بسم الله الرحمن الرحيم

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1326إن الذين كفروا سواء عليهم أأنذرتهم أم لم تنذرهم لا يؤمنون
बेशक जिन लोगों ने कुफ़्र इख़तेयार किया उनके लिए बराबर है (ऐ रसूल) ख्वाह (चाहे) तुम उन्हें डराओ या न डराओ वह ईमान न लाएँगे
1427ختم الله على قلوبهم وعلى سمعهم وعلى أبصارهم غشاوة ولهم عذاب عظيم
उनके दिलों पर और उनके कानों पर (नज़र करके) खुदा ने तसदीक़ कर दी है (कि ये ईमान न लाएँगे) और उनकी ऑंखों पर परदा (पड़ा हुआ) है और उन्हीं के लिए (बहुत) बड़ा अज़ाब है
1528ومن الناس من يقول آمنا بالله وباليوم الآخر وما هم بمؤمنين
और बाज़ लोग ऐसे भी हैं जो (ज़बान से तो) कहते हैं कि हम खुदा पर और क़यामत पर ईमान लाए हालाँकि वह दिल से ईमान नहीं लाए
1629يخادعون الله والذين آمنوا وما يخدعون إلا أنفسهم وما يشعرون
खुदा को और उन लोगों को जो ईमान लाए धोखा देते हैं हालाँकि वह अपने आपको धोखा देते हैं और कुछ शऊर नहीं रखते हैं
17210في قلوبهم مرض فزادهم الله مرضا ولهم عذاب أليم بما كانوا يكذبون
उनके दिलों में मर्ज़ था ही अब खुदा ने उनके मर्ज़ को और बढ़ा दिया और चूँकि वह लोग झूठ बोला करते थे इसलिए उन पर तकलीफ देह अज़ाब है
18211وإذا قيل لهم لا تفسدوا في الأرض قالوا إنما نحن مصلحون
और जब उनसे कहा जाता है कि मुल्क में फसाद न करते फिरो (तो) कहते हैं कि हम तो सिर्फ इसलाह करते हैं
19212ألا إنهم هم المفسدون ولكن لا يشعرون
ख़बरदार हो जाओ बेशक यही लोग फसादी हैं लेकिन समझते नहीं
20213وإذا قيل لهم آمنوا كما آمن الناس قالوا أنؤمن كما آمن السفهاء ألا إنهم هم السفهاء ولكن لا يعلمون
और जब उनसे कहा जाता है कि जिस तरह और लोग ईमान लाए हैं तुम भी ईमान लाओ तो कहते हैं क्या हम भी उसी तरह ईमान लाएँ जिस तरह और बेवकूफ़ लोग ईमान लाएँ, ख़बरदार हो जाओ लोग बेवक़ूफ़ हैं लेकिन नहीं जानते
21214وإذا لقوا الذين آمنوا قالوا آمنا وإذا خلوا إلى شياطينهم قالوا إنا معكم إنما نحن مستهزئون
और जब उन लोगों से मिलते हैं जो ईमान ला चुके तो कहते हैं हम तो ईमान ला चुके और जब अपने शैतानों के साथ तनहा रह जाते हैं तो कहते हैं हम तुम्हारे साथ हैं हम तो (मुसलमानों को) बनाते हैं
22215الله يستهزئ بهم ويمدهم في طغيانهم يعمهون
(वह क्या बनाएँगे) खुदा उनको बनाता है और उनको ढील देता है कि वह अपनी सरकशी में ग़लत पेचाँ (उलझे) रहें


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