بسم الله الرحمن الرحيم

نتائج البحث: 6236
ترتيب الآيةرقم السورةرقم الآيةالاية
11577203وإذا لم تأتهم بآية قالوا لولا اجتبيتها قل إنما أتبع ما يوحى إلي من ربي هذا بصائر من ربكم وهدى ورحمة لقوم يؤمنون
और जब तुम उनके सामने कोई निशानी नहीं लाते तो वे कहते हैं, "तुम स्वयं कोई निशानी क्यों न छाँट लाए?" कह दो, "मैं तो केवल उसी का अनुसरण करता हूँ जो मेरे रब की ओर से प्रकाशना की जाती है। यह तुम्हारे रब की ओर से अन्तर्दृष्टियों का प्रकाश-पुंज है, और ईमान लानेवालों के लिए मार्गदर्शन और दयालुता है।"
11587204وإذا قرئ القرآن فاستمعوا له وأنصتوا لعلكم ترحمون
जब क़ुरआन पढ़ा जाए तो उसे ध्यानपूर्वक सुनो और चुप रहो, ताकि तुमपर दया की जाए
11597205واذكر ربك في نفسك تضرعا وخيفة ودون الجهر من القول بالغدو والآصال ولا تكن من الغافلين
अपने रब को अपने मन में प्रातः और संध्या के समयों में विनम्रतापूर्वक, डरते हुए और हल्की आवाज़ के साथ याद किया करो। और उन लोगों में से न हो जाओ जो ग़फ़लत में पड़े हुए है
11607206إن الذين عند ربك لا يستكبرون عن عبادته ويسبحونه وله يسجدون
निस्संदेह जो तुम्हारे रब के पास है, वे उसकी बन्दगी के मुक़ाबले में अहंकार की नीति नहीं अपनाते; वे तो उसकी तसबीह (महिमागान) करते है और उसी को सजदा करते है
116181بسم الله الرحمن الرحيم يسألونك عن الأنفال قل الأنفال لله والرسول فاتقوا الله وأصلحوا ذات بينكم وأطيعوا الله ورسوله إن كنتم مؤمنين
वे तुमसे ग़नीमतों के विषय में पूछते है। कहो, "ग़नीमतें अल्लाह और रसूल की है। अतः अल्लाह का डर रखों और आपस के सम्बन्धों को ठीक रखो। और, अल्लाह और उसके रसूल की आज्ञा का पालन करो, यदि तुम ईमानवाले हो
116282إنما المؤمنون الذين إذا ذكر الله وجلت قلوبهم وإذا تليت عليهم آياته زادتهم إيمانا وعلى ربهم يتوكلون
ईमानवाले तो वही लोग है जिनके दिल उस समय काँप उठे जबकि अल्लाह को याद किया जाए। और जब उनके सामने उसकी आयतें पढ़ी जाएँ तो वे उनके ईमान को और अधिक बढ़ा दें और वे अपने रब पर भरोसा रखते हों
116383الذين يقيمون الصلاة ومما رزقناهم ينفقون
ये वे लोग हैं जो नमाज़ क़ायम करते है और जो कुछ हमने दिया है उसमें से ख़र्च करते हैं
116484أولئك هم المؤمنون حقا لهم درجات عند ربهم ومغفرة ورزق كريم
वही लोग वास्तव में ईमानवाले है। उनके लिेए रब के पास बड़े दर्जे है और क्षमा और सम्मानित उत्तम आजीविका भी
116585كما أخرجك ربك من بيتك بالحق وإن فريقا من المؤمنين لكارهون
(यह बिल्कुल वैसी ही परिस्थित है) जैसे तुम्हारे ने तुम्हें तुम्हारे घर से एक उद्देश्य के साथ निकाला, किन्तु ईमानवालों में से एक गिरोह को यह अप्रिय लगा था
116686يجادلونك في الحق بعدما تبين كأنما يساقون إلى الموت وهم ينظرون
वे सत्य के विषय में उसके स्पष्ट हो जाने के पश्चात तुमसे झगड़ रहे थे। मानो वे आँखों देखी मृत्यु की ओर हाँके जा रहे हों


0 ... 105.6 106.6 107.6 108.6 109.6 110.6 111.6 112.6 113.6 114.6 116.6 117.6 118.6 119.6 120.6 121.6 122.6 123.6 124.6 ... 623

إنتاج هذه المادة أخد: 0.02 ثانية


المغرب.كووم © ٢٠٠٩ - ١٤٣٠ © الحـمـد لله الـذي سـخـر لـنا هـذا :: وقف لله تعالى وصدقة جارية

29893390533749564382568293210420975974