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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
1170 | 8 | 10 | وما جعله الله إلا بشرى ولتطمئن به قلوبكم وما النصر إلا من عند الله إن الله عزيز حكيم |
| | | अल्लाह ने यह केवल इसलिए किया कि यह एक शुभ-सूचना हो और ताकि इससे तुम्हारे हृदय संतुष्ट हो जाएँ। सहायता अल्लाह ही के यहाँ से होती है। निस्संदेह अल्लाह अत्यन्त प्रभुत्वशाली, तत्वदर्शी है |
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1171 | 8 | 11 | إذ يغشيكم النعاس أمنة منه وينزل عليكم من السماء ماء ليطهركم به ويذهب عنكم رجز الشيطان وليربط على قلوبكم ويثبت به الأقدام |
| | | यह करो जबकि वह अपनी ओर से चैन प्रदान कर तुम्हें ऊँघ से ढँक रहा था और वह आकाश से तुमपर पानी बरसा रहा था, ताकि उसके द्वारा तुम्हें अच्छी तरह पाक करे और शैतान की गन्दगी तुमसे दूर करे और तुम्हारे दिलों को मज़बूत करे और उसके द्वारा तुम्हारे क़दमों को जमा दे |
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1172 | 8 | 12 | إذ يوحي ربك إلى الملائكة أني معكم فثبتوا الذين آمنوا سألقي في قلوب الذين كفروا الرعب فاضربوا فوق الأعناق واضربوا منهم كل بنان |
| | | याद करो जब तुम्हारा रब फ़रिश्तों की ओर प्रकाशना (वह्य्) कर रहा था कि "मैं तुम्हारे साथ हूँ। अतः तुम ईमानवालों को जमाए रखो। मैं इनकार करनेवालों के दिलों में रोब डाले देता हूँ। तो तुम उनकी गरदनें मारो और उनके पोर-पोर पर चोट लगाओ!" |
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1173 | 8 | 13 | ذلك بأنهم شاقوا الله ورسوله ومن يشاقق الله ورسوله فإن الله شديد العقاب |
| | | यह इसलिए कि उन्होंने अल्लाह और उसके रसूल का विरोध किया। और जो कोई अल्लाह और उसके रसूल का विरोध करे (उसे कठोर यातना मिलकर रहेगी) क्योंकि अल्लाह कड़ी यातना देनेवाला है |
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1174 | 8 | 14 | ذلكم فذوقوه وأن للكافرين عذاب النار |
| | | यह तो तुम चखो! और यह कि इनकार करनेवालों के लिए आग की यातना है |
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1175 | 8 | 15 | يا أيها الذين آمنوا إذا لقيتم الذين كفروا زحفا فلا تولوهم الأدبار |
| | | ऐ ईमान लानेवालो! जब एक सेना के रूप में तुम्हारा इनकार करनेवालों से मुक़ाबला हो तो पीठ न फेरो |
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1176 | 8 | 16 | ومن يولهم يومئذ دبره إلا متحرفا لقتال أو متحيزا إلى فئة فقد باء بغضب من الله ومأواه جهنم وبئس المصير |
| | | जिस किसी ने भी उस दिन उनसे अपनी पीठ फेरी - यह और बात है कि युद्ध-चाल के रूप में या दूसरी टुकड़ी से मिलने के लिए ऐसा करे - तो वह अल्लाह के प्रकोप का भागी हुआ और उसका ठिकाना जहन्नम है, और क्या ही बुरा जगह है वह पहुँचने की! |
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1177 | 8 | 17 | فلم تقتلوهم ولكن الله قتلهم وما رميت إذ رميت ولكن الله رمى وليبلي المؤمنين منه بلاء حسنا إن الله سميع عليم |
| | | तुमने उसे क़त्ल नहीं किया बल्कि अल्लाह ही ने उन्हें क़त्ल किया और जब तुमने (उनकी ओर मिट्टी और कंकड़) फेंक, तो तुमने नहीं फेंका बल्कि अल्लाह ने फेंका (कि अल्लाह अपनी गुण-गरिमा दिखाए) और ताकि अपनी ओर से ईमानवालों के गुण प्रकट करे। निस्संदेह अल्लाह सुनता, जानता है |
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1178 | 8 | 18 | ذلكم وأن الله موهن كيد الكافرين |
| | | यह तो हुआ, और यह (जान लो) कि अल्लाह इनकार करनेवालों की चाल को कमज़ोर कर देनेवाला है |
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1179 | 8 | 19 | إن تستفتحوا فقد جاءكم الفتح وإن تنتهوا فهو خير لكم وإن تعودوا نعد ولن تغني عنكم فئتكم شيئا ولو كثرت وأن الله مع المؤمنين |
| | | यदि तुम फ़ैसला चाहते हो तो फ़ैसला तुम्हारे सामने आ चुका और यदि बाज़ आ जाओ तो यह तुम्हारे ही लिए अच्छा है। लेकिन यदि तुमने पलटकर फिर वही हरकत की तो हम भी पलटेंगे और तुम्हारा जत्था, चाहे वह कितना ही अधिक हो, तुम्हारे कुछ काम न आ सकेगा। और यह कि अल्लाह मोमिनों के साथ होता है |
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