد العقاب |
| | | (उन लोगों की हालत) क़ौमे फिरऔन और उनके लोगों की सी है जो उन से पहले थे और ख़ुदा की आयतों से इन्कार करते थे तो ख़ुदा ने भी उनके गुनाहों की वजह से उन्हें ले डाला बेशक ख़ुदा ज़बरदस्त और बहुत सख्त अज़ाब देने वाला है |
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1213 | 8 | 53 | ذلك بأن الله لم يك مغيرا نعمة أنعمها على قوم حتى يغيروا ما بأنفسهم وأن الله سميع عليم |
| | | ये सज़ा इस वजह से (दी गई) कि जब कोई नेअमत ख़ुदा किसी क़ौम को देता है तो जब तक कि वह लोग ख़ुद अपनी कलबी हालत (न) बदलें ख़ुदा भी उसे नहीं बदलेगा और ख़ुदा तो यक़ीनी (सब की सुनता) और सब कुछ जानता है |
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1214 | 8 | 54 | كدأب آل فرعون والذين من قبلهم كذبوا بآيات ربهم فأهلكناهم بذنوبهم وأغرقنا آل فرعون وكل كانوا ظالمين |
| | | (उन लोगों की हालत) क़ौम फिरऔन और उन लोगों की सी है जो उनसे पहले थे और अपने परवरदिगार की आयतों को झुठलाते थे तो हमने भी उनके गुनाहों की वजह से उनको हलाक़ कर डाला और फिरऔन की क़ौम को डुबा मारा और (ये) सब के सब ज़ालिम थे |
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